द लीडर। धर्मांतरण मामले में गिरफ्तार किए गए मौलाना कलीम सिद्दीकी, मौलाना उमर गौतम और मुफ्ती जहांगीर की गिरफ्तारी का विरोध होना शुरू हो गया है. बता दें कि, धर्मांतरण मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस और राज्य के आतंकवाद निरोधी दस्ते ने मौलाना कलीम सिद्दीकी, मौलाना उमर गौतम और मुफ्ती जहांगीर को गिरफ्तार किया. लेकिन अब इनकी गिरफ्तारी का विरोध होना शुरू हो गया है. महाराष्ट्र के पुणे में कई मुस्लिम संगठनों का प्रतिनिधित्व करने वाले ग्रुप ‘कुल जमात तंजीम’ने बुधवार को शहर के जिला कलेक्टर कार्यालय में जमकर विरोध प्रदर्शन किया.
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मौलानाओं की गिरफ्तारी का इन संगठनों ने किया प्रदर्शन
बता दें कि, यूपी में मौलानाओं की गिरफ्तारी को लेकर प्रदर्शन कर रहे संगठनों में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया, ऑल इंडिया इमाम काउंसिल, जमात-ए-इस्लामी ए हिंद, द मुस्लिम फाउंडेशन, जमीयत उलेमा ए हिंद और सीरत कमेटी शामिल रहे. इन सभी संगठनों ने आरोप लगाया कि, मुस्लिम मौलवियों के खिलाफ जो आरोप लगाए गए हैं वो राजनीति से प्रेरित थे और उन्हें तुरंत हटा दिया जाना चाहिए. संगठनों ने कहा ये गिरफ्तारियां अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक हैं.
अवैध धन और धर्मांतरण के आरोपों में सच्चाई का कोई सबूत नहीं है
संगठनों ने कहा कि, मुस्लिम नेताओं और खासकर मौलवियों को निशाना बनाने में जांच एजेंसियों और प्रशासनिक तंत्र का आचरण बहुत खतरनाक है. उन्होंने कहा ये देश को कमजोर करने की साजिश है. मौलाना कलीम सिद्दीकी की गिरफ्तारी का उद्देश्य उत्तर प्रदेश सरकार की दक्षिणपंथी नीति के तहत इस्लाम के विद्वानों और मौलवियों को निशाना बनाने के अलावा और कुछ नहीं है. तंज़ीम के संयोजक जाहिद शेख ने कहा कि, अवैध धन और धर्मांतरण के आरोपों में सच्चाई का कोई सबूत नहीं है. वहीं तंज़ीम के अजहर तंबोली ने बताया कि सभी ने मिलकर जिला कलेक्ट्रेट को एक ज्ञापन सौंपा है, जिसमें मांग की गई है कि गिरफ्तार व्यक्तियों के खिलाफ आरोप हटाकर उन्हें तुरंत रिहा किया जाए.
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संदेह के आधार पर मुस्लिम विद्वानों को बदनाम किया जा रहा
अजहर तंबोली ने कहा कि, यूपी सरकार केवल संदेह के आधार पर मुस्लिम विद्वानों को बदनाम कर रही है. ऐसा आगामी विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर किया जा रहा है. हालांकि, हम विरोध के लोकतांत्रिक तरीके से अपनी आवाज उठाएंगे, ताकि मुस्लिम समुदाय के साथ हो रहे इस तरह के अन्याय को यूपी में दक्षिणपंथी सरकार द्वारा रोका जा सके. हम मांग करते हैं कि मौलवियों के खिलाफ दर्ज फर्जी मुकदमे को यूपी सरकार तुरंत वापस ले. मुस्लिम राष्ट्रीय मंच पुणे ने हालांकि तंज़ीम के विरोध का विरोध किया है. एमआरएम के प्रदेश अध्यक्ष और बीजेपी प्रवक्ता अली दारूवाला ने कहा कि संगठन ‘गैर-मुसलमानों के धर्मांतरण’ का विरोध करता है और तंजीम द्वारा उठाए गए रुख के खिलाफ है.
कौन है मौलाना कलीम सिद्दीकी ?
इस्लामी विद्वान मौलाना कलीम सिद्दीकी को आतंकवाद रोधी दस्ता की एक टीम ने गिरफ्तार किया. फुलत के मौलाना कलीम सिद्दीकी का इस्लामिक विद्वानों में बड़ा नाम है. वो टीवी एक्ट्रेस सना खान का निकाह कराने को लेकर चर्चा में आए थे. मौलाना सिद्दीकी 7 सितंबर को मुंबई में RSS प्रमुख मोहन भागवत की तरफ से आयोजित राष्ट्र प्रथम और राष्ट्र सर्वोपरि कार्यक्रम में भी शामिल हुए थे. एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने बताया था कि, मौलाना कलीम सिद्दीकी के खिलाफ अवैध रूप से धर्मांतरण में लिप्त होने के मामलों का पता चला है.
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कलीम सिद्दीकी की गिरफ्तारी धर्मांतरण के मामले में मेरठ से की गई है. उनकी गतिविधियां संदिग्ध होने का शक जताया गया था. 64 साल के मौलाना कलीम सिद्दीकी मंगलवार शाम सात बजे साथी मौलानाओं के साथ मेरठ के लिसाड़ीगेट में हूमायुंनगर की मस्जिद माशाउल्लाह के इमाम शारिक के आवास पर एक कार्यक्रम में आए थे. यूपी पुलिस का कहना है कि, मौलाना कलीम सिद्दीकी देश का सबसे बड़ा धर्मांतरण रैकेट संचालित करते हैं. आरोप है कि, वो गैर मुस्लिमों को गुमराह कर, डरा कर धर्मान्तरण करते हैं. इसके लिए विदेशों से भारी मात्रा में फंडिंग की जा रही है. पुलिस का कहना है कि, इस अवैध धन का इस्तेमाल कर बड़े पैमाने पर धर्मांतरण किया जा रहा है.
उमर गौतम मामले की जांच के दौरान आया नाम
बता दें कि, मौलान कलीम सिद्दीकी का नाम उमर गौतम मामले की जांच के दौरान सामने आया था. यूपी एटीएस ने धर्मांतरण के आरोप में इस साल जून में दो मौलानाओं मोहम्मद उमर गौतम और मुफ्ती काजी जहांगीर कासमी को गिरफ्तार किया था. पुलिस का कहना था कि, ये लोग कथित रूप से धर्मांतरण रैकेट चला रहे थे. उत्तर प्रदेश के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने खुद इस बात की पुष्टि की थी कि गौतम धर्म बदलकर मुस्लिम बना था. मोहम्मद उमर गौतम मूल रूप से उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के रहने वाला है.
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