सांप्रदायिक सद्भाव की मिसाल पेश : पश्चिम बंगाल के इस शहर में मां काली, भगवान शिव और मुस्लिम मजार में एक साथ होती है पूजा

0
283

द लीडर। हमारे भारत देश में सभी धर्मों के लोग रहते है. और सभी लोग मिल जुलकर त्योहार मनाते हैं. इन दिनों जहां एक तरफ देश में सांप्रदायिक भेदभाव के कारण मारपीट और दंगे जैसी खबरे सामने आ रही है, तो वहीं दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल के पश्चिम बर्दवान जिले से सामने आई इस खबर ने देश के लोगों साम्प्रदायिक सद्भाव का एक बहुत बड़ा संदेश दिया है.

यहां एक समुदाय के लोग पूजा करते समय दूसरे समुदाय के सम्मान का पूरा ख्याल रखते हैं बर्दवान की इस मिसाल ने देश को एक नया साम्प्रदायिक सद्भाव का संदेश दिया है. दरअसल, बर्दवान शहर के हिंदुओं द्वारा सांप्रदायिक सद्भाव के साथ देवी काली, भगवान शिव और मुस्लिम मजार की एक साथ पूजा की जाती है.


यह भी पढ़ें: बिहार के पटना में रसोई गैस सिलेंडर में लाई जा रही थी शराब, पुलिस ने आरोपी को किया गिरफ्तार

 

शहर के मयूर महल इलाके में एक ही परिसर में 2 समुदायों की देवता विराजमान है यहां देवी काली से सटा भगवान शिव का एक मंदिर है और कुछ फीट की दूरी पर एक मुस्लिम मजार है. स्थानीय लोगों के अनुसार, हर साल बंगाली क्षेत्र महीने के अंतिम शनिवार को यहां काली पूजा का आयोजन किया जाता है.

पीरबाबा की पूजा में हिंदू बढ़-चढ़कर लेते हैं हिस्सा

हिंदू समुदाय के लोग परिसर में मौजूद पीरबाबा की मजार पर पूजा की व्यवस्था करते हैं, पीरबाबा को मनाने के लिए मुस्लिम समुदाय के भक्तों के साथ ही हिंदू समुदाय के भक्त भी यहां आते हैं, जो मुस्लिम भक्त यहां मजार पर माथा टेकने आते हैं वो यहां मौजूद हिंदू देवताओं को भी पूरा सम्म देते हैं. स्थानीय लोगों की माने तो यह प्रथा एक सदी से भी अधिक समय से चली आ रही है, दुदूर से लोग यहां इस परिसर में पूजा में शामिल होने आते हैं.

मुस्लिम युवाओं ने बांटी पानी की बोतलें

रामनवमी के मौके पर पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में सांप्रदायिक सौहार्द और एकता की एक मिसाल देखने को मिली थी. कुछ मुस्लिम युवकों ने रामनवमी जुलूस में शामिल भक्तों के लिए पानी की बोतलें बांटी और उन्हें गले से लगाकर बधाई दी, वहीं जुलूस में शामिल लोगों ने भी युवकों की जमकर तारीफ की और पानी की बोतल के लिए आभार व्यक्त किया.


यह भी पढ़ें:  आज के दिन हुआ था जलियांवाला बाग नरसंहार, इस तरह लिया गया बदला