अल्पसंख्यक आयोग : बिना शर्त माफी मांगें वसीम रिजवी, वरना कानूनी कार्रवाई

द लीडर : कुरान शरीफ के खिलाफ गलतबयानी को लेकर राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (NCM) ने सख्त नाराजगी जाहिर करते हुए वसीम रिजवी को नोटिस जारी किया है. जिसमें कहा है कि आपके द्वारा कुरान को लेकर जो बयान दिया गया है, वो सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने की सोची-समझी साजिश का हिस्सा नजर आता है. ये राष्ट्रीय सुरक्षा का मसला है, जहां सभी धर्म शांतिपूर्वक और भाईचारे के साथ रहते हैं. (Minority Commission Wasim Rizvi Legal Action)

आयोग ने कहा कि बयान घोर आपत्तिजनक, भड़काऊ और घृणित है, जिससे एक धर्म की न सिर्फ भावनाएं आह़त होती हैं बल्कि उनका अपमान भी शामिल है. इसलिए निर्देशित किया जाता है कि अपने बयान को वापस लें और बिना शर्त माफी मांगें. आयोग ने वसीम को 21 दिन का समय है. ऐसा न करने की स्थिति में आयोग में सुनवाई कर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है. आयोग के संयुक्त सचिव डेनियल ई रिचर्ड्स ने सोमवार को ये नोटिस जारी किया है.

वसीम रिजवी शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन हैं. पिछले दिनों उन्होंने कुरान की 26 आयतों को कट्टरपंथ-आतंक को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए सुप्रीमकोर्ट में इन्हें हटाए जाने को लेकर एक याचिका दाखिल की है. इसके बाद मीडिया को एक बयान दिया था, जिसको लेकर मुस्लिम समाज में वसीम के खिलाफ जबरदस्त आक्रोश है.

शिया समुदाय ने वसीम रिजवी को अपने समुदाय से बहिष्कृत कर दिया है. और इसके बाद उसके परिवार के लोगों नेे भी वसीम से नाता तोड़ लिया है. शनिवार को लखनऊ के बड़ा इमामबाड़ा पर हजारों की संख्या में भीड़ जुटी थी, जिसने वसीम के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग उठाई.


कुरान के खिलाफ आवाज उठाने वाले वसीम रिजवी पर बरेली में केस दर्ज


 

इस घटना को लेकर न सिर्फ शिया समुदाय, बल्कि मुस्लिम समाज के सभी वर्ग, फिरकों में नाराजगी है. दरगाह आला हजरत, दरगाह ताजश्शुरिया से भी कुरान के खिलाफ बयानबाजी की निंदा करते हुए कार्रवाई की मांग की जा चुकी हैं. इस मामले में सोमवार को वसीम के खिलाफ बरेली के कोतवाली थाने में मामला भी दर्ज किया गया है.

चूंकि वसीम रिजवी शिया वक्फ बोर्ड का पूर्व चेयरमैन है, और वो दोबारा इस कुर्सी को पाने की कोशिश में जुटा है. इसलिए धार्मिक संगठन, संस्थाएं खुलकर इस बात को उठा रही हैं कि वसीम ने केवल राजनीतिक लालच में कुरान के खिलाफ जाकर गलतबयानी की है, जिसके किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है. (Minority Commission Wasim Rizvi Legal Action)

Ateeq Khan

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