लखनऊ। प्रदेश में जंहा कई जिलों में कोरोना कर्फ्यू में छूट दी गई है तो अब प्रदेश के सभी अस्पतालों में 4 जून से ओपीडी शुरू कर दी जाएगी। जिन्हें सर्जरी की जरूरत होगी उन्हें भर्ती कर लिया जाएगा। सर्जरी करने से पहले कोरोना की जांच कराई जाएगी। मुख्यमंत्री योगी के निर्देश के बाद अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने विस्तृत गाइडलाइन जारी कर दी है।
अपॉइंटमेंट सिस्टम अनावश्यक भीड़ को रोकने में कारगर होगा। इमरजेंसी सेवाएं 24 घंटे निरंतर जारी रखी जाएगी। ताकि ज्यादा से ज्यादा मरीजों को लाभ मिल सके। मालूम हो कि प्रदेश में अप्रैल माह के पहलेे सप्ताह में ओपीडी का संचालन सीमित कर दिया गया था। अपॉइंटमेंट के आधार पर मरीज देखे जा रहे थे लेकिन 15 अप्रैल के बाद चरणबद्ध तरीके से अस्पतालों की ओपीडी बंद कर दी गई। अब नए सिरे से ओपीडी शुरू की जा रही है।
सभी अस्पतालों में बनेगी फीवर क्लीनिक
4 जून से सभी मंडल, जिला एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों का उपचार शुरू हो जाएगा। इन अस्पतालों में फीवर क्लीनिक और फ्लू क्लीनिक अनिवार्य रूप से बनाई जाएगी। जिन मरीजों में कोरोनावायरस के लक्ष्ण होंगे उनकी जांच कराई जाएगी। जांच रिपोर्ट पॉजिटिव होने पर उनका उपचार अन्य मरीजों से अलग किया जाएगा। यह भी निर्देश दिया गया है कि जिन अस्पतालों की अभी तक रंगाई पुताई का कार्य धीमा है उसे 6 जून तक हर हाल में पूरा करा लिया जाए।
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मरीज के शुरू होंगे ऑपरेशन
ओपीडी में आने वाले मरीजों को जरूरत के मुताबिक भर्ती कर सर्जरी शुरू की जाएगी। जो मरीज लंबे समय से सर्जरी के इंतजार में है उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी। सर्जरी से पहले कोविड-19 की जांच अनिवार्य है।
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प्रसव कराए जाएंगे
जिन अस्पतालों में प्रसव होता रहा है वहां की व्यवस्थाएं पहले की तरह फिर से शुरू की जाएंगी। गर्भवती महिलाओं से जुड़े जांच भी किए जाएंगे। जरूरत के मुताबिक सिजेरियन और सामान्य प्रसव की सभी गतिविधियां संचालित की जाएंगी। इसी तरह सभी उप केंद्रों में फिर से टीकाकरण सहित अन्य गतिविधियों का संचालन शुरू कर दिया जाएगा।
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कोविड मरीज शिफ्ट होंगे
कुछ समय पहले सभी जिलों में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को कोविड अस्पताल में तब्दील किया गया था। ऐसे में जिस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कोरोनावायरस से संक्रमित मरीज भर्ती होगा उसे जिला मुख्यालय पर बने एल 2 अस्पताल में स्थानांतरित किया जाएगा। संबंधित सीएससी को सेनीटाइज करके वहां ओपीडी और मरीजों को भर्ती करने की कार्यवाही शुरू कर दी जाएगी। इसी तरह जिन अस्पतालों को डेडीकेटेड कोविड हॉस्पिटल घोषित किया गया है उनमें कोविड मरीजों का उपचार चलता रहेगा।
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद स्वास्थ्य विभाग ने गाइडलाइन जारी कर 4 जून से अस्पतालों को शुरू करने का निर्देश दे दिया है, लेकिन चिकित्सा शिक्षा विभाग ने गाइडलाइन जारी नहीं किया है।राजधानी के तीनों चिकित्सा संस्थान प्रशासन का कहना है कि कार्य योजना तैयार की जा रही है। कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए चरणबद्ध तरीके से ओपीडी शुरू की जाएगी।
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