द लीडर। भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मोहम्मद पर की गई अपमानजनक टिप्पणी का मामला अभी ठंडा नहीं पड़ा बल्कि इस मामले में नया नया मोड़ सामने आ गया है। यह हिंसा भारत को बदनाम करने के लिए की गई थी।
भारत को बदनाम करने की मंशा से हुई हिंसा
कानपुर में 3 जून को हुई हिंसा के पीछे का मुख्य मकसद केवल चंद्रेश्वर हाता से हिंदुओं को भगाना नहीं था बल्कि साजिद इससे भी कहीं बड़ी थी। एसआईटी ने हयात जफर एंड कंपनी की रिमांड के लिए अदालत में दिए प्रार्थना पत्र में बताया है कि, उपद्रव के पीछे भारत को बदनाम करने की मंशा थी और आरोपित इसमें सफल भी हुए।
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नूपुर शर्मा के एक बयान के बाद कानपुर की नई सड़क, दादा मियां का हाता आदि क्षेत्रों में जमकर उपद्रव हुआ था। चंद्रेश्वर हाता का मामला स्थानीय था और उपद्रवियों ने एक तीर से दो निशाने साधे। पुलिस ने कोर्ट को दिए रिमांड प्रार्थना पत्र में कहा है कि, यह हिंसा भारत को विश्वभर में बदनाम करने की साजिश थी।
3 जून को जुमे के दिन हुई हिंसा
कानपुर से ही हिंसा की शुरुआत की वजह उस दिन राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कानपुर में मौजूदगी थी। उस दिन जुमा भी था।
उपद्रवियों को पता था कि, इस दिन हिंसा हुई तो विवादास्पद बयान का मामला तत्काल तूल पकड़ लेगा और भारत की बदनामी होगी। उपद्रव की साजिश रचने वालों की यह योजना सफल भी हुई, क्योंकि तीन जून के बाद अचानक से यह मुद्दा इतना बड़ा हो गया कि खाड़ी देशों के अलावा अलकायदा जैसा आतंकी संगठन भी विवाद में कूद पड़ा।
इससे साफ लग रहा है कि, यह साजिश कानपुर से बाहर रची गए, जिसमें हयात जफर की बाजार बंदी के आह्वान को आगे रखकर अंजाम दिया गया।
प्रयागराज में 59 उपद्रवियों का पोस्टर जारी
प्रयागराज के अटाला में बवाल करने वाले 59 उपद्रवियों का पोस्टर बुधवार को पुलिस ने जारी कर दिया। पथराव, आगजनी, तोड़फोड़ में शामिल इन उपद्रवियों के पोस्टर को सार्वजनिक स्थानों पर चस्पा किया जा रहा है।
इस बीच सीसीटीवी कैमरों की देखरेख करने वाली एलएंडटी कंपनी के अधिकारी की तहरीर पर अज्ञात उपद्रवियों के विरुद्ध एक और मुकदमा कायम किया गया है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत शहर में लगाए गए सीसीटीवी कैमरे व अन्य उपकरण को उपद्रवियों ने क्षतिग्रिस्त कर दिया था।
इससे पहले बवालियों के खिलाफ करेली व खुल्दाबाद थाने में पांच मुकदमे लिखे गए थे। दूसरी तरफ नगर निगम, पीएसी एवं मुलिस विभाग की तरफ से अटाला उपद्रव और कानून व्यवस्था बनाए रखने में खर्च हुए करोड़ों की क्षतिपूर्ति के लिए क्लेम कमिश्नर के समक्ष करोड़ों रुपये के तीन दावे पेश किए, गए हैं।
कानपुर की नई सड़क पर हुए उपद्रव के मास्टर माइंड हयात जफर हाशमी समेत उसके साथी मो. राहिल, मो. सूफियान और मो. जावेद एक बार फिर से दो दिन (गुरुवार और शुक्रवार) पुलिस कस्टडी रिमांड पर रहेंगे।
बुधवार को महानगर मजिस्ट्रेट पंचम ने इस बाबत आदेश जारी कर दिए। पुलिस ने बैंक संबंधी साक्ष्य जुटाने के लिए पांच दिन की कस्टडी रिमांड मांगी थी। इससे पहले भी चारों आरोपितों का 52 घंटे के लिए रिमांड पर लिया जा चुका है।
प्रयागराज में सात व उपद्रवियों की जमानत नामंजूर
प्रयागराज के अटाला बवाल में शामिल सात और उपद्रव के आरोपितों की जमानत अर्जी अपर सीजेएम नीरज कुशवाहा एवं अरुण कुमार ने खारिज कर दी है।
अब तक 21 आरोपितों की जमानत अर्जी खारिज
खुल्दाबाद के अबरार हुसैन, मोहम्मद परवेज, गुलाम गौस, मोहम्मद अजीम व करेली निवासी इफ्तिखार मुहम्मद अजीज, मोहम्मद परवेज की ओर से जमानत अर्जी कोर्ट में दाखिल की गई थी। अदालत ने कहा कि आरोप गंभीर अपराधों के हैं, इसलिए जमानत का कोई पर्याप्त आधार नहीं है। इसी अदालत से अब तक 21 आरोपितों की जमानत अर्जी खारिज हो चुकी है।
पुलिस जांच में अहम साक्ष्य जावेद के घर से मिला पर्चा
प्रयागराज में अटाला बवाल के मास्टरमाइंड जावेद पंप के घर से मिले पर्चे में अटाला पहुंचने और हर अड़चन पर वार के लिए उकसाने की बात हिंदी में टाइप की हुई है।
यह पर्चा आधा ही है। पुलिस को इसका दूसरा हिस्सा मिल जाता है तो अहम साक्ष्य बन जाएगा। पुलिस पता लगाने की कोशिश कर रही है कि पर्चे कों किन किन लोगों तक भेजा गया था। इसमें और कितने लोग शामिल हैं।
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