लेबनान: फ्यूल टैंक में विस्फोट, 20 मरे, 80 जख्मी

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लेबनान के उत्तरी क्षेत्र अक्कर में एक फ्यूल टैंक में विस्फोट होने से कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई और लगभग 80 अन्य घायल हो गए, कई लापता लोगों की तलाश की जा रही है। घायलों को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया है।

आर्थिक संकट और ईंधन की कमी से जूझ रहे लेबनान में इस हादसे ने नई परेशानी खड़ी कर दी। आर्थिक मुसीबत की मार की वजह से चिकित्सा सेवाएं पहले ही चरमराई हुई हैं, ऐसे में घायलों का इलाज भी मुश्किल हो रहा है। अस्पतालों का हाल यह है कि बिजली संकट तक हल नहीं हो पा रहा। अक्सर ही बिजली कटौती होने से चिकित्सा सेवाएं ठप हो जाती हैं।

एनएनए के अनुसार, रविवार तड़के सेना द्वारा घेरे गए विस्फोट स्थल पर सैकड़ों अक्कर निवासी उमड़ पड़े। सैनिक और बचावकर्मी लापता लोगों और बचे लोगों के लिए इलाके में छानबीन कर रहे हैं।

रविवार को हुए हादसे पर लेबनानी रेड क्रॉस ने ट्विटर पर कहा, “हमारी टीमों ने अक्कर में ईंधन टैंकर विस्फोट में मारे गए लोगों के 20 शवों को क्षेत्रीय अस्पतालों में पहुंचाया है।”

लेबनानी रेड क्रॉस के जॉर्ज केतनेह ने स्थानीय मीडिया को बताया कि रात दो बजे से कुछ पहले विस्फोट की सूचना मिली। इस पर उन्होंने अलर्ट जारी किया कि यह त्रासदी देश के मात्र दो बर्न सेंटरों पर दबाव डालेगी, जो उत्तरी शहर त्रिपोली और राजधानी बेरूत में हैं।

रेडक्रॉस ने यह भी कहा कि हादसे में 79 अन्य लोग घायल हुए हैं। अक्कर अस्पताल के एक कर्मचारी यासीन मेटलेज ने कहा कि सात लाशें और दर्जनों जले हुए पीड़ित यहां आए हैं।

यासीन ने एएफपी को बताया, “लाशें इतनी जल चुकी हैं कि हम उनकी पहचान नहीं कर सकते हैं। कुछ का तो चेहरा ही पहचान में नहीं आ सकता, जबकि कई के बाजू जिस्म से लगभग अलग हो गए हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि अस्पताल को ज्यादातर घायलों को वापस करना पड़ा क्योंकि इस कदर गंभीर रूप से झुलसने का इलाज अस्पताल में मुहैया नहीं है।

अक्कर अस्पताल के मुहम्मद नाम के कर्मचारी ने कहा कि विस्फोट के बाद 30 से ज्यादा लोग घायल अवस्था में आए थे। उन्होंने कहा, “वे सभी जल गए हैं,” उन्होंने कहा कि कई लोगों को लौटा दिया गया क्योंकि अस्पताल में ऐसे मामलों के इलाज की सुविधा नहीं है।

कई रोगियों को 25 किलोमीटर (16 मील) से अधिक दूर त्रिपोली के अल-सलाम अस्पताल में रेफर किया गया। अल-सलाम में भीड़भाड़ ने की वजह से कई लोगों को बेरूत के गीतवी अस्पताल में जाना पड़ा, जो झुलसे रोगियों के लिए एक हद तक का ही इलाज कर सकता है।

इस मामले में आधिकारिक राष्ट्रीय समाचार एजेंसी ने कहा कि ईंधन का एक कंटेनर, जिसे सेना ने जब्त कर लिया था – होर्डिंग से आपूर्तिकर्ताओं को रोकने का प्रयास किया जा रहा था, कि विस्फोट हो गया। विस्फोट रातभर “कंटेनर के आसपास इकट्ठा हुए निवासियों” के बीच हाथापाई के बाद हुआ।

एजेंसी ने कहा कि निवासियों से लड़ाई और विस्फोट से पहले सेना ने क्षेत्र छोड़ दिया था। लेबनानी सेना ने शनिवार को कहा कि उसने हजारों लीटर पेट्रोल और डीजल जब्त किया, जिसे वितरक देशभर के स्टेशनों पर जमा कर रहे थे।

कार्यवाहक स्वास्थ्य मंत्री हमाद हसन ने देश भर के अस्पतालों को “मंत्रालय के खर्च पर अक्कर के अल-तालिल में दर्दनाक त्रासदी में घायल हुए लोगों काे भर्ती कर इलाज का निर्देश दिया है।” लेबनान के राष्ट्रपति मिशेल औन ने विस्फोट की परिस्थितियों की जांच को कहा है।

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विश्व बैंक की सूची में 1850 के दशक के बाद से सबसे खराब वित्तीय संकट से प्रभावित लेबनान, बढ़ती गरीबी, गिरती मुद्रा और गंभीर ईंधन की कमी से जूझ रहा है।

ईंधन की कमी की वजह से लोगों को दिन में सिर्फ दो घंटे बिजली मिल पा रही है, जबकि कई अस्पतालों ने हाल ही में चेतावनी दी कि बिजली की कमी के कारण उन्हें अस्पतालों को बंद करना पड़ सकता है। देश के शीर्ष निजी अस्पताल, अमेरिकन यूनिवर्सिटी ऑफ बेरूत मेडिकल सेंटर ने कहा कि अगर बिजली के लिए जेनरेटर चलाने को डीजल नहीं बचा पाया तो सोमवार सुबह तक अस्पताल बंद हो जाएगा, सिर्फ इस कारण से सैकड़ों मौतें होंगी।

लेबनान में पिछली गर्मियों में बेरूत बंदरगाह पर हुए विस्फोट की पहली बरसी के दो हफ्ते से भी कम समय बाद अक्कर विस्फोट हुआ है। तब, उस विस्फोट में 200 से ज्यादा लोग मारे गए थे।

4 अगस्त, 2020 को, अमोनियम नाइट्रेट उर्वरक के बेतरतीब ढंग से संग्रहीत स्टॉक में विस्फोट हो गया था, जिसने क्षेत्र को युद्धग्रस्त जैसा बना दिया। यह इतिहास के सबसे बड़े गैर-परमाणु विस्फोटों में से एक था। उस विस्फोट के लिए किसी भी अधिकारी को जिम्मेदार नहीं ठहराया गया।

बंदरगाह विस्फोट के बाद जनाक्रोश के चलते कैबिनेट को इस्तीफा देना पड़ा। इसके बाद राजनीतिक तकरार के बीच नई सरकार के गठन में काफी देर लगी, जिससे हालात और खराब हो गए। अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं ने लेबनान को मानवीय सहायता में करोड़ों डॉलर देने का वादा किया है। लेकिन पैसा आर्थिक सुधारों और नई सरकार की स्थापना की शर्त पर मिलेगा।


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