ताजमहल बनाने वाले शाहजहां तो याद हैं दुनिया की सबसे बड़ी मस्जिद तामीर कराने वाली महिला शाहजहां को हमने भुला दिया

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Shahjahan Taj Mahal Woman Worlds Largest Mosque

खुर्शीद अहमद


मुगल बादशाह शाहजहां को कौन नहीं जानता. जिन्हें, शानदार इमारतें तामीर करने (बनवाने) का शौक था. ताजमहल , लालकिला समेत आगरा, दिल्ली, लाहौर और कश्मीर में बहुत से भवन उनकी यादगार हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इतिहास में एक शाहजहां और हैं, जिन्हें भी उतनी ही शानदार इमारते निर्माण कराने का शौक था. फर्क इतना है कि ये शाहजहां महिला थीं और भोपाल की नवाब भी.

नवाब शाहजहां बेगम का जन्म 30 जुलाई 1838 में मध्यप्रदेश के भोपाल में हुआ. इनके पिता नवाब जहांगीर मोहम्मद खान बहादुर भोपाल के शासक थे. शाहजहां जब छह साल की थीं. तब पिता का इंतेकाल हो गया. दस्तूर के मुताबिक वह भोपाल की नवाब बनीं, लेकिन उम्र कम थी. इसलिए सरकारी कामकाज इनकी मां नवाब सिकंदर बेगम ने संभाला.

साल 1868 में तीस वर्ष की हुईं तो मां का भी इंतेकाल हो गया. उसके बाद वह पूरे अधिकारों के साथ नवाब बनीं. और 1901 में अपनी मृत्यु के समय तक भोपाल की नवाब रहीं.

इनकी शादी 1855 में बाकी मोहम्मद खां नुसरत जंग बहादुर से हुई. जिनका 1867 में इंतकाल हो गया. इस प्रकार वह मात्र 29 साल की उम्र में बेवा बन गईं थीं. तीन साल बाद खानदान वालों के दबाव में दूसरी शादी का फैसला किया. और विश्व स्तरीय आलिम नवाब सिद्दीक हसन खां कन्नौजी से इनकी शादी हुई. नवाब सिद्दीक हसन खां कन्नौजी बहुत बड़े आलिम व लेखक थे. उनकी लिखी हुई किताबों की संख्या 250 से अधिक है.

नवाब शाहजहां बेगम फारसी भाषा की शायरा थीं. ताजूर व शीरीं इनके तखल्लुस थे. मसनवी सिद्कुल बयान, ताजुल कला और दिवाने शीरीं, इनके शेर के दीवान रहे. इसके अतिरिक्त वह कई किताबों की लेखिका भी थीं. जिनमें तहजीबुन्निसवां ( महिलाओं के संस्कार ) काफी मशहूर हुई.


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वह बहुत ही अच्छी शासनाध्यक्षा थीं. उन्होंने जनता की भलाई के लिए काफी काम किए. अस्पताल बनवाए. उनके समय में चेचक के टीके का अविष्कार हुआ. जनता के बीच विभिन्न प्रकार की अफवाहें फैली हुई थीं, उन्हें दूर करने के लिए सबसे पहले अपने बच्चों को टीका लगवाया. सिंचाई का इंतजाम किया. टैक्स मे कटौती की.

अक्टूबर 1900 में इन्हें कैंसर हो गया. ग्यारह महीने इस बीमारी से जूझती रहीं और आखिर में हार गईं.

#ताजुल_मसाजिद

इन्होंने जिन भवनों का निर्माण कराया. उनमें भोपाल की शानदार मस्जिद ताजुल मसाजिद काफी मशहूर है. आज से तीस साल पहले यह मस्जिद विश्व की सबसे बड़ी मस्जिद मानी जाती थी. अब विश्व में कई बड़ी मस्जिदें बन गई हैं. लेकिन फिर भी यह विश्व की बड़ी मस्जिदों में से एक है. यह चार लाख वर्ग मीटर में बनी है. और 1,75,000 नमाजियों के लिए गुंजाइश रखती है.

#शाहजहां_मसजिद_वोवकिंग

यह इंग्लैंड में पहली मस्जिद थी. इससे पहले लोग घरों में नमाज अदा किया करते थे. नवाब शाहजहां बेगम ने इंग्लैंड का दौरा किया. और वहां मुस्लिम स्टूडेंट्स के कहने पर मस्जिद का निर्माण कराया.

#भोपाल_का_ताजमहल

अपने रहने के लिए रंगमहल के नाम से एक महल बनवाया था. जिसे उसकी खूबसूरती के कारण भोपाल का ताजमहल कहा जाता है. यह बहुत शानदार इमारत थी, जो करीब 13 वर्ष में बन कर तैयार हुई थी. अफसोस, देखभाल की कमी के कारण इसकी खुबसूरती बाकी न रही. और इसमें लगे हुए सामान को लोग लूट ले गए.


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इसके अलावा अस्पताल, ईदगाह और दूसरे भवनों का निर्माण भी किया गया. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के बनाए जाने में भी इन्होंने दिल खोलकर मदद की. इनकी बेटी नवाब सुल्तान बेगम और नवासे नवाब हमीदुल्ला खान AMU के चांसलर रह चुके हैं. अफसोस ये है कि पुरुषा शाहजहां तो हमें याद हैं लेकिन महिला शाहजहां को हम भूल गए.

(खुर्शीद अहमद, मूलरूप से यूपी के हैं. सऊदी अरब की इमाम यूनिवर्सिटी से अरबी भाषा और साहित्य में परास्नातक किया. फिलहाल अभी कतर में कार्यरत हैं.)

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