अल अक़्सा मस्जिद में मुसलमानों को नमाज़ अदा करने से रोकना चिंताजनक, इज़राइल से जवाब मांगे विश्व बिरादरी : OIC

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Al Aqsa Masjid Muslim
अल अक़्सा मस्जिद. फ़ोटो क्रेडिट ट्वीटर

द लीडर : अल अक़्सा मस्जिद में नमाज़ अदा करने पहुंचने वाले फिलिस्तीनी मुसलमानों को सिलसिलेवार तरीक़े से निशाना बनाए जाने के ख़िलाफ़ ऑग्रेनाइजे़शन ऑफ़ इस्लामिक कोऑपरेशन (OIC) की कड़ी प्रतिक्रिया आई है. ओआईसी ने अपने अधिकारिक बयान में स्पष्ट किया है कि अल अक़्सा मस्जिद मुसलमानों की इबादतगाह है. मस्जिद की क़ानूनी और ऐतिहासिक स्थिति बरक़रार रखने के लिए दुनिया को इज़राइल को जवाब तलब करना चाहिए. ओआईसी के महासचिव ने विश्व बिरादरी से ये आग्रह भी किया है. (Al Aqsa Masjid Muslim)

ओआईसी ने अपने बयान में कहा है कि अल अक़्सा मस्जिद जाने वाले नमाज़ियों को इजराइली सैनिक निशाना बना रहे हैं. मस्जिद परिसर के अंदर इबादत कर रही महिलाओं को भी नहीं बख़्शा जा रहा. दर्जनों फिलिस्तीनियों को गिरफ़्तार किया गया है. और उनके ख़िलाफ़ अमानवीयता की जा रही है. ये काफ़ी शर्मनाक है, जिसे हर हाल में रुकना चाहिए.

ओआईसी के महासचिव के हवाले से कहा गया है कि इजराइल सुरक्षा बलों के संरक्षण में अल अक़्सा मस्जिद के नज़दीकी इलाक़ों में चरमपंथियों को बसाया जा रहा है. वहां पहुंचने वाले मुसलमानों पर हमले किए जा रहे हैं. ये ख़तरनाक प्रवृत्ति है. जिसने पवित्र स्थलों की पवित्रा, प्रार्थना की स्वतंत्रा पर हमला, मानवाधिकारों के उल्लंघन के अलावा जेनेवा सम्मेलन और संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रस्तावों का उल्लंघन किया है. (Al Aqsa Masjid Muslim)


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इस्लामिक सहयोग संगठन ने दोहराया कि अल अक़्सा मुसलमानों के लिए रिज़र्व है. ये उनका पवित्र स्थल है. और अंतरराष्ट्रीय बिरादरी को चाहिए कि वो इज़राइल के बार-बार के उल्लंघनों का संज्ञान ले. मस्जिद की क़ानूनी और तारीख़ी स्थिति बनाए रखने के लिए ज़रूरी है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय इज़राइल से जवाब मांगे.

मक्का और मदीना के बाद अल अक़्सा मुसलमानों का तीसरा सबसे पवित्र स्थल है. जोकि यरूशलम में है. पिछले दो-तीन महीनों से यहां अशांति का माहौल है. फ़िलिस्तीनी मुसलमान मस्जिद जाते हैं, तो उन्हें इज़राइली सैनिकों द्वारा रोका जाता है. बुजुर्ग, बच्चे और महिलाओं के साथ मारपीट के वीडियो सामने आना, आम बात हो चुकी है. (Al Aqsa Masjid Muslim)

इधर सितंबर में फ़िलिस्तीनियों के ख़िलाफ़ इज़राइल की सख़्ती अचानक से बढ़ी है. जिससे मुस्लिम बिरादरी में बेचैनी देखने को मिल रही है. चूंकि ओआईसी मुस्लिम देशों का संगठन है और इस सदस्य देशों के मुसलमानों का प्रतिनिधित्व करता है, तो उसकी प्रतिक्रिया आई है.


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