PNB Scam का आरोपित मेहुल चौकसी अब एंटीगुआ बारबुडा पुलिस को चकमा देकर भाग निकला

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द लीडर हिंदी : Punjab National Bank scam पंजाब नेशनल बैंक ( पीएनबी ) घोटाले का आरोपी भगोड़ा मेहुल चौकसी अब एंटीगुआ – बारबुडा पुलिस को चकमा देकर भाग निकला है.
वहां की मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मेहुल चौकसी को आखिरी बार रविवार शाम 5.15 बजे उसकी कार में देखा गया था . उसकी कार तो मिल गई है लेकिन चौकसी का पता नहीं चल पा रहा है. एंटीगुआ बारबुडा पुलिस रविवार से मेहुल चौकसी की तलाश कर रही है. इस बारे में पुलिस ने उसके वकील को भी बता दिया है , लेकिन उसका कोई जवाब नहीं आया है.

2018 में हो गया था फरार

14500 करोड़ रुपए के पीएनबी घोटाले का आरोपी मेहुल चौकसी जनवरी 2018 में देश छोड़कर भाग निकला था. केंद्रीय जांच ब्यूरो ( CBI ) और प्रवर्तन निदेशालय ( ED ) जैसी एजेंसिया जांच में जुटी तो पता चला कि वह 2017 में एंटीगुआ बारबुडा देश की नागरिकता ले चुका है और वही चला गया है. इसके बाद जांच एजेंसियों ने उसकी भारत में स्थित कई संपत्तियों को जब्त कर लिया था.
भारत की सरकार कोशिश कर रही है कि घोटाले के आरोपित मेहुल को किसी तरह से भारत लाया जा सके. मगर वह खराब सेहत का हवाला देकर भारत में पेशी के लिए आने से इनकार कर रहा है. एक दो बार वह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी में शामिल जरूर हो चुका है.

सीबीआई ने एंटीगुआ की एंबेसी से साधा संपर्क

अब मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एंटीगुआ से भी मेहुल पुलिस को चकमा देकर भाग निकला है. उसके क्यूबा जाने की सूचना मिल रही है.

इस मामले में सीबीआई ने एंटीगुआ की एंबेसी से संपर्क साधा है. मेहुल के गायब होने की आ रही खबरों की सत्यता जानने का प्रयास किया जा रहा है.

घोटाले का मुख्य आरोपी था भांजा नीरव मोदी

पीएनबी घोटाले का मुख्य आरोपी चौकसी का भांजा हीरा कारोबारी नीरव मोदी लंदन की जेल में है. उसकी फर्म ने ही बैंक पर करोड़ों रुपए की हेरा फेरी की थी. इसमें मेहुल भी पाटनर थे.
इंग्लैंड की अदालत और सरकार ने नीरव मोदी के प्रत्यर्पण की मंजूरी भी दे दी है, लेकिन नीरव ने प्रत्यर्पण के फैसले को लंदन के हाईकोर्ट में चुनौती दी.

ऐसे किया पीएनबी स्कैम

पीएनबी के अधिकारियों ने धोखाधड़ी कर अरबपति हीरा कारोबारी नीरव मोदी से जुड़े फर्मों को साख पत्र (लेटर ऑफ अंडरटेकिंग) दिया। इससे उन्होंने विदेशों में निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्र के विभिन्न बैंकों से रुपया भुनाया। यह सब 2011 से काम कर रहे उप-महाप्रबंधक के स्तर के अधिकारियों के साथ साठगांठ कर किया गया।

नीरव मोदी से जुड़े तीन फर्म, मे. डायमंड्स आर यूएस, मे. सोलर एक्सपोर्ट्स, मे. स्टेलर डायमंड्स ने बैंक को संपर्क कर बायर्स क्रेडिट की मांग की जिससे वे अपने विदेश के कारोबारियों को भुगतान कर सकें। शिकायत के मुताबिक नीरव मोदी, निश्चल मोदी, अमी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी इन फर्म में पार्टनर थे।
इन फर्म को बैंक के बड़े अधिकारियों की मिलीभगत से बायर्स क्रेडिट प्रदान की गई, जबकि उनका कोई पुराना बेहतर क्रेडिट रिकॉर्ड नहीं था। इसके बाद हांगकांग की बैंक शाखाओं में धन का स्थानांतरण किया गया।
बायर्स क्रेडिट छोटी अवधि का क्रेडिट ( 90 से 180 दिनों) का होता है जिसे अंतरराष्ट्रीय बैंक प्रदान करते हैं। यह आयात करने वाले बैंक से प्राप्त पत्र के आधार पर जारी होता है।

जाने कब क्या हुआ

29 जनवरी 2018 : पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने नीरव मोदी, मेहुल चौकसी और अन्य के खिलाफ 2.81 अरब डॉलर की धोखाधड़ी के संबंध में पुलिस में शिकायत दर्ज करायी.
5 फरवरी 2018 : केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने घोटाले की जांच शुरू की.
16 फरवरी 2018 : प्रवर्तन निदेशालय ने नीरव मोदी के आवास और कार्यालयों से करोड़ों रुपये मूल्य के हीरा, सोना और जेवरात की जब्ती की.
17 फरवरी 2018 : सीबीआई ने मामले में पहली गिरफ्तारी की. पीएनबी के दो कर्मचारियों और नीरव मोदी समूह के अधिकारी को हिरासत में लिया गया.
17 फरवरी 2018 : सरकार ने पीएनबी धोखाधड़ी मामले में नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के पासपोर्ट को ‌चार हफ्ते के लिए निलंबित किया.
21 फरवरी 2018 : सीबीआई ने नीरव मोदी की कंपनी के सीएफओ और दो अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को गिरफ्तार किया. अलीबाग में उसके फार्महाउस को भी सील कर दिया गया.
22 फरवरी 2018 : ईडी ने नीरव मोदी और उसकी कंपनी से जुड़ी नौ महंगी कारें जब्त की.
27 फरवरी 2018 : एक मजिस्ट्रेटी अदालत ने नीरव मोदी के खिलाफ जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया.
2 जून 2018 : इंटरपोल ने धनशोधन के लिए नीरव के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया.

25 जून 2018 : नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के लिए ईडी ने मुंबई में एक अदालत का रुख किया.

3 अगस्त 2018 : भारत सरकार ने ब्रिटेन के प्राधिकारों को नीरव के प्रत्यर्पण के लिए अनुरोध पत्र भेजा.
20 अगस्त 2018 : लंदन में नीरव के होने की सूचना के बाद सीबीआई अधिकारियों ने इंटरपोल मैनचेस्टर से उसे हिरासत में लेने का अनुरोध किया.
27 दिसंबर 2018 : भारत को सूचित किया गया कि नीरव मोदी ब्रिटेन में रह रहा है.
9 मार्च 2019 : ब्रिटेन के अखबार ‘टेलीग्राफ’ के संवाददाता का लंदन की सड़कों पर नीरव मोदी से सामना हुआ और उसके देश में होने की पुष्टि हो गयी.
9 मार्च 2019 : ईडी ने कहा कि ब्रिटेन सरकार ने नीरव के लिए प्रत्यर्पण का अनुरोध पत्र आगे की प्रक्रिया के लिए ब्रिटेन की अदालत को भेजा है.
18 मार्च 2019 : लंदन में वेस्टमिंस्टर अदालत ने नीरव के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया.
20 मार्च 2019 : लंदन में नीरव मोदी गिरफ्तार हुआ उसे वेस्टमिंस्टर अदालत में पेश किया गया. उसे जमानत नहीं मिली.
20 मार्च 2019 : नीरव को 29 मार्च तक वेंड्सवर्थ जेल भेजा गया.
29 मार्च 2019 : लंदन में वेस्टमिंस्टर की अदालत ने नीरव मोदी की जमानत याचिका खारिज की.
8 मई 2019 : तीसरी बार नीरव मोदी की जमानत अर्जी खारिज.
12 जून 2019 : फरार होने की आशंका के कारण नीरव की जमानत अर्जी चौथी बार खारिज.
22 अगस्त 2019 : नीरव मोदी की हिरासत 19 सितंबर तक बढ़ायी गयी.
छह नवंबर 2019 : ब्रिटेन की अदालत ने नीरव की जमानत अर्जी खारिज की.
11 मई 2020 : पीएनबी मामले में पांच दिनों के लिए नीरव मोदी के प्रत्यर्पण मामले की सुनवाई ब्रिटेन में शुरू हुई.
13 मई 2020 : भारत सरकार धन शोधन मामले में नीरव मोदी के खिलाफ और सबूत मुहैया कराया.
7 सितंबर 2020 : ब्रिटेन की अदालत को मुंबई की आर्थर रोड जेल से संबंधित वीडियो मुहैया कराया गया.
1 दिसंबर 2020 : नीरव मोदी की हिरासत बढ़ी.
8 जनवरी 2021 : ब्रिटेन की अदालत ने नीरव मोदी के प्रत्यर्पण मामले में फैसला सुनाने के लिए 25 फरवरी की तारीख तय की.
25 फरवरी 2021 : ब्रिटेन की अदालत ने कहा कि नीरव मोदी को धोखाधड़ी और धनशोधन के आरोपों का सामना करने के लिए भारत प्रत्यर्पित किया जा सकता है.

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