द लीडर देहरादून।
प्रधानमंत्री के कहने पर सीबीएसई और आइएससी की की 12 वीं की परीक्षा रद्द होने के बाद अब उत्तराखंड बोर्ड की भी 12वीं की परीक्षाएं रद्द कर दी गई हैं। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे की अध्यक्षता में आयोजित शिक्षा विभाग की बैठक में उक्त निर्णय किया गया है।
ये साफ था कि यहां की सरकार भी दिल्ली की तरफ टकटकी लगाए बैठी है। एक जून को पीएम मोदी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में सीबीएसई की 12वीं बोर्ड की परीक्षा को रद्द करने का निर्णय किया गया था। इसके बाद आइएससी की परीक्षा भी रद्द कर दी गई थी। इसके बाद मध्यप्रदेश, गुजरात और हरियाणा ने भी 12वीं बोर्ड की परीक्षा को रद्द करने का निर्णय किया था।
उत्तराखंड में शिक्षा विभाग 12वीं बोर्ड की परीक्षा की तैयारी कर रहा था। कोरोना को देखते हुए तय किया गया था कि 12वीं की परीक्षा जून के अंतिम अथवा जुलाई के प्रथम सप्ताह से शुरू की जा सकती हैं। राज्य में वर्तमान में 1385 परीक्षा केंद्र है, जिन्हें बढ़ाकर 1500 किया जा सकता है। वहीं क्यूआर सीट पर भी इस बार 12वीं का एग्जाम करवाने को लेकर तैयारी की जा रही थी।
शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने कहा कि यदि कोई छात्र परीक्षा देना चाहते हैं, वो जब सीबीएसई बोर्ड का जो फैसला आएगा, उसी तर्ज पर हम भी परीक्षा करा सकते हैं। हमने छात्रों के हित में फैसला लिया है। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की सहमति के पश्चात् शिक्षा मंत्री अरविन्द पाण्डे ने कोविड-19 के दृष्टिगत प्रदेश में भी इण्टरमीडिएट परीक्षा निरस्त करने की घोषणा की है। इस सम्बन्ध में बुधवार को सचिवालय में शिक्षा मंत्री श्री अरविन्द पांडे की अध्यक्षता में बैठक भी आयोजित हुई। बैठक में मुख्य सचिव ओम प्रकाश, सचिव शिक्षा आर मीनाक्षी सुन्दरम, महानिदेशक शिक्षा विनय शंकर पाण्डे सहित शिक्षा विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि इंटरमीडिएट में किसी भी छात्र को अनुतीर्ण नहीं किया जायेगा। इस संबंध में सीबीएसई बोर्ड के मानको एवं निर्णय के अनुसार प्रदेश में भी तदनुसार कार्ययोजना तैयार करने के भी उन्होंने निर्देश दिये तथा सीबीएसई द्वारा अपनायी गई प्रक्रिया का अनुपालन किये जाने की बात कही।