सऊदी अरब ने लेबनान स्थित अल-क़र्द अल-हसन संघ को “आतंकवादी” इकाई के रूप में वर्गीकृत किया है, लेबनान के शिया समूह हिज़्बुल्लाह का समर्थन करने वाली गतिविधियों के लिंक का हवाला देते हुए, राज्य मीडिया ने यह जानकारी सार्वजनिक की है। (Saudi Calls Hezbollah Terrorist)
सऊदी राज्य समाचार एजेंसी ने बुधवार को सुरक्षा बयान के हवाले से कहा, “एसोसिएशन आतंकवादी संगठन (हिज़्बुल्लाह) के लिए धन के प्रबंधन और सैन्य उद्देश्यों के लिए समर्थन जुटाने और वित्तपोषण करती है।”
बयान में यह भी कहा गया है कि राज्य के अंदर एसोसिएशन से संबंधित सभी संपत्तियों को जब्त कर लिया जाना चाहिए और “एसोसिएशन के लाभ के लिए या किसी भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष सौदे को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए”।
मई में संयुक्त राज्य अमेरिका ने दुनियाभर की सरकारों से लेबनान के ईरान समर्थित समूह हिज़्बुल्लाह के खिलाफ कार्रवाई करने का आह्वान किया था। अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने सात लेबनानी नागरिकों पर प्रतिबंध लगाया, जिनके बारे में कहा गया था कि वे हिजबुल्ला समूह और इसकी वित्तीय फर्म अल-क़र्द अल-हसन से जुड़े थे।
लेबनानी राज्य मामलों में हिज़्बुल्लाह के मजबूत प्रभाव के कारण सऊदी अरब ने वर्षों तक लेबनान को दूर रखा है। हिज्बुल्ला आरोप लगाता रहा है कि सऊदी नेतृत्व वाला गठबंधन ईरान समर्थित मोर्चा हूती आंदोलन से जंग में उतरा हुआ है। (Saudi Calls Hezbollah Terrorist)
यहां बता दें, मध्य पूर्व में प्रमुख शिया और सुन्नी मुस्लिम शक्तियां ईरान और सऊदी अरब में वर्षों से प्रतिद्वंद्वी रहे हैं और 2016 में दोनों ने राजनयिक संबंध तोड़ दिए।
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लेबनान में इन दिनों दो वक्त का खाना भी दुश्वार है, महंगाई ने आसमान छू लिया है। इसकी बड़ी वजह ईंधन की कमी है। हर चीज को सहेजने के लिए फ्रीजर चाहिए, फ्रीजर के लिए बिजली, बिजली उत्पादन नहीं हो रहा तो जेनरेटर, जेनरेटर के लिए डीजल और डीजल है नहीं। (Saudi Calls Hezbollah Terrorist)
चोरी-छिपे मुहैया है, उसी की छीनझपट में तमाम जानें जा चुकी हैं। विस्फोट भी इसी वजह से होने की चर्चा रही है।
विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) का अनुमान है कि लेबनान महज दो सालों में खाद्य कीमतों में 628 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। लेबनानी पाउंड का लगभग 90 फीसद अवमूल्यन होने से यह देश आर्थिक मंदी में डूब गया है और तीन चौथाई आबादी दो वक्त के निवाले को तरस रही है।