बिहार श्मशान घाट के बाहर लगी लाश जलाने की रेट लिस्ट, 10, 500 रुपये का खर्चा

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Rate List Burning Dead Body Outside Bihar Crematorium Cost 10500

बिहार : कितना मुश्किल वक्त है. महामारी ने ने मानवता को हिलाकर रख दिया है. कोई इससे अछूता नहीं है. नेता, अभिनेता, उद्योगपति और अफसर. सब इसकी जद में हैं. आम इंसान अपने दम पर मदद में जुटा है. मनुष्यों को बचाने का संघर्ष कर रहा है. लेकिन कुछ लोगों के लिए ये आपदा एक अवसर है. कमाई का. संवेदनाओं के सौदे का. लाशों से दौलत जुटाने का.

बिहार के बांस घाट विद्युत शवदाह गृह के बाहर एक बोर्ड लगा है. कांग्रेस नेता सज्जाद अहमद खान ने इसका फोटो अपने ट्वीट पर शेयर किया है. असल में ये चिता फूंकने के खर्च की लिस्ट है. एक चिता फूंकने का कुल 10,500 रुपये खर्चा दर्शाया गया है. इसमें 800 रुपये मन लकड़ी की कीमत है. 9 मन की का भाव 7200 रुपये बैठता है. चिता जलाने की दिहाड़ी 2000 रुपये है. कपूर, पुआल, गुल्ली और अन्य सामग्री की कीमत 1300 रुपये है. इस तरह 10,500 रुपये चुकाने पर ही चिता को अग्नि दे सकते हैं.

ये अलग बात ये है कि बिहार के कॉरपोरेट, खेतिहर क्षेत्रों में श्रमिकों की दिहाड़ी बमुश्किल 200-250 रुपये ही है. लेकिन चिता जलाने की दिहाड़ी 2000 रुपये रखी गई है.


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पिछले दिनों पटना से एक खबर आई कि नगर निगम तीनों विद्युत शवदाह गृहों को निजी एजेंसी को ठेके पर देने जा रही है. इसमें बांस घाट भी शामिल है. इसके अलावा गुलाबी घाट, खाजेकलां शवदाह गृह हैं. इन तीनों शवदाह गृहों को ठेके पर उठाने के पीछे जो वजह बताई गई है. वो ये कि यहां लोगों से अधिक खर्च वसूला जा रहा है.

इसको लेकर बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सरकार पर निशाना साधते हुए कड़ी आलोचना की थी. उन्होंने कहा था कि सरकार न तो जीवितों को बचा पा रही है और न ही मृतकों के अंतिम संस्कार की व्यवस्था कर पा रही है.


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बिहार ही नहीं, लखनऊ से भी ऐसी खबरें आई थीं कि चिता जलाने के लिए 12-15 हजार रुपये तक का खर्च आ रहा है. गाजियाबाद, वाराणसी और लखनऊ के श्मशान स्थलों में इतनी चिताएं जल रही हैं कि जगह कम पड़ रही है. इसलिए परिजनों को चिता जलाने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है.

लेकिन बिहार के बांस घाट शवदाह गृह के बाहर जिस तरह से खर्च की लिस्ट लगाई गई है. वो निश्चित रूप से आम इंसान के प्रति मर चुकी संवेदनाओं का संकेत है.

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