अमेरिका और नाटो के जाने के बाद अफगानिस्तान में तालिबान खुशी से इस कदर उछल रहे हैं कि जब-तब हवाई फायरिंग कर विजयी हर्ष का प्रदर्शन कर रहे हैं। ऐसी ही एक फायरिंग में दो अफगान नागरिकों की मौत होने के बाद तालिबान नेताओं ने ऐसा जश्न न मनाने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा है कि फालतू में गोलियां बर्बाद मत करो।
तालिबान लड़ाके अमेरिकी सैनिकों पर अपनी जीत का जश्न मनाने के लिए काबुल में कई दिन से प्रतियोगी तरीके से फायरिंग कर रहे हैं। यह साधारण आतिशबाजी या दो-चार गोलियां दागने का काम नहीं होता। मिनटभर में सैकड़ों बुलेट चल जा रही हैं, जबकि न तो कोई युद्ध चल रहा है और न ही इस तरह की कोई अन्य जरूरत है। शुरुआत में तो तालिबान ने इस जश्न को अनदेखा किया, क्योंकि बीस साल बाद विदेशी नियंत्रण से आजादी का मौका था।
इस बीच पेशानी पर बल तब पड़ा जब हर्ष फायरिंग में दो अफगानी नागरिकों की मौत हो गई और एक दर्जन से ज्यादा लोग घायल हो गए। हुआ यह था कि तालिबान की जीत की खबर सुनकर तमाम लोग उस जगह पहुंच गए, जहां खुशी में फायरिंग हो रही थी।
अचानक आई अनियंत्रित तमाशबीन भीड़ और बेलगाम फायरिंग के बीच कोई फासला ही नहीं रहा। नाचते-कूदते लड़ाकों ने भी गौर नहीं किया और हाईटेक गन भीड़ की ओर मुड़ गई। दो लोग तुरंत ही गोलीबारी की चपेट में आकर मारे गए और दर्जनभर घायल होकर तड़पने लगे।
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यह खबर जब फैली तो पहले तालिबान नेताओं ने घटना का खंडन किया और कहा कि उनके लड़ाके अभी विरोधी तत्वों से लड़ रहे हैं। उसके बाद तालिबान प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने ट्विटर पर हिंसक समारोहों को तुरंत रोकने का अपील की। उन्होंने लड़कों को ‘काबुल और देशभर में उल्लेखनीय मुजाहिदीन’ के रूप में संबोधित करते हुए कहा, “हवा में शूटिंग से बचें और अल्लाह का शुक्रिया अदा करें। हथियार और गोला-बारूद आपके हाथ में हैं, किसी को भी इसे बर्बाद करने का हक नहीं है। इस तरह की गोलीबारी में नागरिकों को नुकसान पहुंचने की ज्यादा संभावना है, इसलिए फिजूल गोली न चलाएं”।
کابل ښار او ټول هیواد کې د مجاهدینو د پام وړ:
له هوایي ډزو څخه جدا ډډه وکړئ او پر ځای یې د الله تعالی شکر اداء کړئ.
ستاسي په لاس کې وسله او مرمۍ بیت المال دي، هیڅوک یې د ضائع کیدو حق نلري.
سړې مرمۍ عامو خلکو ته د زیان اړولولو قوي احتمال لري؛ نو بناء بې ځایه ډزې مه کوئ.— Zabihullah (..ذبـــــیح الله م ) (@Zabehulah_M33) September 3, 2021
मुजाहिद ने अपने साथी लड़ाकों से कहा कि इस तरह की अचानक हवाई फायरिंग से गोला-बारूद की बर्बादी भी होती है, जिसे तालिबान प्रोत्साहित नहीं करता।
तालिबान ने 15 अगस्त को अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था। इसके बाद विदेशी सैनिकों की वापसी का अभियान चला, जिनके साथ तमाम अफगानी नागरिकों ने भी देश छोड़ दिया। तालिबान नई सरकार की घोषणा के अंतिम चरण में हैं। तालिबान ने पुनर्निर्माण के लिए चीन को सबसे अहम सहयोगी बताया है। इस बीच ईरानी राष्ट्रपति ने तालिबान से अफगानिस्तान में चुनाव कराने का आह्वान किया है।