द लीडर : असम के दरांग जिले से दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है. अतिक्रमण के नाम पर मकान ढहाए जाने का विरोध कर रहे ग्रामीणों पर पुलिस ने ओपन फायरिंग कर दी. इसमें दो ग्रामीणों की मौत होने की सूचना है. जबकि 9 पुलिस कर्मी घायल बताए जा रहे हैं. दरांग जिले के एसपी सुशांत बिस्व सरमा ने इसकी पुष्टि की है.
घटना का एक वीडियो वायरल हो गया है. जिसमें लाठी लेकर दौड़ते एक ग्रामीण को पुलिस के जवान पहले सीने में गोली मारते है. फिर डंडे से बुरी तरह पीटते हैं. उनके साथ सिविल ड्रेस में मौजूद एक कैमरामैन अधमरे हो चुके ग्रामीण के सीने पर कूदता दिख रहा है. और गले में घूंसा मारता देखा जा रहा है. (Assam Police Firing Protest)
पुलिस की फायरिंग में मारे गए ग्रामीणों के नाम सद्दाम हुसैन और शेख फरीद बताए जा रहे हैं. वहीं, पुलिसकर्मियों के साथ सिविल ड्रेस में मौजूद कैमरामैन का नाम वीजॉय वनीया बताया जा रहा है.
वायरल वीडियो देखकर लोग हिल गए हैं. और सरकार-पुलिस की इस कार्रवाई पर आक्रोश जता रहे हैं. सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ ने ट्वीट कर कहा-दरांग जिले के धालपुर गांव से कब्जा हटाने का नोटिस रात में चस्पा किया गया. इसका विरोध कर रहे ग्रामीणों पर पुलिस ने गोली चला दी. जिसमें दस मासूम घायल हुए हैं. सीपीआइएमएल की नेता कविता कृष्णन ने घटना का वीडियो शेयर किया है. उन्होंने कहा कि अवैध नागिरक का प्रोपोगैंडा फैलाकर पुलिस का हमला निंदनीय है.
असम : दरांग जिले के सिपाझर इलाके में अतिक्रमण हटाने के विरोध प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों पर पुलिस ने फायरिंग की. जिसमें करीब 10 लोग घायल हुए हैं. इसका एक वीडियो वायरल हो गया है. जिसमें लाठी लेकर दौड़ते ग्रामीण को पुलिस और एक कैमरामैन मारते देखे जा रहे हैं.
By @kavita_krishnan pic.twitter.com/W67si6wY4r— The Leader Hindi (@TheLeaderHindi) September 23, 2021
सिपाझर इलाके में पिछले कई दिनों से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई चल रही है. जहां से करीब 800 परिवारों को मकान ढहा दिए गए हैं. जिससे इन घरों के सैकड़ों लोग बेघर हैं.
एक दिन पहले ही बारिश के बीच इन परिवारों का एक वीडियो वायरल हो गया था. जिसमें वह ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे डेरा डालकर अपनी जान बचाते नजर आ रहे थे. गुरुवार को ही एक और वीडियो सामने आया. जिसमें सैकड़ों लोग एकजुट होकर सरकार की इस कार्रवाई के खिलाफ विरोध दर्ज करा रहे थे.
और इसी बीच पुलिस ने ग्रामीणों पर कार्रवाई शुरू कर दी. जिसमें अंधाधुंध ग्रामीणों पर गोली चलाते देखे गए हैं.
पुलिस प्रदर्शनकारियों पर लाठियां भांज रही है गोलियां चला रही है. ये सब ऑन कैमरा हो रहा है. जिसमें पुलिस के साथ एक कैमरामैन भी ग्रामीणों को मारता देखा जा रहा है. इस घटना को लेकर सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ देश के आम लोगों में उबाल है.
सिपाझर इलाके से हटाए गए अतिक्रमण में अधिकांश मुस्लिम समाज से जुड़े लोग हैं. दूसरे समुदाय से भी हैं, लेकिन अपेक्षाकृत मुस्लिमों की संख्या अधिक बताई जा रही है.
मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा की सरकार ये दावा करती रही है कि राज्य की 77,000 बीघा जमीन पर अवैध अतिक्रमण है. जिसे हटाने की ही कार्यवाही चल रही है.
याद रहे कि असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (NRC)प्रक्रिया हो चुकी है. जिसमें लाखों लोग अवैध नागिरक की श्रेणी में आ गए थे. असम से ही अवैध नागरिकों की ताप पूरे देश तक पहुंची है.