कुदरत का रौद्र रूप : गुजरात और मुंबई के बाद पानी-पानी हुआ कराची, भारी बारिश के चलते कई लोगों ने गंवाई जान

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द लीडर। इन दिनों कुदरत अपना रौद्र रूप दिखा रही है। देश में जहां बाढ़ और भारी बारिश के कई राज्यों में हाहाकार मचा हुआ है। गुजरात और मुंबई में भारी बारिश से हाल बेहाल है।

देश में आफत की बारिश से सबसे बुरे हालात गुजरात, महाराष्ट्र, असम और मध्य प्रदेश के हैं। यहां गांव तो गांव शहर भी जलमग्न हो गए हैं। और कई जिंदगियां भी खत्म हो गयी है। वहीं पाकिस्तान का कराची शहर भी पानी में डूब गया है। भारी बारिश से यहां भी लाखों लोगों की जिंदगियां अस्त व्यस्त हो गई हैं।


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गुजरात में भारी बारिश के चलते 83 लोगों ने गवांई जान

अभी भी गुजरात के कई हिस्सों में भारी बारिश का कहर जारी है। राज्य में एक जून से अब तक भारी बारिश और बाढ़ के चलते 83 लोगों की मौत हो चुकी हैं। वहीं कई इलाकें प्रभावित हुए है। इसके साथ ही बाढ़ से प्रभावित हुए इलाकों से 31 हजार लोगों को बाहर निकाला गया है।

अभी भी गुजरात के कई इलाके पानी में डूबे हैं। इसके साथ ही भारी बारिश के चलते कच्छ, नवसारी और डांग में स्टेट हाइवे बंद है। और पंचायतों के करीब 453 रास्ते बंद है। इसके साथ ही 700 से ज्यादा गांवों में बिजली गुल हो गई है। बताया जा रहा है कि, राज्य के 27 जिलों के 1934 गांव बाढ़ की चपेट में हैं।

गुजरात में भी बारिश से हालात खराब

फिलहाल मौसम विज्ञान विभाग ने कई इलाकों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। और लोगों से सावधान रहने को कहा है। बता दें कि, गुजरात में भारी बारिश से फसलें भी नष्ट हो गई है। जिससे किसानों को काफी नुकसान हुआ है।

पानी में डूबी मायानगरी मुंबई, 89 की मौत

मायानगरी मुंबई का हाल भी कुछ ऐसा ही है। महाराष्ट्र के कई हिस्सों में लगातार जारी भारी बारिश के कारण बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं। भारी बारिश से कई शहरों में जनजीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त हो गया है। राज्य में अब तक भारी बारिश से 89 लोगों की मौत हो चुकी हैं। राज्य के गढचिरौली, नासिक, पालघर, पुणे समेत कई जिलों में अभी भी हाल बेहाल है। मौसम विभाग ने अगले तीन दिन तक नासिक, पालघर और पुणे में भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है।

वहीं राज्य में भारी बारिश के चलते नासिक शहर में मंगलवार को स्कूल और कॉलेज बंद करने पड़े। नागपुर में मंगलवार को बाढ़ में एक पुल से एक वाहन के बह जाने के कारणतीन लोगों की मौत हो गई और तीन अन्य लोग लापता हैं। वहीं भारी बारिश और कई इलाकों के पानी में डूबे होने के कारण कई स्थानों पर यातायात बाधित हो गया है।

गुजरात, महाराष्ट्र और असम के साथ-साथ पड़ोसी देश पाकिस्तान के कराची में भी भारी बारिश से हाल बेहाल होते जा रहे हैं। पाकिस्तान की राजधानी कराची के कई शहर और गलियां पानी-पानी हो गए है। आलम यह है कि, लोग जरूरी काम के लिए भी घर से नहीं निकल पा रहे हैं।


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कराची के कई इलाके भी पानी-पानी हुए

यहां देश के कई हिस्सों में बाढ़ की वजह से हालात बेकाबू हो गए है। वहीं अब कराची में भी कई शहर पानी में डूब गए हैं। इसके साथ ही कराची में कई कच्चे मकानों के ढहने की भी खबर हैं। ईद-उल-अजहा के पहले दिन से हो रही बारिश ने पाकिस्तान की आर्थिक राजधानी के पॉश इलाकों और मुख्य सड़कों को भी पानी से भर दिया है। कई इलाकों में घुटने तक पानी भरा हुआ है।

कराची के कई इलाके पानी में डूबे

पाकिस्तान मौसम विभाग ने बताया कि, इस साल मानसून सिस्टम के कारण बलूचिस्तान में सामान्य से अधिक बारिश हुई। वहीं कराची में औसत बारिश हो रही है। पाकिस्तान में सिंध प्रांत के कराची शहर एवं बलूचिस्तान प्रांत में निरंतर बारिश होने एवं बाढ़ आने के कारण कम से कम 68 लोगों की मौत हो चुकी है। यह सोमवार का आंकड़ा है।

इसके साथ ही बलूचिस्तान प्रांत के क्वेटा, बरखान, पिशिन, कोहलू, बोलान , लोरलाई और झोब इलाकों में 63 लोगों की और सिंध प्रांत की राजधानी कराची में पांच लोगों की मौत हो गई। यहां के कई इलाके पूरी तरह से जलमग्न हैं। बलूचिस्तान प्रांत आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने कहा कि, लोगों की मौत के अलावा 50 से अधिक लोग घायल भी हुए हैं।

जलवायु परिवर्तन के कारण बदल रहा मौसम का मिजाज

कराची के मुख्य मौसम विज्ञानी सरदार सरफराज ने शिन्हुआ को बताया कि, शहर में स्थापित 18 रेन गेज के मुताबिक, हाल के समय में औसतन 115.6 मिमी के साथ 52 मिमी से लेकर 342.4 मिमी तक बारिश हुई है।

उन्होंने कहा कि, जलवायु परिवर्तन के कारण दक्षिण एशियाई क्षेत्र में मौसम का मिजाज बदल रहा है, जिस कारण कभी-कभी सामान्य से अधिक बारिश होती है। नतीजतन, बाढ़ आती है और कभी-कभी कम बारिश के कारण सूखा भी पड़ जाता है।

बाढ़ के प्रकोप से बेहाल भारत ही नहीं बल्कि पाकिस्तान, बांग्लादेश, प्राकृतिक आपदा से लाखों लोग बेघर हो चुके हैं। भारी बारिश के चलते कई सूबों में बाढ़ के हालात बन गए हैं। हालांकि राहत और बचाव कार्य जारी है। कई देशों में तो भारी बारिश के कारण बाढ़ और लैंडस्लाइड की घटनाएं हुईं जिसमें सैंकड़ों लोगों की मौत हो गई और लापता हो गए।


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