
द लीडर। एक तरफ जहां देश में कड़कड़ाती ठंड से लोगों का हाल बेहाल है तो वहीं दूसरे देशों में मौसम अपने तल्ख तेवर दिखा रहा है। जी हां म्यांमार के एक खदान में भीषण हादसा हुआ है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तरी म्यांमार में एक जेड खदान में बुधवार को हुए भूस्खलन में कम से कम 70 लोग लापता बताए जा रहे हैं. भूस्खलन वाले इलाके में राहत और बचाव दल के सदस्य जुटे हुए हैं. बचाव दल के एक सदस्य ने मीडिया को बताया कि सुबह चार बजे के आसपास भूस्खलन हुआ जिसमें करीब 70-100 लोग लापता हैं. बता दें कि, म्यांमार में पिछले साल जुलाई में भारी बारिश की वजह से काचिन राज्य की एक खदान में लैंडस्लाइड हुई थी।
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भूस्खलन से 70 से ज्यादा लोग लापता
भूस्खलन की वजह से कई लोग जख्मी बताए जा रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक, 25 घायलों को अस्पताल ले जाया गया है. करीब 200 बचावकर्मी राहत कार्य में जुटे हुए हैं. कुछ लोग नावों का इस्तेमाल करते हुए पास की एक झील में लापता लोगों को तलाश कर रहे हैं. खदान में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है. हालांकि अभी जानमाल के नुकसान के बारे में बहुत ज्यादा जानकारी नहीं है.
सुबह करीब 4 बजे भूस्खलन
काचिन नेटवर्क डेवलपमेंट फाउंडेशन के एक अधिकारी ने कहा कि काचिन राज्य के हपाकांत इलाके में भूस्खलन सुबह करीब 4 बजे हुआ और ऐसी आशंका थी कि करीब 80 लोग खनन कचरे से झील में बह गए. अधिकारी सुबह 7 बजे के आसपास घटनास्थल पर पहुंचे और तलाशी ले रहे हैं. हपाकांत का इलाका म्यांमार के जेड उद्योग का केंद्र बताया जाता है.
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हर साल भूस्खलन से लोगों की जाती है जान
हपाकांत की खराब विनियमित खदानों में घातक भूस्खलन और अन्य दुर्घटनाएं आम हैं. पिछले हफ्ते एक भूस्खलन के दौरान छह लोगों की मौत हो गई थी. जेड खदानों में काफी संख्या में प्रवासी मजदूर काम करते हैं. नोबेल पुरस्कार विजेता आंग सान सू की की अपदस्थ सरकार ने 2016 में सत्ता संभालने के बाद उद्योग को लेकर कई वादे किए थे लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं. पिछले साल जुलाई में हपाकांत में एक झील में खनन कचरे के गिरने से 170 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें से कई प्रवासी शामिल थे.
भूले नहीं है लोग पिछला हादसा
म्यांमार में पिछले साल जुलाई में जेड खदान में भूस्खलन हुआ था। पिछले साल म्यांमार में भारी बारिश हुई थी। इसमें 100 लोग तो सिर्फ जमीन के अंदर ही दफन हो गए थे। बता दें कि, म्यांमार में बड़ी संख्या में जेड खदान हैं। जेड या हरिताश्म एक चमकीला पत्थर है। यह दो भिन्न तरह के सिलिकेट खनिजों से बना पत्थर होता है। नेफ्राइट जेड में कैल्शियम एवं मैग्नेशियम बहुल एम्फीबोल खनिज, एक्टीनोलाइट होता है। दूसरा जेडिटाइट में पूर्णतया जेडियाइट, एक अल्यूमिनियम बहुल पायरॉक्सीन होता है। देखेने में यह एक पारदर्शी या पाराभासी हरा पत्थर होता है। अंग्रेजी का शब्द जेड स्पेनिश शब्द पीड्रा दे इजाड से निकला है। यह कमर एवं गुर्दे की कई बीमारियों के इलाज में प्रयोग होता था। टाउनशिप के अधिकारी ने सिन्हुआ को बताया कि, जब लोग खदान में काम कर रहे थे, तब यह हादसा हुआ। मिट्टी में कितने लोग दबे, इसका अभी पता नहीं चल पाया है। बचाव कार्य जारी है। बता दें कि, काचिन राज्य में अकसर लैंडस्लाइड की घटनाएं होती रहती हैं। जेड भूस्खलन के तौर पर जाना जाता है। नवंबर 2015 में इसी क्षेत्र में एक बड़ा भूस्खलन हुआ था। तब हादसे में करीब 116 लोगों की मौत हो गई थी।
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