द लीडर : 26 जनवरी को दिल्ली में किसान ट्रैक्टर परेड में हुई हिंसा के खिलाफ पुलिस कार्रवाई का सिलसिला शुरू हो गया है. गुरुवार को किसान नेताओं को लुक आउट नोटिस जारी किया गया है. उनके पासपोर्ट जब्त किए जाएंगे. यानी किसी भी हालत में वे देश नहीं छोड़ सकेंगे. पुलिस ने किसान नेता डॉ. दर्शनपाल सिंह को एक नोटिस भेजकर पूछा है कि, ‘पुलिस के साथ आपका जो समझौता हुआ था, उसे तोड़ा गया. क्यों न आपके खिलाफ कार्रवाई की जाए.’ तीन दिन के अंदर अपना जवाब देना है.
गणतंत्र दिवस पर मंगलवार को किसानों ने ट्रैक्टर रैली निकाली थी. जिसमें कई जगहों पर हिंसा हुई. लाल किले पर धार्मिक झंडा फहराया गया था. दिल्ली पुलिस के मुताबिक घटना में करीब 300 से अधिक लोग घायल हुए हैं. इसमें पुलिसकर्मी भी शामिल हैं. इस मामले में पुलिस ने करीब 200 किसानों को हिरासत में लिया है.
किसानों को बदनाम करने की सरकारी साजिश बेनकाब, जारी रहेगा आंदोलन: संयुक्त किसान मोर्चा
दिल्ली के विभिन्न थानों में दर्जनों एफआइआर दर्ज की गई हैं. एक एफआइआर में योगेंद्र यादव, राकेश टिकैत, बलवीर सिंह राजेवाल, मेधा पाटेकर समेत करीब 37 प्रमुख किसान नेताओं के नाम शामिल हैं. ये ऐसे नेता हैं जो संयुक्त किसान मोर्चा और पूरे किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं. इसी बीच राकेश टिकैत ने कहा कि जांच में वे पुलिस का पूरा सहयोग करेंगे.
दिल्ली पुलिस ने साफ किया कि हिंसा में शामिल कोई भी आरोपी बख्शा नहीं जाएगा. लाल किले पर झंडा फहराने वाले दीप सिद्धू का नाम भी एफआइआर में है. इन सभी के खिलाफ दंगा, आपराधिक साजिश, हत्या, डकैती जैसी गंभीर धाराओं में कस दर्ज किए गए हैं.
गाजीपुर बॉर्डर पर काटी की गई बिजली
यूपी गेट गाजीपुर बॉर्डर पर बुधवार की रात बिजली काट दी गई. इससे आंदोलनकारी किसानों में पुलिस कार्रवाई की आशंका पैदा हुई तो वे सक्रिय हो गए. किसासों के मुताबिक रातभर ट्रैक्टर और मोबाइल से लाइट की व्यवस्था रखी गई.
वहीं, गृहमंत्री अमित शाह ने किसान परेड हिंसा में घायल पुलिसकर्मियों से गुरुवार को अस्पताल पहुंचकर मुलाकात की है.
दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सिविल लाइन के तीरथराम शाह अस्पताल में 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा में घायल हुए पुलिस कर्मियों से मुलाकात की। pic.twitter.com/9qTG7nTDz6
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 28, 2021