Maldives Foreign Minister Abdulla Shahid Elected UNGA President. हिंद महासागार में आबाद दक्षिण एशिया का सबसे छोटा देश है, ‘मालदीव’. इसके विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद (Abdulla Shahid ) संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly) के अध्यक्ष चुने गए हैं. भारत ने भी अब्दुला का समर्थन किया. उनके पक्ष में एक तिहाई वोट पड़े हैं. सितंबर में अब्दुल्ला UNGC के अध्यक्ष की शपथ लेंगे. इसके ठीक बाद होने वाली संयुक्त राष्ट्र महाससभा के 76वें अधिवेशन की वह अध्यक्षता करेंगे. यूएनजीए में अध्यक्ष चुने जाने से मालदीव में जश्न का माहौल का है.
यूएनजीए के अध्यक्ष पद के लिए मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद और अफगानिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री डॉ. जलमई रसूल ने दावेदारी पेश की थी. सोमवार को हुए मतदान में 191 सदस्य देशों ने मतदान किया. इसमें अब्दुल्ला को 143 वोट मिले, जबकि रसूल केवल 48 वोट हासिल कर पाए. इस तरह अब्दुलाह बड़े फासले के साथ अध्यक्ष निर्वाचित हुए हैं.

मालदीव के इतिहास में ये पहला मौका है, जब वह यूएनजीए के अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल रहा है. अब्दुल्ला शाहिद ने अपने संबोधन में कहा-पिछले 55 साल में मालदीव ने पहली दफा ये चुनाव लड़ा है, जिसमें उसे जीत हासिल हुई. ये वाकई बेहद गौरव और खुशी का पल है. मैं मालदीव का दिल से शुक्र अदा करता हूं.
अब्दुल्लाह ने वर्तमान की वैश्विक आपदा का नाम लिए बगैर कहा कि ये एक मुश्किल वक्त है. मैं बिना समय गंवाए अपनी टीम और कैलेंडर तैयार करने का काम शुरू करूंगा. मैं ये विश्वास दिलाता हूं कि हम दुनिया के सामने पैदा सभी चुनौतियों के समाधान के लिए काम करेंगे. अन्याय, असमानता, अस्थिरता और पर्यावरण की ढेरों चुनौतियां हैं.
भारत से मालदीव का नाता
मालदीव, भारत के केंद्र शासित राज्य लक्षद्वीप के उत्तर-दक्षिण दिशा में बसा है. ये एक द्वीप देश है. जिसके टापुओं का फैलाव लक्षद्वीप की उत्तर-दक्षिण दिशाओं तक है. आबादी और क्षेत्रफल, दोनों लिहाज से ये एशिया का सबसे छोटा मुल्क है. जिसकी आबादी महज 5.50 लाख के आस-पास है.

टापुओं पर बसीं 200 बस्तियां
मालदीव में 1192 टापू हैं. जिन पर 200 बस्तियां आबाद हैं. इसलिए ये दुनियाभर के सैलानियों को खूब लुभाता है. भारत के नेता-अभिनेता और उद्योगपति हर साल बड़ी तादाद में यहां छुट्टियां बिताने जाते रहते हैं. पूरे साल मालदीव में पर्यटकों का जमघट लगा रहता है. पर्यटन इसकी अर्थव्यवस्था का बड़ा स्रोत है. (Maldivian Foreign Minister Abdullah Shahid Elected President United Nations General Assembly)
भारत पहले ही कर चुका था समर्थन का ऐलान
अब्दुल्ला शाहिद ने 2018 में ही UNGA अध्यक्ष पद के लिए अपनी दावेदारी की घोषणा कर दी थी. इसके लिए उन्होंने सदस्य देशों से समर्थन जुटाना भी शुरू कर दिया था. इसी क्रम में उन्होंने भारत की तरफ भी उम्मीद भरी निगाहों से देखा. 2020 में भारत ने अब्दुल्ला के समर्थन का ऐलान कर दिया.
इसी साल 2021 में अफगानिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री रसूल भी दावेदार बन गए. चूंकि भारत अब्दुल्ला को पहले ही समर्थन देने की बात कह चुका था इसलिए उसी के पक्ष में मतदान किया. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने उन्हें अध्यक्ष चुने जाने पर अब्दुल्ला को बधाई दी है.

अब्दुल्ला शाहिद का सियासी सफर
राजनीति शास्त्र में स्नातक 59 वर्षीय अब्दुल्ला शाहिद 1984 में मालदीव के विदेश मंत्रालय से जुड़े थे. दिलचस्प बात ये है कि मंत्रालय से जुड़ने के बाद उनकी स्नातक की डिग्री पूरी हुई है. संघर्ष और काबिलियत के दम पर न सिर्फ पढ़ाई बल्कि राजनीतिक यात्रा, दोनों को साथ लेकर चलते रहे.
और देश की तमाम संवैधानिक संस्थाओं की जिम्मेदारी निभाते हुए वैश्विक स्तर के तमाम संगठनों से भी जुड़ते गए. साल 2009 से 2014 तक उन्होंने मालदीव की एक सदनीय विधायी निकाय, जिसे पिपुल्स मजलिस कहा जाता-के स्पीकर का दायित्व निभाया.
नए संविधान की रचना समिति का हिस्सा रहे
मालदीव डेमोक्रेटिक पार्टी (MDP)के नेता अब्दुल्ला शाहिद, मालदीव की उस समिति का भी हिस्सा रहे हैं, जिसने नया संविधान गढ़ा है. साल 2004 से 2008 तक वे इसमें शामिल रहे. नया संविधान लागू होने के बाद 2009 में पहली बार मालदीव में बहुदलीय संसदीय चुनाव संपन्न हुए थे. इस चुनाव में उन्होंने कियोधो संसदीय क्षेत्र से जीत दर्ज की थी.

मामून सरकार में रहे विदेश मंत्री
मालदीव में जब मामून अब्दुल गय्यूम की सरकार थी. तब 2007 से 2008 तक एक साल के लिए अब्दुल्ला शाहिद ने विदेश मंत्री की जिम्मेदारी संभाली थी. साल 2013 में वह एमडीपी में शामिल हो गए थे. (Maldivian Foreign Minister Abdullah Shahid Elected President United Nations General Assembly)