द लीडर : कुरान शरीफ से 26 आयतें हटाने संबंधी सुप्रीमकोर्ट में याचिका दाखिल करने वाले वसीम रिजवी का विरोध बढ़ता जा रहा है. शिया समुदाय से वसीम रिजवी के सामाजिक बहिष्कार के अगले दिन परिवार ने भी उससे नाता तोड़ लिया है. रविवार को लखनऊ के बड़ा इमामबाड़ा पर शिया समाज के हजारों लोगों की भीड़ जुटी है, जो वसीम के खिलाफ नारेबाजी कर रही है.
वसीम रिजवी शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन हैं और विवादित बयानबाजी को लेकर पहचाने जाते हैं. लेकिन इस बार वसीम ने मुसलमानों के सबसे पवित्र ग्रंथ-कुरान की कुछ आयतों को कट्टरपंथ-आतंकवाद को बढ़ावा देने वाला बता डाला है. इससे मुस्लिम समाज के हर फिरके में रोष है. शिया समुदाय वसीम के खिलाफ सड़कों पर है तो सुन्नी मुसलमान भी उसका विरोध कर रहे हैं.
Thousands of Muslims staged a protest at the Bada Imambara in #Lucknow on Sunday against former Shia Waqf Board chief #WaseemRizvi who has filed a petition for removal of 26 verses from the Holy Quran. pic.twitter.com/GVjR4pcJ6M
— IANS (@ians_india) March 14, 2021
सुन्नी-बरेलवी मुसलमानों के मरकज (केंद्र) दरगाह आला हजरत के सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन मियां ने वसीम रिजवी के दावे को खारिज करते हुए कहा कि कुरान-ए-पाक 1400 साल पहले नाजिल हुई. तब से आज तक इसमें एक नुक्ता यानी बिंदी का भी बदलाव नहीं हुआ है.
और न ही इसमें किसी फेरबदल की रत्ती भर भी गुंजाइश है. उन्होंने कहा कि किसी भी खलीफा ने इसमें कुछ घटाया बढ़ाया नहीं है. न ही कोई आयत समाज में गलत मैसेज देती है. बल्कि वसीम की ये सस्ती लोकप्रियता हासिल करने का जरिया है. दरगाह के प्रवक्ता नासिर कुरैशी ने कहा कि वसीम रिजवी जैसे लोग इंसानियत, समाज और देश के लिए खतरा हैं.
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दरगाह आला हजरत-ताजुश्शरिया के संगठन जमात रजा-ए-मुस्तफा के उपाध्यक्ष सलमान हसन खां ने वसीम रिजवी के इस कदम की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि मुकद्दस किताब में कोई बदलाव नहीं हो सकता. न ही इसकी कोई गुंजाइश है. उन्होंने कहा कि कुरान में कट्टरपंथ देखने वाले वसीम रिजवी जैसे ही लोग ही समाज और देश के लिए खतरा है.
असल में ऐसे लोग ही समाज में नफरत बढ़ा रहे हैं. वसीम रिजवी पर एनएसए के तहत कार्रवाई होनी चाहिए. जमात के प्रवक्ता समरान खान ने कहा कि वसीम ने मुस्लिम समाज की भावनाओं को चोट पहुंचाई है. सरकार को तत्काल कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए.