Prayagraj : नदियों में कटान के कारण माघ मेले की तैयारियों में आई कमी, प्रशासन की बढ़ी चिंता

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द लीडर। संगमनगरी प्रयागराज में माघ मेले की तैयारियां जोरों शोरों से चल रही है। जिला प्रशासन जहां माघ मेले को सफल बनाने की कोशिश में लगा है वहीं दूसरी तरफ नदियों में लगातार हो रहे कटान के चलते प्रशासन की मुश्किलें और बढ़ गई है। जी हां बता दें कि, माघ मेले शुरू होने में जहां एक महीने से भी कम वक्त रह गया है ऐसे में गंगा, यमुना में लगातार हो रहा कटान से अब मेला प्रशासन की चिंता बढ़ने लगी है। दोनों नदियों में बढ़ते कटान से माघ मेला की तैयारियों की रफ्तार में कमी देखी जा रही है। बीते 20 दिनों से दोनों नदियों के जलस्तर में तेज़ बहाव देखा गया है जिसकी वजह से कटान भी जोरों पर हैं। लगातार जारी कटान से मेला को व्यवस्थित करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।


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तेजी से चल रहा कटान रोकने का कार्य

हालांकि राहत की खबर ये है कि, कटान को रोकने के लिए तेज़ी से कार्य चल रहा है। संगम घाट से लेकर के दारागंज और झूसी स्नान घाट पर सैकड़ों की संख्या में मजदूरों को लगाया गया है। जो रोजाना कटान को रोकने के लिए कार्य कर रहे हैं। मज़दूर बोरियों में बालू भर कर स्नान घाट के किनारे लगा रहे हैं। जिसकी मदद से बांध बनाया जा रहा है। इसके साथ ही बांस से बने जाल को भी बनाया गया है। जिसको स्नान घाट के थोड़ी-थोड़ी दूर पर स्थापित किया जा रहा है। जाल का मुख्य उद्देश्य कटान को रोकने के लिए है साथ ही साथ नदी के बहाव की रफ्तार को कम करने के लिए होता है।

नदियों में बहाव के कारण हो रहा कटान

मेला अधिकारी शेषमणि पांडे का कहना है कि, कटान का मुख्य कारण दोनों नदियों में तेजी से हो रहे बहाव को लेकर के हैं। ऐसे में सभी सेक्टर अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि, अधिक से अधिक संख्या में मजदूरों को लगा कर कटान रोकने का कार्य तेजी से हो सके। मेला अधिकारी ने ये भी कहा कि, आने वाले दिनों में जब नदियों का बहाव कम होगा तो कटान में कमी आएगी। ऐसे में उम्मीद है कि, हमारी टीम जल्द से जल्द कटान रोकने में सफलता हासिल करेगी। वहीं माघ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर पीडब्लूडी अफसर अलर्ट मोड में हैं। कटान को रोकने के लिए अट्ठारह से 24 घंटों तक मजदूरों को लगाया जा रहा है। साथ ही विभागीय अधिकारियों को नाइट पेट्रोलिंग के लिए भी निर्देश दे दिए गए हैं। मेला अधिकारी शेषमणि पांडेय ने बताया कि, 22 दिसंबर से माघ मेला क्षेत्र में भूमि आवंटन का कार्य भी शुरू हो रहा है।


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14 जनवरी से माघ मेले का होगा आगाज

वहीं माघ मेले की शुरुआत 14 जनवरी मकर सक्रांति स्नान पर्व के साथ हो रही है। ऐसे में संगम की रेती पर लाखों श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने आएंगे। 17 जनवरी को पौष पूर्णिमा का स्नान पर्व है। जिसमें श्रद्धालु 1 महीने तक गंगा किनारे कल्पवास करते नजर आएंगे। ऐसे में मेला अधिकारी ने जनवरी के पहले हफ्ते तक मेला के सभी कार्य को पूरा करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। मेला क्षेत्र के सभी विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि, हर हाल में तय समय पर कार्य खत्म हो। बता दें कि, इस बार भी मेला क्षेत्र में कोरोना गाइडलाइंस का पालन कराया जाएगा। जितने भी श्रद्धालु आएंगे उनको अपनी कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट लानी होगी। इसके लिए भी अधिकारियों को नियुक्त किया गया है।

 

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