अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति और अफगानिस्तान के स्व-घोषित कार्यवाहक राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने संयुक्त राष्ट्र और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से तालिबान प्रतिरोध कर रहे आखिरी प्रांत पंजशीर घाटी को बचाने की गुहार लगाई है। यूएन को लिखी चिट्ठी में उन्होंने घाटी में मौजूद लोगों पर मानवीय संकट से घिरे होने पर नरसंहार की आशंका जताई है।
सशस्त्र मिलीशिया के दम पर तालिबान को पंजशीर से ललकारने वाले सालेह ने संयुक्त राष्ट्र को लिखे पत्र में कहा है, “महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों और 10 हजार विस्थापित लोगों समेत लगभग ढाई लाख लोग, जो काबुल और अन्य जगहों पर तालिबानी कब्जे के बाद पंजशीर पहुंचे, खतरे में हैं। घाटी में फंसे लोग अमानवीय बाधाओं का नतीजा भुगत रहे हैं। जल्द इन हालातों पर गौर नहीं किया गया तो बड़े पैमाने पर मानवीय तबाही का मंजर होगा, भुखमरी से मौत से लेकर नरसंहार की नौबत आने के पूरे आसार नजर आ रहे हैं।”
मदद की गुहार लगाते हुए सालेह ने कहा, ”दो दशकों के संघर्ष, बार-बार होने वाली प्राकृतिक आपदाएं, बीमारी का प्रकोप, COVID-19 महामारी और तालिबान द्वारा देश के अधिकांश हिस्से पर हालिया कब्जे ने देश को दुनिया के सबसे खराब मानवीय संकट में डाल दिया है। हम संयुक्त राष्ट्र और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से पंजशीर प्रांत में तालिबान के हमले को रोकने के लिए हर संभव कोशिश करने की अपील करते हैं।”
From the office of the acting President @AmrullahSaleh2 #Panjshir pic.twitter.com/y5ogsMS7Rt
— BILAL SARWARY (@bsarwary) September 4, 2021
हिंदू कुश पर्वत श्रृंखला के पास पंजशीर घाटी काबुल से 150 किलोमीटर उत्तर में है, जो तालिबान और प्रतिरोधी बलों के बीच भीषण युद्ध के मुहाने पर खड़ी है। दोनों पक्ष इस बात का दावा कर रहे हैं कि यहां हमारा राज कायम है, लेकिन इसके साबित करने के निर्णायक सबूत किसी के पास नहीं नहीं हैं।
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तालिबान के प्रवक्ता बिलाल करीमी ने कहा कि खिंज और उनाबा जिलों परचम लहराया जा चुका है। तालिबान बलों को प्रांत के सात जिलों में से चार पर नियंत्रण मिल गया है।
उन्होंने ट्विटर पर कहा, “मुजाहिदीन (तालिबान लड़ाके) पंजीशीर प्रांत पर पूर्ण नियंत्रण की ओर लगातार अग्रसर हैं।”
वहीं, अहमद मसूद और सालेह के नेतृत्व में पंजशीर में मौजूद अफगानिस्तान के राष्ट्रीय प्रतिरोध मोर्चा ने कहा कि उसने ख्वाक दर्रे में “हजारों आतंकवादियों” को घेर लिया और तालिबान ने दश्त रेवाक क्षेत्र में वाहनों और उपकरणों को छोड़कर भाग गए। प्रतिरोध कर रहे बलों के खिलाफ संघर्ष में 600 तालिबानियों के मारे जाने की खबरें हैं।
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