द लीडर हिंदी, कोलकाता | तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मुकुल रॉय को शुक्रवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा की लोक लेखा समिति का सदस्य निर्विरोध चुन लिया गया.
भारतीय जनता पार्टी की ओर से उनके नामांकन का विरोध किया गया था क्योंकि रॉय भाजपा के टिकट पर चुनाव जीत कर आए थे.
रॉय समेत 20 विधायकों ने पीएसी की सदस्यता के लिए बुधवार को नामांकन भरा था. पीएसी में अधिकतम 20 सदस्य हो सकते हैं.
यह भी पढ़ें – तेल की कीमतों में लगी आग, जानें अपने शहर में पेट्रोल-डीजल के दाम ?
सभी 20 उम्मीदवारों के नामांकन को वैध पाया गया और उन्हें निर्विरोध चुन लिया गया. रॉय को पीएसी का अध्यक्ष नियुक्त किए जाने की अटकलें लगाई जा रही हैं.
तृणमूल कांग्रेस की ओर से 14 और बीजेपी की ओर से छह नामों का प्रस्ताव दिया गया था. रॉय, आधिकारिक रूप से कृष्णनगर उत्तर से बीजेपी के विधायक हैं और वह पिछले सप्ताह तृणमूल कांग्रेस में चले गए थे.
इसके बावजूद उन्होंने न तो विधानसभा से इस्तीफा दिया न उन्हें दल-बदल रोधी कानून के तहत अयोग्य घोषित किया गया.
शुक्रवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा सचिव ने सूची सार्वजनिक की जिसमें रॉय का नाम था. प्रख्यात अर्थशास्त्री और बीजेपी विधायक अशोक लाहिड़ी और नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी का नाम भी सूची में है.
यह भी पढ़ें – WHO ने कोरोना के डेल्टा वेरिएंट को बताया सबसे ज्यादा संक्रामक, जानिए भारत की स्थिति
सीएम ममता ने किया था समर्थन
इससे पहले पश्चिम बंगाल विधानसभा की लोक लेखा समिति में मुकुल रॉय के नामांकन पर बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस में गतिरोध के बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि उनकी पार्टी रॉय का समर्थन करती है.
उन्होंने कहा कि रॉय बीजेपी के सदस्य हैं. सीएम बनर्जी ने कहा कि नामांकन कोई भी दाखिल कर सकता है लेकिन अंतिम निर्णय सदन के अध्यक्ष को लेना होता है.
मुख्यमंत्री ने सचिवालय में कहा, ‘कोई भी लोक लेखा समिति के लिए नामांकन दाखिल कर सकता है और मुकुल रॉय, जिन्होंने नामांकन दाखिल किया है वह भाजपा के सदस्य हैं.’
यह भी पढ़ें – जॉर्ज फ्लॉयड हत्या मामले में पूर्व पुलिस अधिकारी डेरेक चाउविन को 22.5 साल की जेल