रामदेव की नई पलटी: एलोपैथी का मेडिकल कॉलेज खोलेंगे

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द लीडर देहरादून।

एलोपैथी और आइएमए पर लगातार तीर चला रहे रामदेव कुछ भाजपा नेताओं के साथ आने के बाद कहाँ तो आइएमए को जवाबी नोटिस भेजने की बात कर रहे थे औऱ कहाँ अब फिर से एलोपेथी के महत्व पर व्याख्यान देने लगे। एक बार फिर पलटी मारते हुए रामदेव ने अब एलोपेथी की तारीफ की है और उसे बढ़ावा देने के लिए अब एक मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा कर दी है।
रामदेव हर दिन नए बयान दे रहे हैं। इस बार वह पहले के सारे बयानों से पलट गए। उन्होंने कहा कि वह एलोपैथी और एलोपैथिक चिकित्सकों का भरपूर सम्मान करते हैं। पतंजलि योगपीठ भविष्य में एलोपैथिक मेडिकल कॉलेज का निर्माण करेगा और एलोपैथिक एमबीबीएस डॉक्टर बनाएगा।
उन्होंने कहा कि वह चिकित्सा पद्धति और चिकित्सकों को धरती पर भगवान का स्वरूप मानते हैं। यह सारा विवाद एक गलतफहमी का नतीजा है, जिन बातों को लेकर उन पर आरोप लगाए जा रहे हैं, वह उनके बयान ही नहीं थे। इसी तरह उन्होंने कहा कि वह ईसाई, इस्लाम, ब्राह्मण और शूद्र आदि जाति या धर्म को लेकर कोई विभेद या भेदभाव नहीं करते। उन्होंने न सिर्फ इन मुद्दों पर खेद प्रकट किया, बल्कि क्षमा भी मांग ली है। फिर भी विवाद को तूल दिया जा रहा है। रामदेव ने यह भी कहा कि वह चाहते हैं कि एलोपैथी के सर्वश्रेष्ठ और आयुर्वेद के सर्वश्रेष्ठ को लेकर एक साथ एक ऐसी पैथी विकसित की जाए जो सर्व सुलभ हो और अचूक हो।

पहले बोले थे इन डॉक्टरों की कोई इज्जत ही नहीं!

रामदेव के पुराने बयानों को लेकर लोग अब भी उन्हें सोशल मीडिया में ट्रोल कर रहे हैं। वर्ष 2012 में पेट्रोल और डीजल की कीमतों को लेकर उन्होंने ट्विट किया था। अब इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) के किए गए एक हजार करोड़ की मानहानि के दावे का माखौल उड़ाते हुए कहा कि- जिनकी कोई इज्जत नहीं, वो एक हजार करोड़ की मानहानि का दावा कर रहे हैं। उन्होंने यह बात शुक्रवार को इंटरनेट मीडिया के एक लाइव प्रोग्राम में कहीं।
योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा कि इस वक्त देश में धार्मिक, वैचारिक और सांस्कृतिक आतंकवाद तेजी से फैल रहा है। अब ट्रीटमेंट आतंकवाद भी पैदा हो गया है। कहा कि उनकी लड़ाई इनके खिलाफ हैं। एलोपैथिक का यह कारोबार करीब दो लाख करोड़ का है, वह इसके खिलाफ लड़ रहे हैं। सरकार चाहे उनका साथ दे या ना दे। भले ही सरकार उनका विरोध करें पर उनकी लड़ाई जारी रहेगी और वह इसमें सफल होंगे।
आकस्मिक स्थितियों में वह एलोपैथी इलाज और चिकित्सा को जरूरी समझते हैं, मान्यता देते हैं, पर इसका मतलब यह नहीं कि इलाज की केवल यही अवस्था है और यही विधि है। आपके पास लाइफ सेविंग ड्रग्स और एडवांस सर्जरी है। हमारे पास 98 चीज हैं। अस्पतालों में कोरोना के इलाज के लिए जिन-जिन भी दवाओं का इस्तेमाल उपयोग किया जा रहा है, उनमें से किसी भी एक दवा का कोरोना के इलाज प्रोटोकॉल के तहत क्लीनिकल ट्रायल अब तक नहीं हुआ है।

विवाद को बालकृष्ण ने ईसाइयत से जोड़ा था

आयुर्वेद बनाम एलोपैथ को लेकर हो रहे विवाद को रामदेव के सहयोगी आचार्य बालकृष्ण ने ईसाई मंतातरण से जोड़ा है। उन्होंने कहा तहस कि देश में ईसाइयत को बढ़ावा देने के साथ ईसाई बनाने की साजिश रची जा रही है। इसी के तहत बाबा रामदेव को निशाना बनाया जा रहा है, योग और आयुर्वेद को बदनाम किया जा रहा है। इसके बाद तो भाजपा के कई नेता भी रामदेव के समर्थन में खुल कर लिखने लगे।

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