द लीडर हिंदी : उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में चुनावी रंजिश में ग्राम प्रधान बनने से पहले ही हाफिज मुहम्मद इसहाक रजवी की गोली मारकर हत्या मामले का गुरुवार को एसएसपी ने खुलासा कर दिया.
मामले में पूर्व प्रधान मोहर सिंह समेत 3 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. जबकि दो फरार आरोपितों पर 25000 का इनाम घोषित कर दिया गया है उनकी तलाश में पुलिस की कई टीमें दबिश दे रही हैं.
मामले में गिरफ्तार किया गया पूर्व प्रधान मोहर सिंह चुनाव में हार के कारण खुद को अपमानित महसूस कर रहा था. वह पहले कई बार प्रधानी का चुनाव जीत चुका था. मगर इस बार हाफिज मोहम्मद इसहाक रजवी से चुनाव में हार गया.
बता दें कि पत्नी के साथ अकेले लौट रहे प्रधान हाफिज मोहम्मद इसहाक रजवी को घात लगाए हमलावरों ने गोलियों से भून दिया. सिर को टारगेट करके फायरिंग करने से प्रधान की मौके पर ही मौत हो गई. पत्नी जख्मी है.
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यूपी के जिला बरेली में परगवां गांव की इस दुस्साहसिक वारदात को लेकर दरगाह आला हजरत से भी नाराजगी का इजहार किया गया था. सज्जादानशीन मुफ्ती मुहम्मद अहसन रजा कादरी के हुक्म पर एक प्रतिनिधिमंडल ने गांव का दौरा करके ग्राम प्रधान के घरवालों को दुख की इस घड़ी में साथ खड़े होने का यकीन दिलाया था. साथ ही पुलिस के अफसरों से कत्ल में नामजद सभी आरोपितों की गिरफ्तारी और उन पर गैंगेंस्टर लगाने की मांग की थी.
एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने बताया कि क्यारा थाना क्षेत्र के एक नवनिर्वाचित प्रधान की गोली मार के हत्या कर दी गई थी. मामले में वादी पक्ष की ओर से पूर्व प्रधान मोहर सिंह समेत 5 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था.
अब तक तीन आरोपितों को गिरफ्तार करके पुलिस जेल भी चुकी है. जबकि दो अन्य फरार आरोपितों पर 25000 का इनाम घोषित किया गया है. फरार आरोपित पूर्व प्रधान के रिश्तेदार हैं इन्होंने ही हत्याकांड के लिए अवैध हथियारों का इंतजाम किया था. हत्या के समय वे मौजूद थे. उनकी जल्द से जल्द गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है.
घटना के पीछे चुनावी रंजिश वजह है. पूर्व प्रधान चुनाव हारने के कारण खुद को अपमानित महसूस कर रहा था. अपमान का बदला लेने के इरादे से ही उसने नवनिर्वाचित प्रधान इसहाक की गोली मारकर हत्या कर दी थी. दोषियों पर सख्त से सख्त कार्यवाही की जाएगी.
बता दें कि हाफिज मोहम्मद इसहाक रजवी ने पहली बार प्रधानी के चुनाव में हिस्सा लिया था. पूर्व प्रधान मोहर सिंह से उनकी रंजिश वोट कटवा देने के बाद से ही हो गई थी.
आरोप है कि गांव में रहने वाले 100 मुस्लिम मतदाताओं के वोट वोटर लिस्ट से कटवा दिए गए थे. मृतक प्रधान की कोशिशों के बाद ये वोट फिर से जोड़े जा सके थे.
जब प्रधानी के वोटों की गिनती हो रही थी तभी पूर्व प्रधान मोहर ने हाफिज मोहम्मद शाह को जान से मारने की धमकी दी थी. उसने कहा था कि चुनाव जीत गए तो 15 दिन के अंदर उसकी हत्या कर दी जाएगी. इसहाक ने उसकी बातों को गंभीरता से नहीं लिया.
चुनाव जीतने के कुछ दिन बाद ही पूर्व प्रधान ने साथियों के साथ मिलकर घात लगाकर प्रधान इसहाक को गोलियों से भून दिया था जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई थी.