द लीडर हिंदी, नई दिल्ली। बच्चों को तीसरी लहर से बचाने की तैयारियों पर खास जोर दिया जा रहा है. वहीं सरकार ने बच्चों के कोरोना इलाज को लेकर गाइडलाइंस जारी की है. जिसमें कहा है कि, एडल्ट के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाइयों का बच्चों पर इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.
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खुद से न बनें डॉक्टर, गलती पड़ सकती है भारी
दरअसल, कोरोना महामारी के दौरान यह भी देखा गया है कि, कई लोग लक्षण के बाद बिना डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के सीधे बाजार से दवाइयां खरीदकर उनका सेवन कर रहे थे. यह खतरनाक है और जानलेवा भी हो सकता है.
बिना डॉक्टर की सलाह के न लें दवाई
सरकार और एक्सपर्ट बार-बार कहते रहे हैं कि, बिना डॉक्टर की सलाह के किसी भी तरह की दवा न खाएं. ऐसे में लोगों के लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि, सोशल मीडिया या किसी अन्य स्रोत से अगर कुछ दवाओं के बारे में आपको जानकारी मिल रही है तो बिना डॉक्टर की सलाह के न लें.
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बच्चों को लेकर ज्यादा सावधान रहने की जरूरत
बच्चों के बारे में तो और भी ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है. सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि कोरोना संक्रमण में वयस्क मरीजों के इलाज में काम आने वाली दवा जिसमें आइवरमेक्टिन, हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन, फैविपिराविर जैसी कई दवाएं इस्तेमाल नहीं की जा सकती है हां बुखार आने पर उन्हें पैरासीटामोल देने की सलाह दी गयी है.
बच्चों की वैक्सीन को लेकर चल रहा ट्रायल
स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसके साथ-साथ बच्चों की सुरक्षा और उनकी देखरेख के भी दिशा निर्देश जारी किया है. बच्चों की वैक्सीन को लेकर अबतक ट्रायल चल रहा है कई चरणों में होने वाले इस ट्रायल के कई चरण सफल रहे हैं. सरकार इन ट्रायल्स के बाद बच्चों के वैक्सीनेशन की तरफ फोकस करेगी.
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कई जगह बच्चों के वैक्सीनेशन की प्रक्रिया शुरू
स्वास्थ्य मंत्रालय इस पर भी पूरा फोकस कर रहा है कि, बच्चों के लिए बिस्तरों की कमी ना हो. बच्चों की वैक्सीन को लेकर दुनिया भर के कई देशों में काम चल रहा है, कई जगहों पर 12 से 16 साल के बच्चों के लिए वैक्सीनेशन की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गयी है.
जोरों पर तीसरी लहर से निपनटे की तैयारी
भारत में भी कई जगहों पर शोध चल रहा है ऐसी संभावना है कि, जल्द ही बच्चों के लिए भी वैक्सीन उपलब्ध होगी. दूसरी तरफ कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर से निपटने की तैयारी जोरों पर है.
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अगर बच्चे गंभीर संक्रमण का शिकार होते हैं तो बच्चों के साथ- साथ माता पिता के भी अस्पताल में ठहरने की व्यस्था हो इस पर भी ध्यान दिया जा रहा है.
नए मामले कम…लेकिन नहीं टला खतरा
देश में कोरोना संक्रमण के मामले भले ही कम हो रहे हों लेकिन कोरोना संक्रमण का खतरा अभी पूरी तरह टला नहीं है. दुनिया भर के कई हिस्सों में कोरोना संक्रमण के कई वेब आ चुके हैं.
कई राज्यों में अनलॉक की प्रक्रिया शुरू
भारत में भी तीसरी लहर की संभावना जाहिर की गयी है. लॉकडाउन के बाद भले ही अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो गयी हो लेकिन अब भी कई राज्यों में पूरी तरह राहत नहीं दी गयी है.
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