द लीडर। देशभर में ईद, अक्षय तृतीया और परशुराम जयंती को लेकर प्रशासन अलर्ट है. उत्तर प्रदेश के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने कहा कि, पुलिस की व्यापक व्यवस्था की गई है. सभी धर्मगुरुओं से बातचीत हो गई है.
पुलिस-प्रशासन और धर्मगुरुओं द्वारा यह अपील की जा चुकी है कि सभी त्योहार परंपरागत तरीके से मनाये जाने हैं. किसी भी सार्वजनिक स्थल को बाधित नहीं करना है. धर्मगुरुओं की अपील और आपसी सहयोग से भारी संख्या में लाउडस्पीकर भी धार्मिक जगह से हटाए गए और उनकी आवाज भी कम की गई है.
धार्मिक स्थानों पर रखी जाएगी नजर
एडीजी ने कहा कि ईद में 7436 ईदगाह और 19,949 मस्जिदों समेत कुल 31151 जगहों पर नमाज अता की जाएगी. संवेदनशीलता के आधार पर 2846 स्थानों के लिए व्यापक व्यवस्था की गई है.
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धर्मगुरुओं के साथ लोगों के साथ हमारी बैठक हो चुकी हैं. अब तक सहमति के आधार पर 60,178 स्पीकर हटाए जा चुके हैं. उतने ही लाउडस्पीकर की आवाज भी कम की जा चुकी है.
कल 03 मई को ईद, परशुराम जयंती और अक्षय तृतीया का पावन पर्व है।
वर्तमान परिवेश को देखते हुए पुलिस/प्रशासन को अतिरिक्त संवेदनशील रहना होगा।
हर एक पर्व शांति और सौहार्द के बीच सम्पन्न हो इसके लिए स्थानीय जरूरतों के दृष्टिगत सभी जरूरी प्रयास किए जाएं: #UPCM @myogiadityanath
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) May 2, 2022
एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने कहा कि विद्युत विभाग, जल विभाग से बातचीत करके बिजली-पानी की तरह साफ-सफाई की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए.
नमाज के दौरान पशुओं का आवागमन न हो, उसके लिए भी व्यापक प्रबंधन करने के लिए सभी जनपदों को अवगत कराया जा चुका है. इसके अलावा साजिश के तहत किसी तरह की घटना करके धार्मिक स्थानों को कोई क्षति न पहुंचाया जाए, ये भी देखा जा रहा है.
धार्मिक कार्यक्रम, पूजा-पाठ आदि निर्धारित स्थान पर ही हों।
धर्मगुरुओं से संवाद बना कर यह सुनिश्चित करें कि सड़क मार्ग, यातायात बाधित कर कोई धार्मिक आयोजन न हो: #UPCM @myogiadityanath
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) May 2, 2022
एडीजी ने कहा कि धर्म ग्रंथों के साथ कोई खिलवाड़ हो, उसके विशेष प्रबंध किए जा रहे हैं और सोशल मीडिया पर लगातार जो भी पोस्ट आ रहे हैं, उस पर निगरानी की जा रहे हैं. हम लोग कॉन्फिडेंट हैं. आश्वस्त हैं. अलविदा की नमाज के दौरान नॉर्मल से अधिक भीड़ होती है. उसके लिए कमेटी और पुलिस प्रशासन के बीच में वार्ता हो चुकी है. परंपरा के हिसाब से व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जायेंगी.
बता दें कि इससे पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजन को लेकर चेतावनी दी है. सीएम के मुताबिक धार्मिक कार्यक्रम, पूजा-पाठ आदि निर्धारित स्थान पर ही हों. उन्होंने कहा है कि धर्मगुरुओं से संवाद बना कर यह सुनिश्चित करें कि सड़क मार्ग, यातायात बाधित कर कोई धार्मिक आयोजन न हो.
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