कोरोना वायरस संक्रमित लोगों से मिलना ‘हराम’: ग्रैंड मुफ्ती

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सऊदी अरब में वरिष्ठ विद्वानों की परिषद के अध्यक्ष व सऊदी अरब के ग्रैंड मुफ्ती शेख अब्दुल अजीज अल-शेख ने कहा कि कोरोना वायरस रोगियों को अन्य लोगों के साथ मिलने की बिल्कुल भी इजाजत नहीं है। संक्रमित लोगों से मिलना जुलना हराम है। उन्होंने सभी लोगों से घातक कोरोना वायरस के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए एहतियाती कदम उठाने का आह्वान किया है।

ग्रैंड मुफ्ती ने कई देशों में कोरोना वायरस से संक्रमित संख्या में इजाफा होने की वजह को एहतियाती उपायों का पालन करने को अनदेखा करना करार दिया। उन्होंने आगे कहा कि सेहत सबसे अच्छी नेमतों में से एक है, इसलिए सभी लोगों को एहतियाती कदम उठाकर अपनी सेहत बेहतर बनाए रखना चाहिए और ऐसा कोई भी काम न करें उनके लिए परेशानी का सबब बने या बीमारी फैलाए।

उन्होंने यह भी कहा कि स्वच्छता इस्लाम में अकीदत का आधा हिस्सा है, इस तरह यह लोगों को बीमार होने से बचाता है। इस्लाम ने इंसानों में महामारी फैलने से रोकने के पहलुओं पर पहले ही आगाह किया है और उसके लिए जरूरी एहतियात बताए हैं।

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ग्रैंड मुफ्ती ने चेतावनी देते हुए कहा, सरकार ने महामारी फैलने से रोकने को सभी जरूरी दिशानिर्देश जारी किए हैं, जिनमें मास्क पहनना, आपस में शारीरिक दूरी और बड़ी संख्या में कहीं भी जमा होना समेत कई कदम हैं। लोगों ने गाइडलाइन को अनदेखा किया तो संक्रमण के मामलों में बढ़ोत्तरी होगी और पूरे मुल्क पर इसका असर होगा, इससे सभी के सामने कई समस्याएं और परेशानियां पैदा होना लाजिमी है।

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जो लोग बाहर से आए हैं और क्वारंटीन हैं, या फिर जो संक्रमित हैं, उनसे बाकी लोगों को अलहदा रहना चाहिए और नजदीकी संपर्क नहीं रखना चाहिए। उनसे घुलने मिलने की इजाजत बिल्कुल नहीं है। जो ऐसा कर रहा है, तो वह इस्लामिक तौर पर निश्चित ही पाप कर रहा है क्योंकि इससे न सिर्फ दूसरों को नुकसान होगा, बल्कि कई लोगों को जान से हाथ धोना पड़ सकता है।

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