राहत: ‘ऑक्सीजन एक्सप्रेस’ ट्रेन शुरू, अब नहीं होगी ऑक्सीजन की दिक्कत

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नई दिल्ली। कई शहरों में ऑक्सीजन की कमी की बात कही जा रही थी वो अब खत्म हो जाएगी. क्योंक‍ि रेलवे ‘ऑक्सीजन एक्सप्रेस’ ट्रेन चलाने जा रहा है. यह ऑक्सी‍जन एक्सप्रेस ट्रेन ग्रीन कोर‍िडोर के जर‍िए महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, दिल्ली और उत्तर प्रदेश समेत अन्यस राज्यों में सप्लाई की जाएगी.

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कई राज्यों के सीएम ने केंद्र को लिखा था पत्र

बता दें क‍ि, कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने केन्द्र की नरेंद्र मोदी सरकार को पत्र ल‍िखकर जल्द ऑक्सीजन की सप्लाई करने की मांग की है. इस पर केन्द्र सरकार ने देश के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों में 162 प्रेशर स्विंग ऐड्सॉर्प्शन (पीएसए) ऑक्सीजन संयंत्र लगाने की पहल की है.

वहीं, रेलवे ने आज से ऑक्सीजन की ढुलाई के लिए विशेष रेलगाड़ी चलाने की घोषणा की है.

रेलवे देशभर में तरल चिकित्सा ऑक्सीजन और ऑक्सीजन सिलिंडरों की आपूर्ति के लिए आज से ‘ऑक्सीजन एक्सप्रेस’ चला रहा है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि, स्वास्थ्य केंद्रों में 162 पीएसए ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित करने का कार्य चल रहा है. और 24 घंटे का प्रकोष्ठ राज्यों के साथ समन्वय कर रहा है.

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154.19 एमटी बढ़ जाएगी मेडिकल ऑक्सीजन क्षमता

मंत्रालय ने ट्वीट किया क‍ि, इनसे मेडिकल ऑक्सीजन क्षमता 154.19 एमटी (मीट्रिक टन) बढ़ जाएगी. पीएसए संयंत्र ऑक्सीजन का उत्पादन करते हैं और अस्पतालों को चिकित्सा ऑक्सीजन की अपनी जरूरत के संदर्भ में आत्मनिर्भर बनने में मदद करते हैं. इनसे चिकित्सा ऑक्सीजन की आपूर्ति को लेकर नेशनल ग्रिड पर बोझ भी घटेगा.

राज्यों की पूरी मदद की जा रही

मंत्रालय ने इससे पहले 50,000 मीट्रिक टन चिकित्सा ऑक्सीजन के आयात के लिए निविदा निकालने का निर्णय लिया है. वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि, रेमडेसिविर दवा का उत्पादन दोगुना करने, निर्बाध ऑक्सीजन की आपूर्ति करने और कोविड-19 टीका मुहैया कराने के साथ-साथ स्वास्थ्य अवसंरचना को बढ़ाने के लिए राज्यों की पूरी मदद की जा रही है.

ऑक्सीजन के औद्योगिक इस्तेमाल पर रोक

सभी राज्यों को भेजे पत्र में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा कि, कोविड-19 के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी और इस कारण मेडिकल ऑक्सीजन की बढ़ती मांग के मद्देनजर केंद्र सरकार की तरफ से गठित उच्चाधिकार प्राप्त एक समिति ने औद्योगिक इस्तेमाल के लिए ऑक्सीजन आपूर्ति की समीक्षा की है. ताकि देश में मेडिकल ऑक्सीजन की मांग पूरी की जा सके और लोगों की जान बचाई जा सके.

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इसी के मुताबिक उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने 22 अप्रैल से निर्माताओं और आपूर्तिकर्ताओं द्वारा औद्योगिक उद्देश्य के लिए ऑक्सीजन की आपूर्ति अगले आदेश तक प्रतिबंधित कर दी है. इसमें नौ विशिष्ट उद्योगों को छूट दी गई है.

महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश सरकार ने पूछा ये सवाल?

मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र की सरकारों ने इससे पहले रेलवे से पूछा था कि, क्या उसके रेल नेटवर्क के जरिये तरल मेडिकल ऑक्सीजन टैंकरों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जा सकता है. देश में सबसे बड़े इस्पात निर्माता सेल, टाटा स्टील और आर्सल मित्तल निप्पन स्टील इंडिया ने कहा कि, वे अस्पतालों को ऑक्सीजन की आपूर्ति कर रहे हैं.

इस्पात मंत्रालय के अनुसार इस्पात कारखानों में 28 ऑक्सीजन संयंत्र हैं. ये संयंत्र सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों में स्थित हैं जो प्रतिदिन 1,500 टन चिकित्सा ऑक्सीजन की आपूर्ति कर रहे हैं. इसके अलावा 30 हजार मीट्रिक टन के अतिरिक्त स्टॉक को भी चिकित्सा इस्तेमाल के लिए उपलब्ध कराया गया है.

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