द लीडर : नबीर-ए-आला हजरत एवं ऑल इंडिला इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के सुप्रीमो, मौलाना तौकीर रजा खां के रामपुर में प्रेस कांफ्रेंस करके जाने के बाद अगले दिन ही दरगाह हजरत हाफिज शाह जमालुल्लाह के सज्जादानशीन शाह फरहत अहमद जमाली को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है. गिरफ्तारी को लेकर सज्जादानशीन का कहना है कि उन पर यह कार्रवाई किसान आंदोलन का समर्थन करने पर की गई है.
रामपुर के अपर पुलिस अधीक्षक संसार सिंह ने बयान जारी किया है कि फरहत जमाली की गिरफ्तारी एनआरसी और सीएए को लेकर हुए बवाल में बतौर मुख्य साजिशकर्ता की गई है. गुजरे 21 दिसंबर को हुए बवाल में पुलिस की गोली लगने से एक युवक की मौत हो गई थी. पथराव और जमकर आगजनी हुई थी. आक्रोशित भीड़ ने पुलिस जीप को भी फूंक दिया था.
हाफिज साहब दरगाह के सज्जादानशीन की गिरफ्तारी से एक दिन पहले ही मौलाना तौकीर ने रामपुर पहुंचकर उनका समर्थन किया था. यह भी कहा था कि अगर फरहत मियां को गिरफ्तार किया गया तो वह भी गिरफ्तारी देंगे. पुलिस ने उनके इस एलान को दरकिनार करते हुए शनिवार सुबह आठ बजे बाजोड़ी टोला में दरगाह स्थित आवास पर दबिश देकर फरहत जमाली को गिरफ्तार कर लिया.
पहले उन्हें थाना लाया गया और वहां कागजी कार्रवाई पूरी करने के बाद जेल भेजा जा रहा है. इस संबंध में पुलिस की तरफ से वक्तव्य भी जारी किया गया है. अपर पुलिस अधीक्षक संसार सिंह ने कहा है कि रामपुर में 21 दिसंबर 2020 को जो बवाल हुआ था, उसमें बाजोड़ी टोला निवासी फरहत जमाली मुख्य साजिशकर्ता हैं. इससे पहले पुलिस ने फरहत जमाली समेत रामपुर के पांच प्रमुख उलमा को नोटिस जारी करके बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया था.
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फरहत जमाली को छोड़कर शेष सभी थाने जाकर अपने बयान दर्ज करा आए. इनमें शहर इमाम मौलवा मुफ्ती महबूब अली भी शामिल हैं. इससे उलट सज्जादानशीन फरहत जमाली ने अपने समर्थन में बरेली में दरगाह आला हजरत खानदान से ताल्लुक रखने वाले मौलाना तौकीर रजा खां को बुला लिया.
इतना होने के बाद पुलिस ने कार्रवाई तेज करते हुए फरहत जमाली को गिरफ्तार कर लिया.
इससे पहले एक महिला से बातचीत का ऑडियो भी वायरल हुआ है, जिसमें अश्लील बातचीत रिकॉर्ड की गई है. खैर सज्जादानशीन की गिरफ्तारी का मामला तूल पकड़ता दिख रहा है. उनके समर्थन में मौलाना तौकीर रजा खां भी सोमवार को एडीजी दफ्तर पहुंचकर गिरफ्तारी देंगे.
आला हजरत खानदान खानदान से ताल्लुक रखने वाले और आइएमसी के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खां ने आवास पर प्रेस कांफ्रेंस करके शाह फरहत की गिरफ्तारी को, दरगाह और खानकाहों पर हमला करार दिया है.
उन्होंने कहा है कि किसानों के आंदोलन से सरकार की जो बदनामी और नुकसान हुआ है. उसकी भरपाई के लिए वो पुराने तरीके, खालिस्तानी-पाकिस्तानी का माहौल बनाने की कोशिश की कर रही है. ‘मैं समझता हूं कि यह तानाशाही है कि जिससे आजादी भी खतरे में है.
इससे पहले कि दूसरे लोगों पर झूठे इल्जाम लगाए जाएं. अगर मुझे आजादी से किसी का समर्थन करने या अपनी बात कहने का हक नहीं है. तो हमें आजाद रहने का कोई हक नहीं. मैं शाह फरहत जमाली की गिरफ्तारी और किसानों के समर्थन में अपनी गिरफ्तारी दूंगा.