जस्टिस मार्केंडय काटजू
आज इंटरनेट पर पढ़ा कि गैंगेस्टर मुख्तार अंसारी को पंजाब की जेल से यूपी के बांदा में शिफ्ट कर दिया गया है. यह मुझे उसके बारे में एक कहानी की याद दिलाता है. मुख्तार अंसारी यूपी के गाजीपुर के एक बेहद सम्मानित परिवार से संबंध रखते हैं. उनके दादा इंडियन नेशनल कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके हैं, और चाचा आसिफ अंसारी 1970-80 के दशक में इलाहाबाद हाईकोर्ट के वरिष्ठ वकील थे.
उस वक्त में इलाहाबाद हाईकोर्ट में जूनियर वकील हुआ करता था. बाद में वह हाईकोर्ट में जज बने. दिल का दौरान पड़ने से उनका निधन हो गया था.
चूंकि मुख्तार अंसारी इतने अच्छे परिवार से संबंध रखते हैं. लेकिन किसी कारणवश (शायद जल्दी पैसा कमाने के लालच) में अपराध की जिंदगी शुरू कर दी. और कुछ ही सालों में यूपी के सबसे बड़े गैंगेस्टरों में से एक हो गए.
सुप्रीमकोर्ट पहुंचीं मुख्तार अंसारी की बीवी अफसा, फर्जी एनकाउंटर और माफिया बृजेश से जताया खतरा
मुझे याद है कि एक दिन मैं अपने वरिष्ठ शांति स्वरूप भटनागर के साथ उनके दफ्तर में बैठा था. तब एक युवा महिला कार्यालय में पहुंचीं. वह रो रही थीं. दरअसल, वह मुख्तार अंसारी की पत्नी थीं. उन्होंने शांति स्वरूप भटनागर को बताया कि पुलिस ने मुख्तार अंसारी को गिरफ्तार कर लिया है. और मुझे खबर है कि पुलिस उन्हें फर्जी एनकाउंटर में मार देगी.
चूंकि श्री भटनागर आसिफ अंसारी के करीबी दोस्त थे. स्नातक के दौरान दोनों लोग इलाहाबाद के अशोकनगर में एक ही घर में रहा करते थे. और बाद में दोनों कानून से जुड़ गए. मैं अक्सर उनके पास जाया करता था.
आसिफ अंसारी के निधन के बाद श्री भटनागर यूपी के महाधिवक्ता बने. इसी वक्त मुख्तार अंसारी की पत्नी श्री भटनागर से मिलने पहुंची थीं. उन्होंने फौरन यूपी के गृह सचिव को टेलीफोन किया. और अनुरोध किया कि ऐसा कोई एनकाउंटर न किया जाए. बल्कि उनके खिलाफ अन्य कार्रवाई करें.
श्री भटनागर के फोन इस तरह मुख्तार अंसारी की जान बचाई. बाद में वे बसपा के टिकट पर विधायक बने. लेकिन इसके बादा भी उनके ऊपर कई अपराधों के आरोप लगते रहे. मैं मुख्तार अंसारी से कभी नहीं मिला, लेकिन श्री भटनागर के यहां उनकी पत्नी से जरूर मिलना हुआ.
(जस्टिस मार्केंडय काटजू सुप्रीमकोर्ट के न्यायाधीश और प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष रहे हैं. वह इलाहाबाद कोर्ट में भी जस्टिस रहे हैं.)