द लीडर : सऊदी अरब के मक्का और मदीना, जोकि दुनिया भर के मुसलमानों के सबसे पवित्र स्थल हैं. वहां सऊदी सरकार के सिनेमाघर खोलने को लेकर मुस्लिम समुदाय में आक्रोश है.खासतौर से भारत में. दरगाह आला हजरत से जुड़ी सामाजिक संस्था, रजा एकेडमी ने गुरुवार को मुंबई में विरोध-प्रदर्शन किया. जहां एक सुर में ये आवाज बुलंद की गई कि मदीना में सिनेमाघरों का खोलना किसी भी सूरत में मंजूर नहीं है. (Raza Academy Cinema Madina)
रजा एकेडमी के अध्यक्ष सईद नूरी ने इस्लामिक देशों से भी आह्वान किया है कि वे आगे आकर सऊदी हुकूमत के इस कदम के खिलाफ विरोध दर्ज कराएं. इसलिए, क्योंकि मदीना और मक्का से केवल सऊदी का ही नहीं, बल्कि दुनिया भर के मुसलमानों का रिश्ता है.
आरोप लगाया कि सऊदी सरकार इजरायल के इशारे पर इस्लाम को बदनाम कर रही है. और ऐसा करके इसने एक इस्लामिक राष्ट्र होने का मर्तबा खो दिया है. अब अरब को घूमने-फिरने के लायक बनाया जा रहा है. जहां सिनेमाघरों जैसी व्यवस्थाएं की जा रही हैं.
लेकिन मक्का और मदीना शरीफ में सिनेमाघरों का खोलना जाना, दुनियाभर में गलत संदेश पहुंचाएगा. चूंकि दोनों शहरों का जिक्र कुरान शरीफ में है. लिहाजा सरकार वहां सिनेमा खोलने की अपनी योजना को फौरन रद कर दे. (Raza Academy Cinema Madina)
सईद नूरी ने कहा, मुकद्दस मदीना शरीफ सऊदी ही नहीं बल्कि दुनिया भर के मुसलमानों की अकीदत का सबसे बड़ा केंद्र है. वहां सिनेमाघरों का खुलना, इस्लाम की बुनियादी शिक्षा के खिलाफ है.
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इस्लाम में नाच, गाना और तमाशा-इस सबकी मनाही है. ये जानते हुए भी सऊदी हुकूमत मक्का और मदीना जैसी मुकद्दस जगहों पर सिनेमाघर बना रही है.
दरअसल, एएमसी ग्रुप सऊदी में 40 सिनेमाघर बना रहा है. जिसमें दस सिनेमा हाउस अकेले मदीना में बनाए जाने का प्लान है. यही रजा एकेडमी की नाराजगी की वजह है. अकादमी ने दुनिया भर के मुसलमानों से आग्रह किया है कि हुकूमत के इस फैसले का विरोध करें. (Raza Academy Cinema Madina)
ऑल इंडिया सुन्नी जमियातुल उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष सय्यद मोईनुद्दीन अशरफ ने कहा कि अगर सऊदी सरकार सिनेमाघर खोलने पर रोक नहीं लगाती है. तो हम सऊदी एंबेसी के बाहर विरोध दर्ज कराएेंगे.
विरोध को लेकर उन्होंने कहा कि ये हमारा अधिकार है. भारत में विरोध के जरिये हम अपनी बात सऊदी हुकूमत तक पहुंचाना चाहते हैं. मक्का और मदीना, दोनों शहर हर मुसलमान के दिल के करीब हैं. जहां किसी भी तरह की गैर-इस्लामिक गतिविधि स्वीकार नहीं है.