#यूपी_के_शिक्षामित्रों_का_दर्द: Pm Modi और BJP को आज वादा याद दिलाएंगे शिक्षामित्र, सोशल मीडिया पर एकजुट होकर उठाएंगे अपनी मांग

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सूरज मौर्य, द लीडर : उत्तर प्रदेश में धरना प्रदर्शन पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है. धरना प्रदर्शन पर रोक को देखते हुए उत्तर प्रदेश के 150000 शिक्षा मित्र अब सोशल मीडिया पर अपनी मांग जोरदार तरीके से उठाएंगे.

उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्रों ने सोशल मीडिया पर मांग उठाने के लिए सभी शिक्षामित्रों को एकजुट करते हुए अपनी मांग एक साथ रखने के लिए 31 मई 2021 की तारीख को निश्चित किया है. प्रदेश भर के शिक्षामित्रों से संगठनों ने अपील की है कि सोमवार को प्रदेशभर के शिक्षामित्र सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक, टि्वटर, युटुब,इंस्टाग्राम पर अपनी मांग उठाए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, भाजपा सरकार को उनके द्वारा शिक्षामित्रों से किए गए वादे को याद दिलाएं.

चुनाव के समय शिक्षामित्रों से किए गए थे वादे

एस एम फाउंडेशन के प्रदेश अध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार पांडे ने बताया कि विधान सभा चुनाव 2017 के संकल्प पत्र में शिक्षामित्रों की समस्या को शामिल किया गया था. शिक्षामित्रों से वादा किया गया था कि सरकार बनने के बाद 3 महीने के अंदर शिक्षामित्रों की समस्या का समाधान कर दिया जाएगा. भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने बनारस की धरती पर रैली को संबोधित करते हुए शिक्षामित्रों से कहा था कि शिक्षामित्रों की जिम्मेदारी मेरी हैं. उन्होंने शिक्षामित्रों को समस्या का समाधान करने का आश्वासन भी दिया था. धर्मेंद्र पांडे ने बताया कि आज 4 साल होने को है परंतु शिक्षामित्रों की समस्या का समाधान नहीं हुआ है. शिक्षामित्र लगातार सरकार के समक्ष विनती पूर्वक अपनी मांग करते रहे हैं.

महिला शिक्षामित्र अपना मुंडन भी करा चुकी

शिक्षामित्र कई प्रकार से धरना प्रदर्शन कर अपनी मांग करते रहे हैं. कई बार लखनऊ की धरती पर शिक्षामित्रों ने धरना प्रदर्शन किया है. विधानसभा का घेराव भी किया. काली पट्टियां बांधकर शिक्षण कार्य भी किया और लखनऊ से लेकर दिल्ली राष्ट्रपति भवन तक पदयात्रा की थी. भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जी को अपना ज्ञापन सौंपा था. मांग करते हुए पहले भी 101 ब्राह्मण शिक्षामित्र जनेऊ का त्याग कर चुके हैं और महिला शिक्षामित्र अपना मुंडन भी करा चुकी है

आश्वासन मिलने के बाद भी नहीं हुई पूरी मांग

आम शिक्षा मित्र एसोसिएशन की प्रदेश अध्यक्षा उमा देवी ने बताया कि 25 जुलाई 2017 को सुप्रीम कोर्ट से शिक्षा मित्रों का समायोजन निरस्त हो गया था. तब से वह प्रदेश भर के शिक्षा मित्रों के साथ को गार्डन पर शिक्षामित्रों की मांगों को लेकर धरना पर बैठी थी. प्रदर्शन के दौरान प्रदेशभर के शिक्षा मित्रों में से 101 ब्राह्मण शिक्षामित्रों ने अपने जनेऊ का त्याग किया था. उसके बाद प्रदेश की महिला शिक्षा मित्रों ने मेरे साथ अपने केशों का त्याग किया. तब भी शिक्षामित्रों की मांग नहीं पूरी हुई.

बाद में सरकार के द्वारा हाई पावर कमेटी शिक्षामित्रों के समाधान के लिए बनाई गई थी. जिसके अध्यक्ष उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा बनाये गए थे. उन्होंने आश्वासन दिया गया था कि जल्द ही शिक्षामित्रों की समस्या का समाधान हाई पावर कमेटी के निर्णय के द्वारा किया जाएगा, परंतु अब तक हाई पावर कमेटी का निर्णय भी नहीं आया है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द सरकार शिक्षामित्रों की समस्या का समाधान करते हुए शिक्षा मित्रों की सवेतन बहाली की जाए.

पदयात्रा में शामिल शिक्षा मित्र सचिन क्रांति भी कोरोना से नहीं बच पाए

लखनऊ से दिल्ली तक की पदयात्रा में शामिल प्रदेश के जुझारू शिक्षामित्र सचिन क्रांति भी कोरोनावायरस के संक्रमण से नहीं बच पाए और संक्रमित होकर पिछले महीने अस्पताल में अपनी जान गवा दी.

कितने शिक्षामित्र हैं प्रदेश भर में कार्यरत

उत्तर प्रदेश में 172000 शिक्षामित्र कार्य कर रहे थे जिसमें से कुछ शिक्षामित्र 72भर्ती, 69000 भर्ती और 68000 भर्ती आदि भर्तियों में चयनित हो गए. वर्तमान समय में लगभग 150000 शिक्षामित्र कार्य कर रहे हैं.

लगभग 5000 शिक्षामित्रों की जा चुकी है जान

प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ के त्रिभुवन सिंह ने बताया कि जबसे शिक्षामित्रों का समायोजन निरस्त हुआ है तब से लेकर अब तक मानसिक तनाव, ब्रेन हेमरेज, हार्ट अटैक या बीमारी से लगभग 5000 शिक्षामित्रों की जान जा चुकी है. हम लोग लगातार सोशल मीडिया के माध्यम से सरकार तक सूचना पहुंचाते रहे हैं परंतु अब तक किसी भी मृतक शिक्षा मित्र परिवार को सरकार से आर्थिक सहायता प्राप्त नहीं हुई है.

चुनाव ड्यूटी के दौरान भी शिक्षामित्रों ने गंवाई जान

एस एम फाउंडेशन के अध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार पांडे ने बताया कि अप्रैल माह से शुरू हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में प्रदेश भर के शिक्षामित्रों की ड्यूटी लगाई गई थी. जिसमें शिक्षामित्रों ने पूर्ण मनोयोग से कार्य किया और अपनी जिम्मेदारी को निभाया. इसी दौरान प्रदेश भर के बहुत से शिक्षामित्र कोरोनावायरस से संक्रमित हो गए. जिस कारण से अब तक लगभग 225 शिक्षामित्र कोरोनावायरस से संक्रमित होकर अपनी जान गवा चुके हैं और बहुत से शिक्षामित्रों का इलाज चल रहा है. उन्होंने मांग की है कि जिन शिक्षामित्रों की चुनाव में ड्यूटी लगने से कोरोनावायरस से संक्रमित होकर जान गई है उनके परिवार से एक व्यक्ति को नौकरी दी जाए और सरकार द्वारा परिवार के लिए आर्थिक सहायता भी प्रदान की जाए जिसकी मांग सोशल मीडिया पर 31 मई को प्रदेशभर के शिक्षामित्र करेंगे.

पहले भी शिक्षा मित्र सोशल मीडिया पर जोरदार तरीके से उठा चुके हैं अपनी मांग

शिक्षामित्र अपनी मांग सोशल मीडिया पर कई बार उठा चुके हैं. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर देखा गया है कि कई बार शिक्षामित्रों की मांग टॉप ट्रेंड में पहुंची है. इस बार शिक्षामित्र अपनी मांग बहुत जोरदार तरीके से विनम्रता पूर्वक सरकार के समक्ष रखने जा रहे हैं और सरकार को शिक्षामित्रों से किए गए वादे को याद दिलाएंगे. प्रदेश अध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार पांडे ने प्रदेशभर के समस्त शिक्षामित्रों से अपील की है कि वह अपने परिवार के सदस्यों के साथ सोमवार को जोरदार तरीके से विनम्रता पूर्वक सरकार को वादा याद दिलाएं और अपनी मांग रखें.

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