ज़ुल्म और ज़्यादती के ख़िलाफ इंसाफ़ मांगने सड़कों पर उतरीं सैकड़ों मुस्लिम महिलाएं

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MP Khargone Muslim Women
मध्प्रदेश के खरगौन में प्रदर्शन करती महिलाएं.

द लीडर : मध्यप्रदेश के खरगौन में ज़ुल्म और ज़्यादती के ख़िलाफ मुस्लिम औरतें सड़कों पर उतरने लगी हैं. उनका इल्ज़ाम है कि अप्रैल की सांप्रदायिक हिंसा के बाद से उनके घर के पुरुषों को परेशान किया जा रहा है. आधी रात को पुलिस घरों में दबिश देती है और दरवाज़े तोड़ डालती. कई बेक़सूर लड़कों को जेल में बंद कर रखा है. और वहां उनको बेरहमी से पीटा जा रहा है. इन्हीं आरोपों के साथ सैकड़ों महिलाओं ने खरगौन की सड़कों पर विरोध-प्रदर्शन करते हुए इंसाफ़ की आवाज़ बुलंद की है. (MP Khargone Muslim Women )

खरगौन में अप्रैल में सांप्रदायिक हिंसा भड़की थी. यहां नवरात्रि पर एक शोभायात्रा निकाली गई थी. जिसमें भीड़ ने मस्जिद के पास हथियार लहराए थे. इसी को लेकर यहां दो पक्षों में संघर्ष हो गया. इस मामले में पुलिस ने क़रीब 100 मुस्लिमों को आरोपी बनाया. और बाद में उनके मकान और दुकानों पर बुल्डोज़र चलाकर तोड़ दिया था.

हालांकि बुल्डोज़र को लेकर प्रशासन ने सफाई दी थी कि अतिक्रमण हटाया गया है. लेकिन हिंसा के बाद ये कार्रवाई सीधे तौर पर एक कम्युनिटी के ख़िलाफ मानी गई. ये सब उस वक़्त हुआ, जब रोज़े चल रहे थे. और रोज़े की हालत में कई लोग बेघर हो गए. कार्रवाई का सिलसिला यहीं नहीं थमा. अभी भी दबिश और गिरफ़्तारियां चल रही हैं. (MP Khargone Muslim Women )


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प्रदर्शनकारी महिलाओं का आरोप है कि पुलिस उनके घरों पर रात की सम्मत में दबिश देती है. गेट खोलने में देरी हो तो दरवाज़ा तोड़ देते. उनके बच्चों को उठाकर ले जाते हैं और बेरहमी से पीटा जाता है. महिलाओं ने ज़िलाधिकारी और एसपी से इन कार्रवाईयों पर रोक लगाने की मांग की है.

उधर मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने राज्य में टेरर फंडिंग और हवाला का पैसा खपाने की आशंका के बीच नेशनल इनवेस्टिगेंशन एजेंसी-एनआईए को जांच के लिए आमंत्रित करने की बात कही है.

दरअसल, एमपी में अल्पसंख्यक विरोधी हिंसा और कार्रवाईयों में तेजी देखी जा रही है. ख़ासतौर से शिवराज सिंह चौहान की इस नई सरकार में. जिसको लेकर सरकार की आलोचना भी हो रही है. (MP Khargone Muslim Women )


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