द लीडर | विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ लंबे किसान आंदोलन के सूत्रधार रहे भारतीय किसान यूनियन को लेकर एक बड़ी खबर है। देश का ये बड़ा किसान संगठन अब दो धड़ों में बंट चुका है और सबसे खास बात ये है कि किसान आंदोलन का बड़ा चेहरा रहे राकेश टिकैत और उनके भाई नरेश टिकैत को संगठन से अलग कर दिया गया है। चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत की पुण्यतिथि के मौके पर संगठन में ये बड़ा फेरबदल हुआ है।
अराजनैतिक होने का दम भरने के बावजूद विधानसभा चुनावों में खुलकर भाजपा के खिलाफ राजनीति करना टिकैत बंधुओं (नरेश टिकैत और राकेश टिकैत) को महंगा पड़ गया। उनके निकट सहयोगियों ने उनका साथ छोड़ते हुए नए किसान संगठन भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक का गठन किया है। इसमें जिले की दूसरी सबसे बड़ी गठवाला खाप के चौधरी को चेयरमैन और राष्ट्रीय संरक्षक बनाया गया है।
आंदोलन के दौरान बवाल
किसान आंदोलन के दौरान कई बार हिंसा भी हुई। 26 जनवरी 2021 को रैली में बवाल हुआ। बाद में लालकिले पर धार्मिक झंडा फहराया गया। आंदोलन टूटने ही वाला था लेकिन राकेश टिकैत के आंसुओं ने किसानों को वापस आने पर मजबूर कर दिया। राकेश टिकैत ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि वह किसानों को मारने की साजिश कर रही है। आज हिंसा की घटनाओं को लेकर भाकियू में ही लोग विद्रोह पर उतर आए। उन्होंने हिंसा को गलत ठहराया। कई लोग राकेश टिकैत को इसका जिम्मेदार बता रहे हैं।
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लखनऊ में बुलाई गई बैठक
दरअसल लखनऊ में राजेश सिंह चौहान की अध्यक्षता में भारतीय किसान यूनियन की एक बैठक हुई। जिसमें भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) का गठन करने का फैसला हुआ। इस संगठन के अध्यक्ष भी खुद राजेश सिंह चौहान हैं। अब तक नरेश सिंह टिकैत भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष थे। भारतीय किसान यूनियन की इस बैठक में नरेश टिकैत और राकेश टिकैत शामिल नहीं थे।
सरकार ने नोटिस से डरा दिया
टिकैत का कहना है कि इसके पीछे सरकार है। सरकार ने नोटिस से डरा दिया। उन्होंने कहा कि जिस तरीके से जनवरी 2021 में लोगों ने सरेंडर किया था, उसी तरीके से आज भी चंद लोगों ने सरकार के सामने सरेंडर कर दिया। पहले भी हमारे संगठन से कई लोग बाहर जा चुके हैं, यूपी में ही भारतीय किसान यूनियन से टूटकर 8-10 संगठन बन चुके हैं। राकेश टिकैत ने कहा कि लखनऊ में जो हमारा कार्यालय है उस पर एक से दो करोड़ रुपए का बिल बन गया था, लगता है सरकार ने नोटिस से डरा दिया। उन्होंने कहा कि मैं किसी के खिलाफ कुछ नहीं बोलूंगा, क्योंकि कई लोगों के साथ मैंने सालों से काम किया है।