द लीडर : उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में लव-जिहाद (Love Jihad) के एक मामले में फंसे तीन मुस्लिम युवकों को पुलिस जांच से बड़ी राहत मिली है. पुलिस ने अपनी जांच में शिकायत को फर्जी (Fake) पाते हुए केस रद कर दिया है. घटनाक्रम फरीदपुर क्षेत्र का है. नर्सिंग की एक छात्रा के मामा ने तीन युवकों के विरुद्ध शादी के लिए धर्म परिवर्तन के दबाव का मामल दर्ज कराया था. (Muslim Fake Love Jihad Case)
शिकायत में ये आरोप लगाया था कि 1 दिसंबर को छात्रा बरेली से पढ़ाई कर लौट रही थी. तभी तीन युवकों ने उसकी स्कूटी रोक ली. बाद में शादी कर धर्म बदलने या अंजाम भुगतने की धमकी देकर चले गए.
31 दिसंबर को फरीदपुर थाने में ये तहरीर दी गई. पुलिस ने शुक्रवार को शिकायत दर्ज कर जांच शुरू की.
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने अपनी जांच में पाया कि घटना वाले दिन मुख्य आरोपी कस्बे से बाहर था. जांच में पुलिस ने मोबाइल सर्विलांस का सहारा लिया.
एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने कहा कि जांच में ये पाया गया है कि तीनों आरोपियों के विरुद्ध गलत तरीके से मामला दर्ज किया गया है, जिसे रद किया जाएगा.
प्रेम-प्रसंग का सामने आया मामला
युवती का तीन में से एक युवक के साथ प्रेम प्रसंग था. पिछले साल 9 सितंबर को युवती उसके साथ दिल्ली चली गई थी. करीब 15 दिन तक दोनों दिल्ली के तुगलकाबाद में रहे.
युवती के परिजनों ने पुलिस में इसकी शिकायत की, तब दोनों लौटे. इसके बाद 11 दिसंबर को परिजनों ने लड़की की शादी कर दी.
लव जिहाद कानून पर 104 पूर्व नौकरशाहों की सीएम योगी आदित्यनाथ काेे चिट्ठी, कहा कानून का हो रहा दुरुपयोग
कानून के दुरुपयोग पर पत्र लिख चुके पूर्व नौकरशाह
राज्य सरकार गत वर्ष नवंबर में ‘विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश-2020’ लाई है. 28 नवंबर को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने इसे मंजूरी दी थी. इसके बाद से राज्य में ये कानून लागू है. इसके अंतर्गत प्रदेश में अब तक करीब 14 मामले दर्ज किए जा चुके हैं.
बीते दिनों देश के 104 पूर्व नौकरशाहों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा था. इसमें कहा था कि धर्म परिवर्तन कानून का मुस्लिमों के विरुद्ध दुरुपयोग किया जा रहा है. उन्होंने इसे निरस्त करने की मांग उठाई थी.