मंकीपॉक्स ने डराया : अब तक 75 देशों में फैला वायरस, WHO ने ‘वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल’ घोषित किया

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द लीडर। देश के कई हिस्सों में भारी बारिश और बाढ़ के चलते लोगों का हाल बेहाल है लेकिन इस बीच अब मंकीपॉक्स वायरस के मामले बढ़ते देखने को मिल रहे है। ये बीमारी अब तक 75 देशों में फैल चुकी हैं। वहीं भारत में भी इसके कई मामले सामने आ चुके हैं। इस बीमारी ने लोगों की चिंता को और बढ़ा दिया है। मंकीपॉक्स बीमारी को WHO यानि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर दिया है।

लगभग दो साल से ज्यादा समय से दुनिया के कई देश कोरोना वायरस महामारी से जूझ रहे हैं। लेकिन अभी तक कोरोना वायरस का खात्मा नहीं हुआ है। लेकिन एक के बाद एक वायरस सामने आते रहे हैं। वहीं अब मंकीपॉक्स ने लोगों की मुसीबतों को बढ़ा दिया है। भारत समेत कई देशों के लिए मंकीपॉक्स एक चिंता का विषय बनता जा रहा है।

भारत समेत 75 देशों में फैला मंकीपॉक्स वायरस

भारत सहित अब तक 75 देशों में मंकीपॉक्स वायरस की पुष्टि हो चुकी है। जहां अब तक 16 हजार से अधिक मामले सामने आ चुके हैं और 5 लोगों की वायरस से मौत हो चुकी है। भारत देश की बात करें तो यहां अब तक मंकीपॉक्स के 4 मामलों की पुष्टि हो चुकी हैं। जिसमें तीन मामले केरल और एक दिल्ली में है।


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WHO ने ग्लोबल इमरजेंसी घोषित की

हालांकि मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों को देखते हुए WHO ने इसे ग्लोबल इमरजेंसी घोषित कर दिया है। और लोगों से सावधान रहने को कहा है। बताया जा रहा है कि, मंकीपॉक्स के सबसे ज्यादा मामले यूरोप से सामने आए हैं। यहां अधिकांश संक्रमण ऐसे पुरुषों में पाए गए हैं, जो पुरुषों के साथ यौन संबंध रखते हैं। विशेष रूप से ऐसे पुरुष जो कई लोगों के साथ यौन संबंध रखते हैं।

WHO द्वारा की गई वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल की इस घोषणा से अफ्रीका के बाहर सबसे अधिक प्रभावित देशों में नियंत्रण गतिविधियों में अधिक परिवर्तन नहीं होगा। हालांकि, यह उन देशों को प्रोत्साहित कर सकता है, जहां अब तक कुछ मामले हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि, अगर संक्रमण उनके देशों में फैलता है, तो उनकी स्वास्थ्य प्रणाली बेहतर प्रबंधन करने में सक्षम है।

देश में मंकीपॉक्स के अब तक 4 मामले आए सामने

देश में मंकीपॉक्स का पहला केस 14 जुलाई को केरल में मिला था। इसके बाद 18 जुलाई को दूसरा और 22 जुलाई को तीसरा केस सामने आया था। वहीं अब देश की राजधानी दिल्ली में भी इस वायरस से संक्रमित एक मरीज का इलाज चल रहा है। इस मरीज का दिल्ली के मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है। इस मरीज को तेज बुखार और स्किन में घावों के बाद भर्ती कराया गया था।

क्या है मंकीपॉक्स ?

मंकीपॉक्स एक वायरल इन्फेक्शन है जो ज्यादातर चूहों और बंदरों से इंसानों में फैलता है। संक्रमित जानवरों के संपर्क में आने से मंकीपॉक्स बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। यह एक दुर्लभ संक्रमण है जो स्मॉल पॉक्स की तरह दिखता है। इस बीमारी में चेचक के लक्षण दिखाई देते हैं।

इसके अलावा इस संक्रामक बीमारी में फ्लू जैसे लक्षण भी मरीज में दिखाई दे सकते हैं। जिन लोगों में यह बीमारी गंभीर होती है उनमें निमोनिया के लक्षण भी देखने को मिलते हैं। इससे संक्रमित होने पर मरीज में दिखाई देने वाले लक्षण हल्के या गंभीर हो सकते हैं। संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने के बाद यह बीमारी आंख, नाक या मुंह के जरिए इंसान के शरीर में फैल सकती है।

मंकीपॉक्स के लक्षण

▪️ शरीर पर गहरे लाल रंग के दानें
▪️ स्किन पर लाल रंग के रैशेज
▪️ फ्लू के लक्षण
▪️ निमोनिया के लक्षण
▪️ बुखार और सिरदर्द
▪️ मांसपेशियों में दर्द
▪️ ठंड लगना
▪️ अत्यधिक थकान
▪️ लिम्फ नोड्स में सूजन
▪️ समय के साथ लाल चकत्ते घाव के रूप में बदलना
▪️ दानों में असहनीय दर्द का होना, जोड़ों में सूजन

पहली बार 1970 में बंदर में पाई गई थी ये बीमारी

पहली बार मंकी पॉक्स नाम की यह बीमारी 1970 में एक बंदर के भीतर पाई गई थी जिसके बाद यह दस अफ्रीकी देशों में फैल गई थी। साल 2003 में अमेरिका में इसका पहला मामला सामने आया था। 2017 में नाइजीरिया में मंकी पॉक्स का सबसे बड़ा आउटब्रेक हुआ था जिसके 75 मरीज पुरुष थे। ब्रिटेन में इसके मामले पहली बार साल 2018 में सामने आया था।


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