द लीडर : फिलिस्तीन पर ऑग्रेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (OIC) बेशक फिलिस्तीन के हक में बोलने का साहस नहीं जुटा सका. लेकिन भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में खुले दिल से कहा कि करोड़ों भारतीयों के दिल में येरुशलम की खास जगह है. येरुशलम की ओल्ड सिटी, अल जाविय्या अल हिंदिया का ताल्लुक भारत के मशहूर सूफी संत बाबा फरीद है. हरम अल शरीफ पर टेंपल माउंट दोनों धार्मिक स्थलों पर हिंसा की निंदा करते हैं. और दोनों पक्षों से तत्काल हिंसा खत्म कर शांति बनाए रखने की अपील करते हैं.
Watch 📺:
PR @ambtstirumurti speaks at the Open Debate on Middle East@MEAIndia @indemtel @ROIRamallah pic.twitter.com/g1admWoaxP
— India at UN, NY (@IndiaUNNewYork) May 16, 2021
यूएन में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस त्रिमूर्ति ने भारत का पक्ष रखते हुए कहा कि शेख जर्राह या उसके आस-पास की जो भौगोलिक स्थिति है, उस पर यथास्थिति बनाए रखें.
जैसे कि इजराइल ने एकतरफा कार्रवाई करते हुए फिलिस्तीनियों को शेख जर्राह से निकालने की कवायद शुरू की थी. इस पर भारत ने दोनों पक्षों से एकतरफा बदलाव न किए जाने की अपील की है. भारत ने गाजा पट्टी में इजराइली कार्रवाई के साथ इजराइल में गाजा के रॉकेट हमलों की भी निंदा की. उन्होंने इस हिंसा में एक भारतीय नागरिक की मौत का भी जिक्र किया है.
बेअन्दाज हुआ इजराइल, कायदे ठेंगे पर, हमास मुखिया का घर, मीडिया दफ्तरों की बिल्डिंग भी तबाह,झांसा देकर मारे लड़ाके
त्रिमूर्ति ने फिलिस्तीन में मारे गए महिला, बच्चों की मौत का जिक्र करते हुए दोनों पक्षों से संयम बनाए रखने की अपील की है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यूएन में भारत ने फिलिस्तीन की सही मांगों का समर्थन जताया है. और टो नेशन थ्योरी के अंतर्गत मामले को हल करने पर जोर दिया है.
भारत ने कहा कि दोनों पक्षों को ऐतिहासिक धार्मिक स्थलों का सम्मान करना चाहिए. जिसमें अल अक्सा मस्जिद और माउंट टेंपल शामिल हैं. उन्होंने कहा कि पिछले एक सप्ताह से दोनों पक्षों के बीच जारी हिंसा गंभीर विषय है, जो व्यापक हिंसा का रूप ले सकता है.
इसलिए भारत हर प्रकार की हिंसा की कड़ी निंदा करता है. और इस मामले को टू नेशन समाधान के तहत हल करने का समर्थन करता है.
फिलिस्तीन : गाजा में इजराइल के हमले जारी, जॉर्डन से मदद को दौड़े सैकड़ों नागरिक
रमजान के महीने से येरुशलम और फिलिस्तीन में तनाव बना है, जो अलविदा के दिन हिंसा में बदल गया था. इजराइल ने अल अक्सा मस्जिद में नमाज अदा करने पहुंचे नमाजियों पर हमले किए. मंदिर के अंदर इजराइल की इस कार्रवाई से आह्त फिलिस्तीनियों ने विरोध-प्रदर्शन किया.
इजराइली सैनिकों ने फिलिस्तीनियों पर गोलीबारी की. इस पर गाजा पट्टी के एक संगठन हमास ने इजराइल पर रॉकेट से हमले किए. और इजराइल ने गाजा पट्टी, वेस्ट बैंक समेत अन्य हिस्सों में इवाई हमले शुरू कर दिए. जिसमें अब तक 180 से अधिक फिलिस्तीनियों की मौत हो चुकी है. जिसमें मासूम बच्चे, महिलाएं भी शामिल हैं. हजारों मकान ध्वस्त हो गए हैं. और बड़ी संख्या में लोग बेघर हो रहे हैं.
इजराइल की बबर्रता लगातार बनी है. ओआइसी ने शुरुआत में इजराइल का विरोध किया. और आपात बैठक भी बुलाई थी. लेकिन बाद में उसके सुर भी बदल गए और वो फिलिस्तीनियों पर जारी इजराइल के जुल्म पर खामोशी अख्तियार किए बैठा.
ओआइसी की इस चुप्पी पर दुनिया भर से सवाल भी उठ रहे हैं. खासतौर से इसलिए भी क्योंकि विश्व के तमाम देश इजराइल की बबर्रता का खुला विरोध कर रहे हैं. क्योंकि इजराइल अपने सैन्य बल, ताकत के दम पर फिलिस्तीनियों को शेख जर्राह से निष्कासित कर अल अक्सा मस्जिद पर कब्जा जमाना चाहता है.
अमेरिका में स्वामीनारायण मंदिर निर्माण में दलितों से बेगारी कौन करा रहा है?
लेकिन मुस्लिम देशों पर इसका कोई खास असर नहीं दिख रहा है. जॉर्डन समेत अन्य देशों की अवाम में जरूर गुस्सा है. रविवार को जॉर्डन से सैकड़ों नागरिक फिलिस्तीनियों की हिफाजत के लिए बॉर्डर की दौड़े थे. तुर्की जरूर है जो फिलिस्तीनियों के हक के लिए लगातार मुस्लिम देशों से संवाद कर रहा है और उनसे दखल की अपील भी करता देखा जा रहा है.