Kashipur : राजस्व विभाग की लचर व्यवस्था का फायदा उठा रहे भू-माफिया, सरकारी जमीन की अपने नाम

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द लीडर। उत्तराखंड के काशीपुर में भू माफियाओं के आगे प्रशासन और प्राधिकरण नतमस्तक दिख रहा है। इसके साथ ही राजस्व अभिलेखों के साथ छेड़छाड़ कर कई जमीन भूमाफिया के नाम पर हो गई है। लेकिन इन माफियाओं के ऊंचे रसूख के चलते इनपर कार्यवाही महज फाइलों में ही दब कर रह जाती है।

दरअसल, राजस्व अभिलेखों के आधार पर दर्ज सरकारी भूमि या यूं कहें कि नान जेड ए, ग्राम समाज, खंती की भूमि जो किसी दूसरे के नाम पर दर्ज नहीं हो सकती है, ऐसी जमीनों को फर्जी तरीके से अमल दरामद कर ट्रांसफर कर दी गयी है, ये खेल सिर्फ भू माफियाओं ने अकेले नहीं खेला बल्कि राजस्व अभिलेखों के साथ खिलवाड़ बिना मिलीभगत के नहीं हुआ होगा।

माफिया ने अपने नाम की सरकारी जमीन

यही नहीं सरकारी तंत्र की लचर व्यवस्था का फायदा उठाते हुए माफियाओं ने सरकारी भूमि को अपने नाम दर्ज कर अब यहां अवैध रूप से निर्माण भी शुरु कर दिया है, जहां अवैध रूप से मिट्टी का भरान भी शुरू हो गया, लेकिन तहसील कर्मचारी हो, या फिर प्रशासनिक अमला अपनी कुर्सियों से हिलने को तैयार नहीं है।

 


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लिहाजा माफिया राज के सामने नियमों की जमकर धज्जियां उड़ना तो लाजमी ही है, वहीं इस बारे में जब स्थानीय व्यापारी ने शिकायत दर्ज की तो उनकी शिकायत भी फाइलों में दब कर ही रह गयी।

माफिया पर कार्रवाई नहीं कर रहे अधिकारी

वहीं अगर अधिकारियों की माने तो, शिकायतों के आधार पर कार्यवाही की जा रही है, जिसमें कई अवैध रूप से बनने वाली अवैध कालोनियों पर भी प्रशासन ने शिकंजा कसा है, यहीं नहीं एसडीएम का कहना है कि, जल्द ही प्रशासन नियम विरुद्ध बनने वाली कोलोनियां और निर्माण कार्यों पर कार्यवाही अमल में लायेगा।

बहरहाल, अधिकारियों की कार्यवाही के रटे हुए बयान तो कई बार आप भी सुन चुके हैं, लेकिन शायद ही कभी ऐसा हुआ हो कि इनके बयानों के बाद कोई ठोस कार्यवाही अमल में लायी गयी है, यही वजह है कि, शहर में भू माफियाओं का जंगलराज राजस्व विभाग की लचर व्यवस्था का जमकर फायदा उठा रहे हैं। और सरकारी जमीनों पर कब्जा कर जमकर चांदी काट रहे हैं। फिलहाल अब देखना ये होगा कि, आखिर इन भू माफियाओं पर कब नकेल कसी जाती है।


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