शायर इमरान प्रतापगढ़ी ने छेड़ी प्लाज्‍मा डोनेट कराने की मुहिम, जिसे देश के हर शहर तक मजबूत करके रोकी जा सकती मौतों की संख्या

द लीडर : कोरोना का तांडव देख रहे हैं. अस्पताल में बेड नहीं. शमशान घाट अटे पड़े हैं. कई चिताएं एक साथ धधक रही हैं. कब्रिस्तानों में कब्र बनाने वालों का संकट है. लखनऊ, दिल्ली, मुंबई, गुजरात और मध्यप्रदेश समेत अन्य जगहों से ऐसी खबरें आम हैं. मां-बाप, भाई-बहन, दोस्त. हर कोई एक-दूसरे की मदद कर पाने में असहाय हैं. इसी बेबसी का बोझ दिल में दबाए सिसक रहे हैं. इस मलाल के साथ-काश कुछ कर पाते. (Poet Imran Pratapgadhi Campaigned Plazma Donated)

लेकिन ऐसा भी नहीं कि आप किसी के लिए कुछ नहीं कर सकते. आप किसी की जान बचा सकते हैं.

मशहूर शायर और कांग्रेस नेता इमरान प्रतापगढ़ी ने एक मुहिम शुरू की है. वो ये कि जो मरीज कोरोना से ठीक हो चुके हैं. उन्हें प्लाज्‍मा डोनेट कराने के लिए प्रेरित कर रहे हैं. एक टीम बनाई है. जो लोगों से संपर्क कर रही है. उन्हें समझा रही है कि कैसे प्लाज्‍मा किसी जिंदगी बचा सकता है.


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शुक्रवार को इमरान प्रतापगढ़ी ने अपने फेसबुक पेज पर एक मैसेज जारी किया. उन्होंने लिखा ‘ रमजान का पाक महीना चल रहा है. आप सबसे एक गुजारिश है. अगर आपके जानने वालों में से कोई कोरोना से ठीक हो चुका है. तो उनसे संपर्क करिये. और उन्हें प्लाज्‍मा डोनेट करने के लिए तैयार करिये. उनका दिया एक बोतल खून किसी की जिंदगी बचा सकता है. अगर ऐसा कोई साथी आपके संपर्क में है. तो मुझे इनबॉक्स करें. हमारी टीम आपसे संपर्क करेगी. और जरूरतमंदों तक प्लाज्‍मा पहुंचाने में मदद करेगी.’

इमरान प्रतापगढ़ी की इस गुजारिश को खूब सपोर्ट मिल रहा है. सैकड़ों लोग सामने आए हैं. जिन्होंने प्लाज्‍मा डोनेट करने या कराने का हौसला दिखाया है. शनिवार को इमरान ने ऐसे सभी लोगों के जज्बे को सलाम किया. ये कहते हैं कि मेरी टीम प्लाज्‍मा की जरूरत पता चलने पर संबंधित जिले के इच्छुक दानकर्ता से संपर्क करेगी. यानी जिस जिले में किसी मरीज को प्लाज्‍मा की जरूरत पड़ती है, तो उसी जिले के दानकर्ता द्वारा उनकी मदद की जाएगी.

इमरान की मुहिम से जुड़कर बचा सकते जिंदगियां

ये मुश्किल इम्तिहान है. मौत के तांडव ने कई घर उजाड़ डाले हैं. हादसों से लोग टूट चुके हैं. अस्पतालों से लेकर शमशान तक चीत्कारें गूंज रही हैं. इसलिए ये वक्त डटकर साथ खड़े होने का है. इमरान की प्लाज्‍मा दान करने की मुहिम के साथ जुड़ने का है. उसे आगे बढ़ाने का है. लोगों ये समझाने का है कि प्लाज्‍मा दान करके वे किसी की जान बचा सकते हैं. साथ ही सोशल डिस्टैंसिंग, मास्क और कोविड-गाइडलाइन के पालन करने और कराने का है.



 

Ateeq Khan

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