महाराष्ट्र के अहमदनगर में कोरोना की गिरफ्त में कैसे आए 9,900 बच्चे? जानें वजह

मुंबई। महाराष्ट्र के अहमदनगर में सिर्फ मई महीने में 9,900 बच्चे कोरोना की चपेट में आए है. वहीं इतनी बड़ी संख्या में बच्चों के पॉजिटिव आने पर ये सवाल उठ रहा है कि, कहीं कोरोना की तीसरी लहर आ तो नहीं गई.

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कहीं तीसरी लहर की चपेट में तो नहीं आए बच्चे?

बता दें कि, एक्सपर्ट ने तीसरी लहर में ज्यादातर बच्चों के कोरोना की चपेट में आने की आशंका जताई गई है. इस बीच, अहमद नगर के डीएम राजेन्द्र भोसले ने कहा कि, मई महीने में अहमदनगर में कुल 86 हजार पॉजिटिव केस आए हैं. लेकिन मौत नहीं हुई है.

कैसे कोरोना की गिरफ्त में आए बच्चे?

राजेन्द्र भोसले ने आगे बताया कि, अप्रैल के महीने में जो शादियां थीं उनमें 18 साल के नीचे के लोगों की भीड़ ज्यादा थी. उसके बाद लॉकडाउन के दौरान भी बच्चे खेल रहे थे. उनका मूवमेंट जारी थी. इसलिए बच्चों का पॉजिटिविटी रेट 11 फीसदी आया है.

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अहमदनगर जिले में टास्क फोर्स का गठन

उन्होंने बताया कि, अहमदनगर जिले में टास्क फोर्स का गठन किया है. उन्होंने कुछ सुझाव दिए हैं उसके हिसाब से सिविल हॉस्पिटल में पेडियाट्रिक वॉर्ड्स कर रहे हैं. 100 बेड का पेडिएट्रिक वॉर्ड हम कर रहे हैं. उसमें से 15 बेड आईसीयू रख रहे हैं. हालांकि इसमें से किसी की डेथ नहीं हुई है.

95 फीसदी लोगों में संक्रमण के लक्षण नहीं

जिलाधिकारी ने बताया कि, जिन 9,928 नाबालिगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है, उनमें से 6,700 लोग 11 से 18 वर्ष की आयु के हैं, 3,100 एक से दस वर्ष के बीच हैं वहीं कुछ एक वर्ष से कम आयु के भी हैं.

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95 प्रतिशत लोगों में संक्रमण के लक्षण नहीं

उन्होंने कहा कि, 95 प्रतिशत ऐसे लोग है जिनमें संक्रमण के लक्षण नहीं थे, इसलिए चिंता की बात नहीं है. संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका के चलते यह जरूरी है कि, बच्चों पर ज्यादा ध्यान दिया जाए. बालरोग कार्यबल के सदस्य डॉ सचिन सोलाट ने कहा कि, यह संख्या काफी अधिक है लेकिन हालात चिंताजनक कतई नहीं हैं, क्योंकि संक्रमण की चपेट में आए नाबालिगों में संक्रमण के लक्षण नहीं थे.

परिवार के सदस्यों से बच्चों तक पहुंचा संक्रमण

उन्होंने कहा कि, जिले के निगम अस्पताल में भर्ती 350 से 370 मरीजों में से पांच या छह बच्चे हैं. इतनी बड़ी संख्या में बच्चों के पॉजिटिव आने का कारण पर डॉ सोलाट ने कहा कि, अधिकतर मामलों में बच्चों में संक्रमण अभिभावकों या परिवार के अन्य वयस्क सदस्यों से पहुंचा है.

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indra yadav

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