डल झील में फिर खिली ‘कश्मीर की कली’

0
411

कश्मीर घाटी में सिनेमाघरों को बंद हुए दशकों बीत गए। हिंदी फिल्मों में बाद में कश्मीर अमूमन आतंकवादियों की जमीन जैसा दिखाई दिया है। जबकि इस खूबसूरत घाटी में मुहब्बत और इंसानियत की न जाने कितनी कहानियां मौजूद हैं। लेकिन अब शायद फिर से डल झील के शिकारा में तरक्की और ख्वाबों की नई दुनिया बसने का माहौल पैदा हो, इसकी एक अहम कोशिश सच हो गई है। यह हुआ है डल झील में तैरते सिनेमा से। (Floating Cinema In Kashmir)

कश्मीर सरकार ने डल झील के बीच में अपनी तरह का पहला तैरता हुआ सिनेमा और ओपन-एयर थिएटर शुरू किया है। उद्घाटन के दिन बॉलीवुड की मशहूर फिल्म ‘कश्मीर की कली’ बड़े पर्दे पर दिखाई गई। ‘कश्मीर की कली’ की शूटिंग 1964 में कश्मीर में हुई थी। जम्मू-कश्मीर पर्यटन विभाग ने स्मार्ट सिटी श्रीनगर और मिशन यूथ जम्मू-कश्मीर के सहयोग से इस थिएटर को शुरू किया है।

“हमने डल झील के बीच में एक खुला थिएटर शुरू किया है। लोग शिकारा में बैठकर फिल्में देख सकते हैं। यह एक नया विचार है। पर्यटकों को खास जानकारी देने के लिए इस थिएटर में चलने वाली हाउसबोट्स के बारे में एक फिल्म होगी। इससे हाउसबोट समुदाय को बहुत कारोबार के लिए बल मिलेगा और कश्मीर घाटी में पर्यटन को बढ़ाने में मदद मिलेगी, “निदेशक पर्यटन, जीएन इटू ने कहा। (Floating Cinema In Kashmir)

सरकार ने डल झील में लेजर शो का भी उद्घाटन किया। स्थानीय लोगों और पर्यटकों के लिए झेलम नदी और डल झील, कश्मीरी संस्कृति और पारंपरिक व्यंजनों में हाउसबोट की पुरानी तस्वीरों को दर्शाने वाले पुराने प्रशंसापत्र, पत्रिकाओं और तस्वीरों को प्रदर्शित करने वाली एक गैलरी भी लगाई गई। पर्यटकों को समारोह में शामिल होने और लेजर शो और फिल्मों को देखने के लिए शिकारा और हाउसबोट का एक बेड़ा उपलब्ध कराया गया।

अक्षमा नाम की एक पर्यटक ने कहा, “मैं बहुत अच्छा महसूस कर रही हूं। यह भारत का पहला तैरता हुआ सिनेमा है और यह एक खूबसूरत और यादगार तजुर्बा है। हम इसका भरपूर आनंद ले रहे हैं। श्रीनगर में यह बेहद खास जगह है। किसी को भी यहां आने से डरना नहीं चाहिए। (Floating Cinema In Kashmir)

इस मौके पर शानदान रोशनी के साथ एक शिकारा रैली का भी आयोजन किया गया, जो नेहरू पार्क से होते हुए कबूतर खाने तक हुई। रैली में स्थानीय कलाकार कश्मीरी गीत गाते और नाचते हुए अपनी लोक सांस्कृतिक विरासत की ठसक महसूस कराते नजर आए।


यह भी पढ़ें: श्रीनगर की अनोखी मस्जिद में गूंजा ‘अल्लाह हू अकबर’, यह है इतिहास


(आप हमें फ़ेसबुकट्विटरइंस्टाग्राम और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं)

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here