द लीडर। बिहार की पटना हाईकोर्ट ने सत्येंद्र सिंह हत्याकांड मामले में पूर्व सांसद विजय कृष्ण को बरी कर दिया है. इससे पहले उन्हें पटना सिविल कोर्ट से उम्रकैद की सजा मिली थी. सिविल कोर्ट ने साल 2013 में पूर्व सांसद सहित चार लोगों को भी उम्रकैद की सजा सुनाई थी.
जिसमें विजय कृष्ण के बेटे चाणक्य, अंगरक्षक उमेश सिंह और नौकर गगन को आईपीसी की धारा 302, 120 बी, 34 और 25 आर्म्स एक्ट के तहत दोषी पाया था.
हालांकि, गुरुवार पटना हाईकोर्ट ने सभी को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया. बताया जाता है कि विजय कृष्ण बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काफी करीबी थें. उन्होंने एक बार नीतीश कुमार को चुनाव में हराया भी था.
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सत्येंद्र सिंह की हत्या 23 मार्च 2009 में हुई थी. उनका शव गंगा नदी से बरामद हुआ था. इसके बाद सत्येंद्र के भाई गिरीश प्रसाद सिंह ने बाढ़ के पूर्व सांसद विजय कृष्ण, उनके बेटे चाणक्य, अंगरक्षक उमेश सिंह और नौकर गगन को इस हत्याकांड में नामजद अभियुक्त बनाया था.
यह केस लंबे समय तक पटना सिविल कोर्ट में चला, जहां कोर्ट ने चारों अभियुक्तों को उम्रकैद की सजा सुना दी थी. इस फैसले को पूर्व सांसद ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, जहां सुनवाई के दौरान सभी को निर्दोष पाया गया और कोर्ट ने उम्रकैद की सजा से बरी कर दिया.
साक्ष्य के अभाव में हुए बरी
वकील अजय ठाकुर ने बताया कि न्यायाधीश ए एम बदर और न्यायाधीश सुनील कुमार पवांर की खंडपीठ ने विजय कृष्ण की अपील पर यह फैसला सुनाया है. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि, प्रॉसीक्यूशन द्वारा पेश किए गए साक्ष्य पुख्ता नहीं थे और गवाहों के बयान भी अलग-अलग है.
इस मामले में विगत नौ मई को कोर्ट ने सुनवाई पूरी कर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था. आज कोर्ट ने पूर्व सांसद समेत चारों को बरी कर दिया.
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