
कोलकाता | तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी और विपक्ष के अन्य नेताओं को पत्र लिखा है। इस पत्र में ममता ने लिखा है कि लोकतंत्र पर बीजेपी के हमलों के खिलाफ पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव के बाद साझा संघर्ष करने का वक्त आ गया है।
Mamata Banerjee writes to leaders incl Sonia Gandhi, Sharad Pawar, MK Stalin, Tejashwi Yadav, Uddhav Thackeray, Arvind Kejriwal, Naveen Patnaik stating, "I strongly believe that the time has come for a united & effective struggle against BJP's attacks on democracy & Constitution" pic.twitter.com/OLp7tDm9pU
— ANI (@ANI) March 31, 2021
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सात पेज के इस लेटर में कहा गया है कि समय आ गया है कि बीजेपी की ओर से लोकतंत्र और संविधान पर किए जा रहे ‘हमले’ के खिलाफ एकजुट होकर प्रभावी तरीके से संघर्ष किया जाए और देश के लोगों के सामने विश्वसनीय विकल्प पेश किया जाए। विवादित नए कानून जो केंद्र के प्रतिनिधि, दिल्ली के उप राज्यपाल को दिल्ली की चुनी हुई सरकार के खिलाफ अधिकार देता है, के साथ ही ममता ने ऐसी सात घटनाओं का जिक्र किया है जिसे वे लोकतंत्र और संघीय ढांचे पर बीजेपी का हमला मानती हैं।
ममता ने पत्र में कहा है कि जिस तरह से बीजेपी ने एनसीआर बिल को पास करने की कोशिश की है इसके खिलाफ आवाज उठाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि बीजेपी एक अथॉरिटेरियन पार्टी है। ममता ने कहा कि हर राज्य की आवाज और जो आवाज उससे सामंजस्य ना रखे उसे दबा देना चाहती है।
उन्होंने कहा, ”गैर-बीजेपी दलों द्वारा शासित राज्यों में केन्द्र राज्यपाल के कार्यालय का दुरुपयोग कर निर्वाचित सरकारों के लिए समस्याएं पैदा कर रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उप राज्यपाल को दिल्ली का अघोषित वायसराय बना दिया गया, जो गृह मंत्री और प्रधानमंत्री के लिए एक प्रतिनिधि के रूप में काम कर रहे हैं।
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सोनिया गांधी के अलावा यह पत्र NCP अध्यक्ष शरद पवार, DMK के स्टालिन, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, वायएसआर कांग्रेस प्रमुख जगनमोहन रेड्डी, बीजेडी प्रमुख नवीन पटनायक, तेलंगाना राष्ट्र समिति के प्रमुख के चंद्रशेखर राव, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, राष्ट्रीय जनता दल के तेजस्वी यादव और आम आदमी पार्टी के संयोजन अरविंद केजरीवाल को भी भेजा गया है। खास बात यह है कि माकपा और भाकपा को पत्र नहीं भेजा गया है।
बंगाल विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण की 30 सीटों पर 171 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला कल गुरुवार को होगा। 30 सीटों में दक्षिण 24 परगना की 4,पश्चिम मेदिनीपुर की 9, बांकुड़ा की 8 और पूर्व मेदिनीपुर की 9 सीटें शामिल हैं। 5 साल पहले 2016 के विधानसभा चुनाव में इन 30 सीटों में से टीएमसी ने 22 यानी 73 फीसदी सीटों पर जीत हासिल की थी, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में स्थिति पूरी तरह से बदल गई और बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन किया था।
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