द लीडर : उत्तर प्रदेश जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में अफसरों की भूमिका को लेकर समाजवादी पार्टी लगातार हमलावर है. पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने साफ शब्दों में कहा है. ‘मैं उन रीढ़विहीन अफसरों को चेतावनी देता हूं, जो अपने आका के इशारे पर पंचायत अध्यक्ष चुनाव हराने के लिए पार्टी के सदस्यों का उत्पीड़न कर रहे हैं. उन्हें चिन्हित किया जा रहा है. और सपा सरकार बनने पर वो बख्शे नहीं जाएंगे.’
प्रोफेसर यादव ने एक टीवी चैनल से बातचीत में ये कहा है., बोले-जनता द्वारा चुने गए सदस्यों का अफसर उत्पीड़न कर रहे हैं. फर्जी मुकदमे लिखकर छापा डाल रहे. मकान, दुकानें ढहाई जा रही हैं. ये सब मनमानी तरीके से जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने के लिए किया जा रहा है. इस हालात में सदस्य चुनाव का नामांकन कैसे करा पाएंगे?
उन्होंने रामेश्वर सिंह का जिक्र करते हुए कहा कि उनका बेटा पंचायत अध्यक्ष का चुनाव लड़ रहा है. 20 साल साल पुराना उनका घर है, बिना नोटिस दिए वहां बुल्डोजर चलवा दिया गया. दुकानें ढहा दीं. बाजार तोड़े जाने से लेकर अब तक पांच-छह मुकमदे लिखे जा चुके हैं.
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इनकी मंशा साफ है. लड़कर तो चुनाव जीत नहीं सकते. इसलिए किसी तरह पर्चा भरने से रोक दिया जाए. बागपत में सदस्यों को छीना जा रहा है. ये केवल एक, दो जिलों की बात नहीं है. महाराजगंज, गोरखपुर समेत दूसरी जगह भी यही चल रहा है.
उन्होंने कहा कि गोरखपुर में तो मुख्यमंत्री को लग रहा है कि अपने ही जिले में हार जाएंगे. उनकी कुर्सी वैसे भी हिली हुई है. इसलिए अधिकारियों को ये जिम्मा दे दिया कि वो चुनाव जितवाएं.
एटा में कुछ दिन पहले ही डीएम आए हैं. ये वही डीएम हैं जिनके समय सोनभद्र में पट्टा भूमि विवाद हुआ था. आते ही काम शुरू कर दिया. आज एटा पूरी तरह सील है. यही चुनाव के दिन हुआ तो कोई पर्चा भी भरने नहीं आ पाएगा.
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फिरोजाबाद में कईयों सपा नेताओं के खिलाफ मुकदमे लिखे गए हैं. छापेमारी हो रही है. उनकी जमानतें करानी पड़ रही हैं. लेकिन में ऐसे अफसरों से कहना चाहता हूं कि सब कुछ याद रखा जाएगा. और सूची बनाई जा रही है. अगले छह महीने बाद हमारी सरकार बनेगी. तो किसी को बख्शा नहीं जाएगा.
प्रोफेसर रामगोपाल का अफसरों को लेकर ये बयान ऐसे समय आया है, जब दो दिन पहले ही पूर्व मुख्यमंत्री और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा था कि अब भाजपा नहीं बल्कि डीएम और एसपी पंचायत अध्यक्ष का चुनाव लड़ रहे हैं.
यूपी के सभी 75 जिलों में 3 जुलाई तक जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर चुनाव होने हैं. जिसमें 3050 जिला पंचायत सदस्य अपने-अपने जिलों में मतदान के जरिये अध्यक्ष का चुनाव करेंगे.
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इसको लेकर सत्तारूढ़ भाजपा और सपा के बीच सियासी और जुबानी, घमासान जारी है. सपा का आरोप है कि सत्तारूढ़ दल सरकारी तंत्र के दम पर हमारे सदस्यों का उत्पीड़न कर रहा है. जिसका वक्त आने पर जवाब दिया जाएगा.