द लीडर : ”मैं भारत के मुसलमानों से पूछ रहा हूं कि धर्मनिरपेक्षता से हमें क्या मिला? धर्मनिरेक्षता से सिर्फ मुशायरा मिला, मीठी-मीठी बातें और नारे मिले. क्या धर्मनिरपेक्षता की वजह से आरक्षण मिला? क्या मस्जिद को सुरक्षा मिली? क्या मस्जिद गिराने वालों को सजा मिली? नहीं मिली…मैं उस ाधर्मनिरपेक्षता को मानता हूं, जो भारतीय संविधान में है. मैं इस राजनीतिक धर्मनिरपेक्षता को नहीं मानता.” ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM)के अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने मुंबई में पार्टी की तिरंगा यात्रा में ये बातें कहीं. (Muslims Secularism Owaisi Indian)
एआईएमआईएम ने महाराष्ट्र में पिछड़े मुसलमानों को आरक्षण और वक्फ की संपत्तियों को कब्जा मुक्त कराने के लिए ये तिरंगा रैली निकाली है, जिसमें भारी संख्या में भीड़ शामिल हुई. पार्टी के सांसद इम्तियाज जलील का आरोप है कि एनसीपी और कांग्रेस के कई नेताओं के करीब वक्फ की करोड़ों की संपत्तियां कब्जाए हैं.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र के पिछड़े मुसलमानों को 5 फीसदी आरक्षण दिए जाने की बात कही थी. लेकिन इस पर अमल नहीं हुआ. इम्तियाज जलील ने यहां तक ऐलान कर दिया कि अगर सरकार मुसलमानों को आरक्षण और वक्फ प्रॉपर्टी को कब्जा मुक्त करा देती हैं. इसके एवज में अगर वे चाहेंगी कि मैं चुनाव न लड़ूं, तो नहीं लड़ूंगा. (Muslims Secularism Owaisi Indian)
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हैदराबाद के बाद एआईएमआईएम राष्ट्रीय स्तर पर अपनी जमीन तलाश रही है. 2019 के लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में इम्तियाज जलील सांसद चुने गए थे.
इसी साल बिहार में हुए विधानसभा चुनाव में एआईएमआईएम को 5 सीटों पर जीत मिली थी. और अब पार्टी यूपी विधानसभा चुनाव के मैदान में है. यहां ओवैसी खुद मुस्लिम समाज से जुड़े भावनात्मक मुद्दों को उठा रहे हैं. और मुस्लिम समाज को मजलिस के पक्ष में लाने की कोशिशें में लगे हैं. (Muslims Secularism Owaisi Indian)
यूपी में ओवैसी की जनसभाओं में भीड़ भी अच्छी खासी तादाद में उमड़ रही है. यूपी में ओवैसी के निशाने पर सत्तापक्ष के साथ ही विपक्ष के धर्मनिरपेक्ष दल-कांग्रेस, सपा और बसपा हैं.