Anticipatory Bail to Actress Ayesha Sultana in Sedition Case . लक्षद्वीप (Lakshadweep ) की अभिनेत्री आयशा सुल्ताना को केरल हाईकोर्ट ने देशद्रोह के मामले में अग्रिम जमानत दे दी है. लक्षद्वीप प्रशासन के नए नए कानूनों की आलोचना करने पर उनके खिलाफ देशद्रोह (Sedition) का केस दर्ज किया गया था. शुक्रवार को मामले की जमानत की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा है कि, आयशा के बयान से कोई ऐसा साफ इशारा नहीं मिलता है, जिसे राष्ट्रहित के लिहाज से नुकसानदायक माना जाए.
एक मलयालम न्यूज चैनल पर बहस के दौरान आयशा ने लक्षद्वीप के नए कानूनों और प्रशासिक फैसलों पर टिप्पणी की थी. जिसमें उन्होंने कथित रूप से ये कहा था कि द्वीप पर आपदा प्रतिबंधों में कटौती करना, सरकार का जैविक हथियार इस्तेमाल करने जैसा है.
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उनकी इसी टिप्पणी को आधार पर बनाकर इसी महीने लक्षद्वीप भाजपा इकाई के नेता ने केस दर्ज कराया था. जिसमें अग्रिम जमानत के लिए आयशा ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया.
शुक्रवार को न्यायमूर्ति अशोक मेनन की सिंगल बेंच में इसकी सुनवाई हुई. जिसमें अदालत ने कहा कि याची के बयान में कोई साफ इशारा नहीं है, जिससे नैशनल इंट्रैस्ट को नुकसान पहुंचाने के आरोप के समान हो. न ही यह किसी व्यक्ति या समूह-वर्ग के खिलाफ है. आयशा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 124-ए,व 153-ए आदि के तहत केस पंजीकृत किया गया था.
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दरअसल, लक्षद्वीप में प्रशासनिक नीतियों के खिलाफ स्थानीय लोगों में जबरदस्त आक्रोश है. इसको लेकर वे प्रशासक प्रफुल खोडा पटेल को हटाए जाने की मांग उठाए हुए हैं. करीब दो-ढाई महीने से ये विवाद जारी है.
प्रशासक प्रफुल पटेल, जोकि गुजरात के पूर्व गृह राज्यमंत्री रह चुके हैं-पिछले साल दिसंबर में उन्हें लक्षद्वीप के प्रशासक की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. आरोप है कि पटेल के आने के बाद से ही द्वीप पर ऐसे नियम-कानून और थोपने की कोशिश कर रहे हैं, जिसे यहां की आबादी काफी प्रभावित होगी.
लक्षद्वीप प्रशासन ने जो नए-नियम बनाए हैं, उसमें लक्षद्वीप में शराब पर लगी बंदिश को हटाने और मीट पर प्रतिबंध, समंदर के तटों से मछुआरों के शेड हटाए जाने समेत कई अन्य कड़े फैसले शामिल हैं. यही नाराजगी की मूल वजह है.
जिसको लेकर लगातार धरना-प्रदर्शन और आंदोलन हुए. हाल ही में लक्षद्वीप के सांसद के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल गृहमंत्री अमित शाह से मिला था, जिसे ये आश्वासन दिया था कि स्थानीय लोगों की सहमति के बाद ही नए प्रस्तावों को लागू किया जाएगा.
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बता दें कि केरल विधानसभा सर्वसम्मति से ये प्रस्ताव पारित कर चुका है कि लक्षद्वीप के घटनाक्रम पर केंद्र सरकार हस्तक्षेप करे और प्रशासक पद से प्रफुल पटेल को हटाए. प्रस्ताव में ये भी कहा गया था कि केरल, लक्षद्वीप के साथ है.