पेरिस।
भारत में कोरोना की दूसरी लहर से बिगड़ते हालात ने दुनिया के कई देशों को भी दहशत में ला दिया है। अब फ्रांस ने एहतियाती कदम उठाते हुए भारत से आने वाले यात्रियों के लिए 10 दिनों का क्वारंटाइन अनिवार्य कर दिया है। इससे पहले, अमेरिका ने अपने नागरिकों को भारत की यात्रा से बचने की सलाह दी थी। यूएस ने कहा था कि कोरोना वैक्सीन लगवा चुके लोग भी मौजूदा माहौल में भारत जाने से बचें। इसी तरह, खतरे को देखते हुए ब्रिटेन ने भी भारत को ‘रेड लिस्ट’ में डाल दिया है।
फ्रांस ने इससे पहले ब्राजील से आने वाली सभी फ्लाइट्स पर बैन लगाने का ऐलान किया था, ताकि नए कोरोना वैरिएंट को देश में फैलने से रोका जा सके। इसके साथ ही सरकार ने कहा है कि भारत की तरह अर्जेंटीना और दक्षिण अफ्रीका से आने वालों लोगों को भी क्वारंटाइन होना होगा। महामारी पर कैबिनेट की बैठक के बाद सरकार ने कहा कि जहां स्थिति काफी खराब और चिंताजनक है, हम उन देशों को ध्यान में रखते हुए सख्त फैसले लेंगे। आने वाले दिनों में यात्रा प्रतिबंधों को लेकर भी फैसला लिया जाएगा।
भारत और फ्रांस के बीच एयर बबल अग्रीमेंट है, जिसके तहत एयर इंडिया और एयर फ्रांस दोनों देशों के बीच फ्लाइट का संचालन करते हैं। एयर फ्रांस हफ्ते में 10 फ्लाइट ऑपरेट करता है, जो पेरिस से दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु आती हैं। माना जा रहा है कि फ्रांस सरकार के इस फैसले के बाद वहां जाने वाले यात्रियों की संख्या में कमी आएगा। भारत में कोरोना की रफ्तार लगातार बढ़ती जा रही है. हर रोज पहले से ज्यादा नए केस दर्ज किए जा रहे हैं। इसे ध्यान में रखते हुए एक मई से वैक्सीनेशन का तीसरा चरण शुरू होने वाला है।
वहीं, एयर इंडिया ने 24 से 30 अप्रैल के बीच ब्रिटेन जाने वालीं अधिकांश फ्लाइट को रद्द कर दिया है. एयरलाइन्स की तरफ से जारी बयान में बताया गया है कि ब्रिटेन द्वारा भारत को रेड लिस्ट में डालने के बाद फ्लाइट की संख्या को सीमित किया गया है। 24 से 30 अप्रैल की अवधि के बीच 13 वीकली फ्लाइट के बजाए अब मुंबई और दिल्ली से लंदन के लिए केवल एक-एक ही फ्लाइट रवाना होगी। एयर इंडिया ने कहा है कि जिन लोगों ने पहले से टिकट बुक करा ली थी, उन्हें रिफंड के बारे में जल्द सूचित किया जाएगा।
अमेरिका ने 20 अप्रैल को अपने नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी की थी इस बीच भारत की यात्राएं रद्द कर दें। न्यूज़ीलैंड ने भारत से 17 केस पहुंचने बाद 8 अप्रैल को भारत की उड़ानों पर रोक लगा दी थी, दो दिन पहले ही हांगकांग ने ऐसा फैसला किया था।
भारतीय नागरिक और भारतवंशी सबसे अधिक ब्रिटेन और उत्तरी अमेरिका महाद्वीप में रहते हैं। भारत ने 28 देशों के साथ एयर बब्बल की व्यस्वस्था की हुई है। जिस तरह से यहां रोज मामले बढ़ रहे हैं उससे लगता है कि और भी कई देश भारत की विमान सेवाओं पर प्रतिबंध लगा सकते हैं।