द लीडर : हरिद्वार की धर्म संसद, जिसका विषय है-”इस्लामिक भारत में सनातन का भविष्य, समस्या व समाधान”, में बेधड़क होकर मुसलमानों के नरसंहार का संदेश आम किया गया. ये संसद तीन दिन चली. तमाम वक्ताओं ने सनातन धर्म को इस्लाम से खतरा बताया. इसमें शामिल आम हिंदू समाज के लोगों से कहा गया कि वे मुसलमानों के खिलाफ शस्त्र उठाएं. (Haridwar Dharma Sansad Muslims)
महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद सरस्वती, जोकि धर्म संसद के मुख्य मार्गदर्शक हैं-उन्होंने हिंदू समाज के किसी भी एक शख्स के प्रभाकरण बनने पर 1 करोड़ रुपये देने की पेशकश कर डाली.
इस कार्यक्रम के कई वीडियो सामने आए हैं, जिसमें हर वक्ता हिंसा, मुसलमानों के नरसंहार और इस्लाम से खतरे जताता सुना जा रहा है. बिहार के एक महाराज तो पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की छाती में 6 गोलियां उतारने की बात बोल गए. इस संदर्भ को रखते हुए कि ”मनमोहन सिंह ने बोला था कि देश के संसाधनों पर पहला हक अल्पसंख्यक यानी मुसलमानों का है. अगर मैं सांसद होता, तो नाथूराम गोडसे बन जाता और रिवॉल्वर की छह गोलियां उनके सीने में दाग देता.”
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I've filed a complaint with SHO, Jwalapur PS in Haridwar against the #HaridwarHateAssembly conducted from 17th-20th December at Ved Niketan Dham.
Failing the registration of an FIR against the organizers & speakers in 24 hrs, a plaint shall be made to the Judicial Magistrate. https://t.co/hnUdNiurve pic.twitter.com/Xgv6FCu3ZM
— Saket Gokhale MP (@SaketGokhale) December 23, 2021
धर्म संसद का जहरीला संवाद सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है. सुप्रीमकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने इसे हिला देने वाला बताया है. उन्होंने कहा कि ये सभी आरोपियों को गंभीर धाराओं में गिरफ्तार किया जाना चाहिए. और यूएपीए के तहत भी कार्रवाई हो. सुप्रीमकोर्ट को इसका स्वत: संज्ञान लेना चाहिए. मुस्लिम सामाजिक संगठन भी इस कार्यक्रम के वक्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठा रहे हैं. (Haridwar Dharma Sansad Muslims)
स्वामी विवेकानंद की धर्म संसद
स्वामी विवेकानंद सरस्वती ने 128 साल पहले 1893 में शिकागो की धर्म संसद में अपने संबोधन से पूरी दुनिया का दिल जीत लिया था. लेकिन आज 128 साल बाद भारत में जो धर्म संसद हो रही हैं. उनमें एक तरह से सनातन परंपरा का भी उपहास उड़ाया जा रहा है. हरिद्वार की धर्म संसद में जो कुछ बोला गया. उसका मामूली सा सार ऊपर दिया जा चुका है.
अब ये भी जान लीजिए कि स्वामी विवेकानंद ने शिकागो की धर्म संसद में क्या कहा था. ” मुझे गर्व है कि मैं ऐसे धर्म से हूं, जिसने समूचे विश्व को सहनशीलता और सार्वभौमिक स्वीकृति का पाठ पढ़ाया है. हम सिर्फ सार्वभौमिक सहनशीलता में ही यकीन नहीं रखते हैं, बल्कि विश्व के सभी धर्मों को सत्य के रूप में स्वीकार करते हैं. मुझे गर्व है कि मैं उस देश से हूं, जिसने सभी देशों के सताए हुए लोगों शरण दी.”
सिलसिलेवार तरीके से नफरत का खेल
मुस्लिम समुदाय के खिलाफ नफरत फैलाने का ये सिलसिला सुनियोजित तरीके से चल रहा है. अभी दिल्ली में युवा वाहिनी के एक कार्यक्रम से भी हिंसा के बीज सामने आए थे. इससे पहले जंतर-मंतर पर भी खुलेआम भड़काऊ नारेबाजी का मामला सामने आ चुका है. (Haridwar Dharma Sansad Muslims)