जानें मसूड़ों की बीमारी… कैसे बदलती है दिल की बीमारी में

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द लीडर हिंदी : चेहरे पर प्यारी सी मुस्कान किसे अच्छी नहीं लगती है. आपके चेहरे पर खुबसूरत सी हंसी आपका आत्मविश्वास और भी बढ़ा देती है. और इस मुस्कुराहट के पीछे आपके सफेद दातों के साथ-साथ मुंह की सफाई का बड़ा योगदान होता है.बतादे कि मुंह की अच्छे तरीके से साफ-सफाई न होने के कारण आपको सांसों से बदबू आने की समस्या महसूस हो सकती है.

मुंह में बैक्टीरिया के विकास की वजह से बदबू आने की समस्या काफी सामान्य है, पर अगर आप सुबह-शाम अच्छे से ब्रश करते हैं, मुंह की साफ-सफाई करते हैं फिर भी सांसों से बदबू आती रहती है तो सावधान हो जाइये.क्योकि आपको कोई परेशानी होने वाली है.

बता दें कि अक्सर बनी रहने वाली ये समस्या शरीर में कई बीमारियों के विकास का संकेत भी हो सकती है, जिसपर गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत होती है. आप मान नहीं सकते.कुछ मामलों में ये हार्ट की समस्याओं का भी संकेत हो सकता है.

रिसर्च में पाया गया है कि सांसों की दुर्गंध और हार्ट की बीमारियों के बीच संबंध हो सकता है. शोधकर्ताओं का मानना है कि अगर आपको मसूड़ों की बीमारी है, मुंह से बदबू आती रहती है या फिर मसूड़ों में लगातार सूजन बनी रहती है तो इसकी वजह दिल की बीमारियों के विकसित होने का जोखिम भी बढ़ जाता है. इस तरह की परेशानी पर वक्त रहते ध्यान देकर डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी हो जाता है.

मसूड़ों की बीमारी से दिल की बिमारी का संबंध
प्रकाशित एक शोध में विशेषज्ञों ने मसूड़ों की बीमारी और हृदय रोग के बीच संभावित खतरे को लेकर लोगों को अलर्ट किया है.वही स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, मूसडों की बीमारी होने या मुंह की अच्छे से साफ-सफाई न होने से मुंह के बैक्टीरिया के शरीर के अन्य हिस्सों में फैलने का खतरा हो सकता है.ये हृदय की वाहिकाओं में सूजन और हृदय वाल्व में संक्रमण का भी कारण बन सकते हैं. दुनियाभर मे बड़ी संख्या में इस तरह की दिक्कतों के शिकार लोगों को देखा गया है.

मसूड़ों की बीमारी के कारण होने वाली समस्याएं
 एक अध्ययन में पाया कि अकेले अमेरिका में 30 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लगभग आधे लोग और 65 साल और उससे अधिक उम्र के 70 प्रतिशत लोगों में मसूड़ों की किसी न किसी स्तर की बीमारी है.ये हृदय स्वास्थ्य को भी प्रभावित करने वाली समस्या हो सकती है.

शोध में कहा गया है कि मसूड़ों की बीमारी और सूजन की स्थिति दिल के दौरे, स्ट्रोक और अचानक वाहिकाओं में होने वाली समस्याओं का संकेतक हो सकती है. शरीर में कहीं भी लंबे समय तक बनी रहनी वाली इंफ्लामेशन की समस्या गंभीर बीमारियों के खतरे को बढ़ा सकती है, मसूडों में भी इंफ्लामेशन खतरनाक हो सकता है.

जानिए अध्ययनकर्ता क्या कहते हैं?
अध्ययनकर्ताओं की टीम कहती है, जिन लोगों को पहले से हार्ट या रक्त वाहिकाओं से संबंधित समस्या है, उनमें मसूड़ों की बीमारी के कारण होने वाली सूजन की प्रतिक्रिया इन रोगों के खतरे को और भी बढ़ा सकती है. एक डॉक्टर के मुताबीक मसूड़ों की बीमारी होने पर हृदय वाल्व से संबंधित रोग वाले लोगों को और भी खतरा हो सकता है. मसूड़ों की बीमारी होने पर मुंह में मौजूद बैक्टीरिया रक्तप्रवाह में प्रवेश कर सकते हैं, जिससे इनके लिए हृदय में प्रवेश करना और आसान हो जाता है और फिर ये सीधे कमजोर हृदय वाल्वों को संक्रमित कर सकते हैं.

बहुत जरूरी है मुंह की साफ-सफाई
शोधकर्ता कहते हैं, मुंह की साफ-सफाई सिर्फ दांतों को साफ रखने, सांस की बदबू से बचने के लिए ही नहीं, शरीर में अन्य गंभीर बीमारियों के खतरे को कम करने के लिए भी जरूरी है.

अच्छी बात यह है कि मसूड़ों की की बीमारी, सूजन को रोकना और इलाज करना आसान है. इसके साथ सभी लोगों के लिए जरूरी है कि आप प्रतिदिन कम से कम दो बार ब्रश और मुंह की अच्छे से सफाई जरूर करें। इस तरह की छोटी-छोटी सावधानियां बरतकर आप गंभीर रोगों के खतरे को कम कर सकते हैं. आपके मुंह से अगर बदबू आती है, मसूड़ों में दिक्कत है तो इसे हल्के में न लें और अपने डेंटिस्ट से जरूर मिलें.