जानिए क्यों प्ले स्टोर से Google ने बैन किए पॉपुलर Muslim Prayer ऐप्स ?

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द लीडर। Google लगातार ऐप्स को सिक्योरिटी कंसर्न की वजह से बैन करता रहता है. एक बार फिर से Google ने कई ऐप्स को बैन कर दिया है. इसमें फेमस Muslim Prayer Apps भी शामिल हैं.

इन ऐप्स को 1 करोड़ से ज्यादा बार डाउनलोड किया गया था. इसके अलावा Google ने बारकोड स्कैनर और एक क्लॉक ऐप को भी बैन कर दिया है.

एक दर्जन से ज्यादा ऐप्स बैन

रिपोर्ट्स के अनुसार, Google ने Play Store से एक दर्जन से ज्यादा ऐप्स को बैन किया है. इन ऐप्स को लेकर कहा गया है कि, ये यूजर्स के डेटा को कलेक्ट कर रहे थे.

रिसर्चर ने बताया कि, कई ऐप्स में मैलवेयर था जिससे यूजर की पर्सनल जानकारी और दूसरे डेटा को हासिल किया जाता था. Wall Street Journal की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि, जब ऐसे ऐप्स को यूजर अपने फोन पर इंस्टॉल करते थे तब वो डिवाइस के साथ-साथ यूजर्स के डेटा को भी कैप्चर कर लेते थे.


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इसमें फोन नंबर और ईमेल एड्रेस जैसी जानकारियां भी शामिल हैं. इस मैलवेयर कोड को AppCensus के Serge Egelman और Joel Reardon ने खोजा था. AppCensus मोबाइल एप्लीकेशन को यूजर प्राइवेसी और सिक्योरिटी के लिए चेक करता है.

Reardon ने अपने ब्लॉग पोस्ट में कहा कि, इस खामी को लेकर AppCensus ने सबसे पहले गूगल से कॉन्टैक्ट करके इसके बारे में कंपनी को पिछले साल अक्टूबर में जानकारी दी. इन एप्लीकेशन को प्ले स्टोर से 25 मार्च तक नहीं हटाया गया था.

ऐप्स को प्ले स्टोर से हटा दिया गया

इसके बाद गूगल ने इस पर जांच शुरू की और इन ऐप्स को प्ले स्टोर से हटा दिया. गूगल ने अपने स्टेटमेंट में कहा कि Google Play पर मौजूद सभी ऐप्स को कंपनी की पॉलिसी और गाइडलाइन के अनुसार चलना होगा. अगर कोई ऐप कंपनी के स्टैंडर्ड को ब्रीच करता है तो उस पर जरूरी एक्शन लिया जाएगा.

रिपोर्ट के अनुसार, Muslim prayer ऐप्स जैसे Al Moazin और Qibla Compass को 1 करोड़ से ज्यादा बार डाउनलोड किया गया था उन्हें भी बैन कर दिया है. इन ऐप्स को लेकर कहा गया है कि ये यूजर्स के फोन नंबर, नेटवर्क इंफोर्मेशन और IMEI को चुराते थे.


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